जल्दबाजी में मेट्रो गेट रोका तो लगेगा तगड़ा जुर्माना, DMRC ने दी सख्त चेतावनी
दिल्ली मेट्रो न सिर्फ एक यात्रा का साधन है, बल्कि यह शहर के अनुशासन और व्यवस्था का प्रतीक भी है. सभी यात्रियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे नियमों का पालन करें, दूसरों के लिए भी उदाहरण बनें और एक सुरक्षित यात्रा अनुभव का हिस्सा बनें. याद रखें मेट्रो गेट को रोकना अपराध है, इससे न केवल आपको जुर्माना भुगतना पड़ सकता है, बल्कि यह सिस्टम की कार्यप्रणाली को भी नुकसान पहुंचा सकता है. सुरक्षित और जिम्मेदार यात्रा ही सबसे बेहतर यात्रा होती है.

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Metro Rules: दिल्ली जैसे व्यस्त शहर में जब हर कोई समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचना चाहता है, तो मेट्रो लोगों के लिए सबसे सुविधाजनक, तेज़ और भरोसेमंद विकल्प बन चुकी है. चाहे बाहर तेज़ गर्मी हो या भारी बारिश, मेट्रो अपने तय समय पर चलती है और लाखों लोगों को राहत देती है. हर दिन लाखों यात्री मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा को सुचारू बनाने के लिए कुछ जरूरी नियम बनाए हैं। इन नियमों का पालन करना हर यात्री की जिम्मेदारी है.
मेट्रो के गेट को रोकना पड़ सकता है भारी
कई बार देखा गया है कि यात्री जल्दी में होते हैं और मेट्रो के गेट बंद होते समय उसमें हाथ, पैर या बैग अड़ा देते हैं ताकि गेट फिर से खुल जाए और वे ट्रेन में चढ़ सकें. यह आदत न केवल खतरनाक है, बल्कि डीएमआरसी के नियमों के तहत यह एक दंडनीय अपराध भी है।अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर मेट्रो के दरवाज़े को रोकने की कोशिश करता है, तो उसे 500 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. कुछ मामलों में स्टेशन पर उस व्यक्ति को रोका जाता है, पूछताछ होती है और जरूरी समझा जाए तो ट्रेन से भी उतार दिया जाता है.
गेट के सेंसर सिस्टम को हो सकता है नुकसान
दिल्ली मेट्रो के सभी दरवाज़े सेंसर और ऑटोमेटिक सिस्टम से चलते हैं. जब कोई यात्री गेट बंद होते वक्त उसमें रुकावट डालता है, तो यह सेंसर सिस्टम को प्रभावित कर सकता है. इससे तकनीकी समस्याएं पैदा होती हैं, ट्रेन का मूवमेंट रुक सकता है और अन्य ट्रेनों की टाइमिंग भी बिगड़ जाती है.
यह एक छोटी सी गलती हजारों यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है. इसलिए दिल्ली मेट्रो बार-बार यात्रियों से अपील करती है कि वे गेट को जबरदस्ती रोकने की कोशिश न करें.
खुद की और दूसरों की सुरक्षा को न करें नजरअंदाज
जल्दबाजी में अक्सर लोग यह भूल जाते हैं कि एक छोटी सी लापरवाही कितनी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है. जब आप मेट्रो गेट में हाथ या बैग अड़ाते हैं, तो आप न केवल अपनी जान खतरे में डालते हैं, बल्कि साथ सफर कर रहे अन्य लोगों की सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं.अगर ट्रेन छूट रही हो तो घबराने की जरूरत नहीं है, कुछ ही मिनटों में अगली ट्रेन आ जाएगी. मेट्रो की सुविधा ही यही है कि ट्रेनें लगातार आती रहती हैं.
नियमों का पालन करें, जिम्मेदार यात्री बनें
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दिल्ली मेट्रो न सिर्फ एक यात्रा का साधन है, बल्कि यह शहर के अनुशासन और व्यवस्था का प्रतीक भी है. सभी यात्रियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे नियमों का पालन करें, दूसरों के लिए भी उदाहरण बनें और एक सुरक्षित यात्रा अनुभव का हिस्सा बनें. याद रखें मेट्रो गेट को रोकना अपराध है, इससे न केवल आपको जुर्माना भुगतना पड़ सकता है, बल्कि यह सिस्टम की कार्यप्रणाली को भी नुकसान पहुंचा सकता है. सुरक्षित और जिम्मेदार यात्रा ही सबसे बेहतर यात्रा होती है.