करुर भगदड़ के बाद खतरे में पड़ा विजय थलपति का राजनीतिक भविष्य! TVK के सामने ये हैं बड़ी चुनौतियां
करूर भगदड़ के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. 60 हजार लोगों को एंट्री क्यों दी गई? क्या आयोजकों को भीड़ का अंदाजा नहीं था. बैकअप प्लान क्या था? तमिलगा वेट्री कड़गम पार्टी (TVK) प्रमुख विजय सवालों के घेरे में हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल उनकी पार्टी के भविष्य को लेकर उठने लगा है.
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27 सिंतबर 2025, तमिलनाडु के करूर में एक्टर से नेता बने विजय की बड़ी रैली हो रही थी. जिस जगह ये रैली हो रही थी वहां 10 हजार लोगों के ही जमा होने की परमिशन थी, लेकिन पहुंचे 60 हजार से ज्यादा लोग. फिर जिसका डर था वहीं हुआ. देखते ही देखते रैली ने भगदड़ की शक्ल ले ली और नेता विजय थलपति का ये शक्ति प्रदर्शन एक भयावह मंजर में तब्दील हो गया. जिसकी कीमत 39 लोगों ने अपनी जान देकर चुकाई.
इस दर्दनाक घटना के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. मसलन 60 हजार लोगों को एंट्री क्यों दी गई? क्या आयोजकों और विजय को भीड़ का अंदाजा नहीं था. बैकअप प्लान क्या था, वगैरह-वगैरह. तमिलगा वेट्री कड़गम पार्टी (TVK) प्रमुख विजय सवालों के घेरे में हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल उनकी पार्टी के भविष्य को लेकर उठने लगा है. संभवत विजय की दूसरी सबसे बड़ी रैली थी और इस रैली में ये बड़ा हादसा हमेशा के लिए TVK के पन्नों में दर्ज हो गया. तमिलनाडु का राजनीतिक भविष्य बनने की ओर बढ़ रहे विजय थलपति की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचा है.
तमिलनाडु में एक्टर विजय की रैली में हुई भगदड़ में अब तक महिलाएं और बच्चों सहित 39 लोगों की मौत हो गई है. कई लोग घायल हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे लोगों का सैलाब आया हुआ था, इसी वक्त स्थिति बिगड़ी.#KarurStampede pic.twitter.com/WU7oQhUU10
— NMF NEWS (@nmfnewsofficial) September 28, 2025
भगदड़ के बाद कहां चले गए थे विजय थलपति?
करूर में रैली के जरिए विजय थलपति अपना कद बढ़ाना चाह रहे थे. फिल्मों में उन्हें सिर पर बैठाने वाली जनता राजनीति में भी उनको भविष्य के नेता के तौर पर देख रही थी, लेकिन भगदड़ के बाद वही विजय अपना लाव लश्कर लेकर स्पेशल प्लेन से चेन्नई के लिए रवाना हो गए. न कोई संवेदना न कोई अपील, न घायलों की जानकारी, न ही उनसे मुलाकात. बस सोशल मीडिया पर एक संवेदना नोट जारी कर दिया. जिसमें लिखा था, मेरा दिल टूट गया है. मैं बहुत दर्द और दुख महसूस कर रहा हूं. मैं करूर में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायल लोगों के जल्दी ठीक होने की प्रार्थना करता हूं.
60 हजार लोगों की भीड़, 39 की मौत, 50 से ज्यादा घायल हो गए. एक नेता की रैली में और नेताजी ने जनता के इस प्यार को एक सोशल मीडिया नोट तक सीमित कर दिया. ऐसे में चुनावों के समय जनता के मन में कहीं न कहीं ये चुभन जरुर रह जाएगी. जिस तरह मासूमों के दर्द को नजरअंदाज कर विजय घटनास्थल से भागे हैं इसकी पूरी संभावना है कि चुनाव के समय जनता भी उन्हें नजरअंदाज कर दे.
विजय की रैली में एक चूक बनी DMK का हथियार!
चूंकि विजय एक जाने मानें एक्टर हैं. उनका तमिलनाडु में तगड़ा फैन बेस है. माना जा रहा है ये फैन बेस ही विजय की रैली में शामिल हुआ था. विजय ने 2 फरवरी 2024 को TVK बनाई थी और उसी समय विधानसभा चुनाव 2026 में उतरने की घोषणा कर दी थी. पार्टी ने तमिलनाडु की सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. इसी के चलते वह राज्यभर में रैलियां कर रहे थे. वह खुदको सत्तारूढ़ DMK के सबसे बड़े विरोधी के रूप में पेश करना चाहते हैं. अब हादसे के बाद DMK विजय पर हावी होती दिख रही है.
