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हर महीने सिलेंडर का झंझट खत्म! यूपी सरकार की इस स्कीम से मिलेगी राहत

यूपी सरकार की यह बायोगैस योजना गांवों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है. इससे एलपीजी गैस पर होने वाला खर्च बचेगा, जैविक खाद मिलेगी, पर्यावरण को फायदा होगा और गांव ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेंगे.

16 Jul, 2025
( Updated: 16 Jul, 2025
10:03 AM )
हर महीने सिलेंडर का झंझट खत्म! यूपी सरकार की इस स्कीम से मिलेगी राहत

UP Government Biogas Unit Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार लगातार अपने नागरिकों के कल्याण के लिए नई-नई योजनाएं शुरू करती रहती है। कभी किसानों के लिए फसल बीमा और सिंचाई की सुविधा होती है, तो कभी गरीबों के लिए मुफ्त राशन और मकान योजनाएं चलाई जाती हैं. अब सरकार की जो नई योजना सामने आई है, वह सीधे लोगों की रसोई से जुड़ी हुई है. यह योजना खासतौर पर गांवों में रहने वाले किसानों और आम ग्रामीणों के लिए बनाई गई है, जिससे उनके रसोई खर्च में भारी कमी आ सकती है.

बायोगैस यूनिट: गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम

इस योजना के तहत सरकार अब गांवों में बायोगैस यूनिट स्थापित करने जा रही है. इन यूनिटों को किसानों के घरों, खेतों या गोशालाओं के पास लगाया जाएगा। बायोगैस एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोत है, जिसे पशुओं के गोबर और जैविक कचरे से तैयार किया जाता है. इससे न केवल खाना पकाने के लिए ईंधन (गैस) मिलेगा, बल्कि इस प्रक्रिया में बनने वाले स्लरी से जैविक खाद भी तैयार होगी, जिसका उपयोग किसान अपनी फसलों में कर सकेंगे.

इस तरह एक ही यूनिट से दोहरा लाभ मिलेगा रसोई के लिए गैस और खेतों के लिए उर्वरक. यह कदम न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है.

क्या वाकई LPG सिलेंडर हो जाएंगे पूरी तरह बंद?

अब सवाल उठता है कि क्या यह बायोगैस योजना एलपीजी सिलेंडर की पूरी तरह से जगह ले पाएगी? इसका उत्तर फिलहाल "आंशिक रूप से हां" है. उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के एक अधिकारी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार, इस योजना से गांवों में एलपीजी की खपत में लगभग 70% तक की कमी आ सकती है। यानी, जो परिवार हर महीने सिलेंडर भरवाने में खर्च करते थे, उनका यह खर्च काफी हद तक कम हो जाएगा.

हालांकि, यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी कि एलपीजी सिलेंडर पूरी तरह खत्म हो जाएंगे, क्योंकि बायोगैस यूनिट को पूरे राज्य के हर गांव और हर घर तक पहुंचाना एक लंबी प्रक्रिया है. लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि यह योजना एलपीजी पर निर्भरता को कम करने में एक बड़ा और असरदार कदम है.

बायोगैस से मिलेगा ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर भी

बायोगैस प्लांट से जहां एक ओर रसोई के लिए गैस तैयार होगी, वहीं दूसरी ओर इसका एक और बड़ा फायदा जैविक खाद के रूप में मिलेगा. इससे किसानों को अब बाहर से केमिकल फर्टिलाइजर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे उनकी खेती की लागत भी कम हो जाएगी और मिट्टी की सेहत भी सुधरेगी.

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए यह योजना एक मजबूत नींव रखेगी. इससे फसलों की गुणवत्ता बेहतर होगी और बाजार में जैविक उत्पादों की मांग को देखते हुए किसानों की आमदनी में भी इज़ाफा हो सकता है.

सरकार का लक्ष्य: गांव बनें ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर

इस पूरी योजना का उद्देश्य यह है कि गांव अपने ऊर्जा संसाधनों के लिए किसी बाहरी स्रोत पर निर्भर न रहें .गांवों में ही अगर रसोई गैस और खाद दोनों की आपूर्ति स्थानीय स्तर पर होने लगे, तो न केवल खर्च में कमी आएगी, बल्कि गांवों की अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी.

यह योजना फिलहाल गोशालाओं और कुछ चयनित गांवों में शुरू की गई है, लेकिन सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में हर किसान के घर तक यह सुविधा पहुंचे. यह पहल प्रधानमंत्री के "आत्मनिर्भर भारत" के विजन के तहत भी एक अहम कदम मानी जा सकती है.

 योजना से राहत और उम्मीद दोनों

यूपी सरकार की यह बायोगैस योजना गांवों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है. इससे एलपीजी गैस पर होने वाला खर्च बचेगा, जैविक खाद मिलेगी, पर्यावरण को फायदा होगा और गांव ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेंगे.

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