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क्या आप जानते हैं जंक्शन, सेंट्रल और टर्मिनल का मतलब? जानें रेलवे के इन नामों को देने के पीछे की पूरी कहानी

भारतीय रेलवे के स्टेशनों के नाम के साथ सेंट्रल, जंक्शन और टर्मिनल जुड़ा होता है. आइए इस रिपोर्ट में समझते है इसकी वजह. भारत में मुंबई सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल, त्रिवेंद्रम सेंट्रल, मैंगलोर सेंट्रल और कानपुर सेंट्रल इसी श्रेणी में आते हैं.

Indian Railway

भारतीय रेलवे न सिर्फ देश की जीवनरेखा है, बल्कि यह एशिया का दूसरा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भी है. भारत में करीब आठ हजार रेलवे स्टेशन हैं, जो छोटे कस्बों से लेकर बड़े महानगरों तक फैले हुए हैं. इन स्टेशनों के नाम कई बार यात्रियों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं. कहीं सेंट्रल लिखा होता है, कहीं जंक्शन और कहीं टर्मिनल. आमतौर पर लोग इन शब्दों का मतलब नहीं जानते, लेकिन इनके पीछे रेलवे की एक साफ व्यवस्था और तर्क छिपा हुआ है. आज की इस खबर में हम आपको इन्हीं तीन शब्दों का फर्क आसान भाषा में समझा रहे हैं.

किस स्टेशन के नाम के साथ जुड़ता है सेंट्रल?

सबसे पहले बात करते हैं सेंट्रल स्टेशन की. सेंट्रल का मतलब किसी शहर का सबसे व्यस्त और प्रमुख रेलवे स्टेशन होता है. ऐसे शहरों में एक नहीं बल्कि कई रेलवे स्टेशन होते हैं, लेकिन सेंट्रल स्टेशन से देश के अलग अलग जोन और दिशाओं के लिए ट्रेनें मिल जाती हैं. यही वजह है कि इसे सेंट्रल कहा जाता है. उदाहरण के तौर पर कानपुर सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल और मुंबई सेंट्रल. यह स्टेशन न सिर्फ यात्रियों की संख्या के लिहाज से बड़े होते हैं, बल्कि यहां से लंबी दूरी की अधिकतर ट्रेनें भी चलती हैं. जानकारी के अनुसार भारत में कुल पांच सेंट्रल रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें मुंबई सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल, त्रिवेंद्रम सेंट्रल, मैंगलोर सेंट्रल और कानपुर सेंट्रल शामिल हैं. दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली का नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बेहद व्यस्त होने के बावजूद सेंट्रल नहीं कहलाता.

किसे कहते हैं जंक्शन?

अब बात करते हैं जंक्शन की. जंक्शन का सीधा सा मतलब होता है जुड़ने वाला स्थान. जब किसी रेलवे स्टेशन पर तीन या उससे अधिक दिशाओं से ट्रेनें आकर मिलती हैं, तो उस स्टेशन के नाम में जंक्शन जोड़ा जाता है. यानी यह एक ऐसा पॉइंट होता है, जहां अलग अलग रूट्स आपस में मिलते हैं. भारत में मथुरा जंक्शन को सबसे बड़ा जंक्शन माना जाता है, क्योंकि यहां सात अलग अलग रूट्स से ट्रेनें आती हैं. ऐसे स्टेशन यात्रियों के लिए बेहद अहम होते हैं, क्योंकि यहां से कई दिशाओं में सफर करने का विकल्प मिलता है.

टर्मिनल किस स्टेशन के नाम के आगे जुड़ता है?

अब समझते हैं टर्मिनल का अर्थ. टर्मिनल या टर्मिनस दोनों का मतलब लगभग एक जैसा होता है. यह रेलवे स्टेशन किसी ट्रेन का आखिरी पड़ाव होता है. यानी यहां से आगे रेलवे ट्रैक नहीं होता. ट्रेन टर्मिनल पर आकर रुकती है और फिर वहीं से वापसी की यात्रा शुरू करती है. आनंद विहार टर्मिनल इसका अच्छा उदाहरण है. आमतौर पर टर्मिनल स्टेशन सेंट्रल और जंक्शन के मुकाबले छोटे होते हैं और इनका इस्तेमाल खास रूट्स के लिए किया जाता है.

बताते चलें कि इन तीनों के अलावा जो स्टेशन सेंट्रल, जंक्शन या टर्मिनल की श्रेणी में नहीं आते, उन्हें सामान्य रूप से रेलवे स्टेशन कहा जाता है. अगली बार जब आप ट्रेन से सफर करें, तो स्टेशन के नाम पर जरूर ध्यान दें. इससे आपको रेलवे की इस खास व्यवस्था को समझने में मदद मिलेगी. 

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