‘मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, कितनी शर्म की बात है’
DMK प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने विजय थलपति को भगदड़ का जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, जो त्रासदी सामने आई है, वह अविश्वसनीय है. आप विश्वास नहीं कर सकते कि बच्चों की मौत हो गई है और जिस तरह से बच्चों के माता-पिता उनकी मौत पर शोक व्यक्त कर रहे हैं, ये दृश्य बेहद परेशान करने वाले हैं. DMK नेता ने जोर देकर कहा, जो भी जिम्मेदार है उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इस मामले में विजय दोषी हैं. वे दोष से बच नहीं सकते. डीएमके नेता ने कहा, आप (विजय) नियमों का पालन करने को भी तैयार नहीं हैं और मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. कितनी शर्म की बात है.
एक्टर होने का फायदा उठाने का आरोप
DMK ने विजय थलपति पर अपनी अभिनेता छवि का फायदा उठाकर जनता के भरोसे को कुचलने का आरोप भी लगाया. DMK प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने कहा, विजय एक अभिनेता हैं, इसलिए लोग इंतजार कर रहे थे और उन्होंने इसका फायदा उठाया. इसका इस्तेमाल वह राजनीति में करना चाह रहे थे. विजय को अब इस हादसे की जिम्मेदारी लेनी होगी. उन्होंने कहा, लोगों को तपती धूप में घंटों इंतजार करना पड़ा.
भगदड़ के बाद कम हुई TVK की संभावनाएं!
विजय थलपति की रैलियों में हमेंशा ही लाखों की भीड़ जमा होती आई है. उनका फैन बेस ही पार्टी का मजबूत पक्ष है. युवाओं के बीच वह काफी लोकप्रिय हैं, लेकिन तमिलनाडु की DMK-AIADMK दबदबे वाली राजनीति में TVK का वजूद अभी भी कमजोर है. उसका संगठनात्मक ढांचा अभी कमजोर है. वह मौजूदा परिस्थितियों में 10% से 15% वोट शेयर के साथ DMK समेत अन्य विपक्षी पार्टियों का वोट काट सकती है. हालांकि इस भगदड़ के बाद TVK के साथ 27 सितंबर का काला दिन भी दर्ज हो गया. विजय का लाखों का फैन बेस जरूरी नहीं आगे की रैलियों में दिखे या वोटर्स में तब्दील हो. भगदड़ के बाद आगे विजय को जनता को लुभाने में चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है.
TVK ने भगदड़ को बताया साजिश
DMK के आरोपों के बीच TVK ने कोर्ट का रुख किया है. TVK ने करूर की भगदड़ को साजिश बताया है. पार्टी ने मद्रास हाईकोर्ट में अपील करते हुए स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने की मांग की है. कोर्ट ने तुरंत इस याचिका को स्वीकार भी कर लिया है.
भूखे-प्यासे लोग इंतजार करते रहे 6 घंटे लेट पहुंचे विजय
शुरुआती जांच में सामने आया कि, TVK की रैली के लिए दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक का समय तय किया था, लेकिन एक्टर विजय खुद शाम 7 बजे के बाद रैली में पहुंचे. इस दौरान भूखी प्यासी जनता उनका इंतजार करती रही. जब विजय भाषण दे रहे थे तब लोग उनसे पानी मांगने लगे. इस दौरान कुछ लोग बेहोश भी होने लगे. इसके बाद एंबुलेंस बुलाई गई. हालांकि हताहत के बीच भी विजय का भाषण जारी रहा.
उधर भारी भीड़ के कारण एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिल पा रहा था इधर विजय अपना स्पीच दे रहे थे. इस बीच खबर फैलती है कि 9 साल की बच्ची लापता हो गई. मंच से ही विजय बच्ची को ढूंढने की अपील करते हैं और खुद वहां से रवाना हो गए.
20 लाख का मुआवजा मरहम या नमक!
विजय थलपति ने अभी तक घायलों से मुलाकात नहीं की लेकिन उन्होंने मृतकों के परिजनों को 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है. वहीं, घायलों को 2 लाख रुपए देने की घोषणा की है. इसके साथ ही विजय ने लिखा, ‘यह रकम आपके नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती. यह क्षति अपूरणीय है, लेकिन इस कठिन समय में आपके साथ खड़े रहना मेरा कर्तव्य है. पहले भी देखा गया है जिम्मेदार ऐसे हादसों के समय मौकों से निकल लेते हैं और पीड़ितों का दुख बांटने की बजाय मुआवजा थमा देते हैं. चाहे वह कोई नेता हो, एक्टर हो या बाबा हो.
विजय की रैली पर पहले भी उठे सवाल
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पुलिस ने इस मामले में TVK के दो बड़े नेताओं पर गैर-इरादतन हत्या, लापरवाही और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए हैं. हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब विजय की रैलियां सवालों के घेरे में आई हों. सितंबर महीने की शुरूआत में ही त्रिची में उनकी पहली रैली में भारी भीड़ उमड़ी थी. इस दौरान 20 मिनट के सफर के लिए 6 घंटे के ट्रैफिक का सामना करना पड़ा. विजय की पॉपुलैरिटी के चलते उनकी रैलियों में लोगों का भारी हुजूम उमड़ता है लेकिन इस बार लोगों की दीवानगी उनके लिए जानलेवा बन गई.
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