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Alert App: इजरायल में मिसाइल हमले से पहले मोबाइल देता है चेतावनी! क्या भारत के पास भी है ऐसी टेक्नोलॉजी?

इजरायल की यह पहल यह दिखाती है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सही दिशा में किया जाए तो यह हजारों-लाखों जानें बचा सकता है. Red Alert, Home Front Command और Tzofar जैसे ऐप्स युद्ध जैसी खतरनाक स्थितियों में नागरिकों की रक्षा करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.

23 Jun, 2025
( Updated: 23 Jun, 2025
03:56 PM )
Alert App: इजरायल में मिसाइल हमले से पहले मोबाइल देता है चेतावनी! क्या भारत के पास भी है ऐसी टेक्नोलॉजी?

Alert App: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं. दोनों ही देश एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं और इस बीच सबसे अधिक खतरे में वहां की आम जनता है. हालांकि, इजरायल सरकार और टेक्नोलॉजी डेवेलपर्स ने मिलकर एक ऐसी तकनीक तैयार की है, जिससे आम लोगों को समय रहते अलर्ट भेजकर उनकी जान बचाई जा सके. इसके लिए विशेष मोबाइल ऐप्स विकसित किए गए हैं, जो रियल टाइम में लोगों को खतरे की जानकारी देते हैं, ताकि वे समय पर शेल्टर में जाकर सुरक्षित हो सकें.

मोबाइल ऐप्स के जरिए रियल टाइम अलर्ट

इजरायली डेवेलपर्स ने Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म के लिए खास ऐप्स बनाए हैं, जो लोकेशन बेस्ड रियल टाइम अलर्ट भेजते है. जैसे ही कोई मिसाइल हमला होता है या एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय होता है, वैसे ही ये ऐप्स मोबाइल पर तेज़ सायरन या अलर्ट टोन के साथ यूजर्स को सचेत करते हैं. इन ऐप्स का मकसद यह है कि हमले से पहले ही नागरिक सतर्क हो जाएं और पास के किसी बंकर या शेल्टर में जाकर अपनी जान बचा सकें.

Red Alert App: जान बचाने वाला तकनीकी हथियार

Red Alert नाम का यह ऐप इजरायल के नागरिकों के बीच बेहद लोकप्रिय है. इस ऐप की सबसे खास बात यह है कि यह इंस्टैंट नोटिफिकेशन देता है और इसका अलर्ट सिस्टम लोकेशन बेस्ड होता है. यानी, मिसाइल या रॉकेट जिस इलाके की ओर बढ़ता है, वहां के लोगों को पहले ही सूचना दे दी जाती है. कई बार यह ऐप हमले से 2-3 मिनट पहले अलर्ट करता है, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह 10 मिनट तक पहले जानकारी दे देता है.

इस ऐप में कई उपयोगी फीचर्स मौजूद हैं. यूजर्स अलर्ट टोन को अपनी ज़रूरत के मुताबिक कस्टमाइज कर सकते हैं और वॉल्यूम भी एडजस्ट किया जा सकता है. इसके अलावा, इसमें एक "I'm Safe" नामक फीचर है, जो किसी खतरे की स्थिति में यूज़र द्वारा सुरक्षित होने की जानकारी उनके संपर्कों और लोकल अथॉरिटी तक पहुंचाता है. हालांकि Red Alert ऐप किसी सरकारी एजेंसी का आधिकारिक ऐप नहीं है, लेकिन यह ऑथेंटिक सरकारी डेटा का उपयोग करता है.

Israel Home Front Command: सरकारी स्तर पर सुरक्षा का प्रबंधन

इजरायल सरकार द्वारा जारी किया गया Israel Home Front Command App एक आधिकारिक ऐप है, जो रियल टाइम में मिसाइल, रॉकेट, भूकंप, केमिकल अटैक, आग और आतंकवादी हमले जैसी जानलेवा घटनाओं की जानकारी देता है. यह ऐप इजरायल की नेशनल इमरजेंसी एजेंसियों से डायरेक्ट डेटा लेता है और यूजर्स को उनकी लोकेशन के हिसाब से अलर्ट करता है. इसे इंस्टॉल करने के बाद यूज़र को अपनी लोकेशन सेट करनी होती है, जिसके बाद यह ऐप स्वचालित रूप से संबंधित खतरे की सूचना देने लगता है.

इस ऐप में अलर्ट हिस्ट्री भी उपलब्ध होती है, जिससे यूज़र पुराने अलर्ट की जानकारी भी देख सकते हैं. साथ ही इसमें सेफ्टी गाइडलाइंस का एक पूरा सेक्शन होता है, जो अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग सलाह देता है. चाहे आप घर के अंदर हों, बाहर हों, या यात्रा कर रहे हों. ऐप हर सिचुएशन में सही दिशा-निर्देश देता है.

Tzofar - Red Alert: तीसरा विकल्प भी मौजूद

इसके अलावा Tzofar - Red Alert नाम का एक और ऐप इजरायल में काम करता है, जो नागरिकों को रियल टाइम में मिसाइल या रॉकेट अटैक की सूचना देता है.यह ऐप न केवल अलर्ट भेजता है, बल्कि लोगों को सुरक्षा संबंधी जरूरी सलाह भी प्रदान करता है. इसका मकसद एक ही है हमले से पहले जनता को समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना.

इन ऐप्स को कैसे मिलता है डेटा?

ये सभी ऐप्स रडार और एयर डिफेंस सिस्टम से मिलने वाले रियल टाइम डेटा पर काम करते हैं. जैसे ही कोई मिसाइल इजरायली एयरस्पेस में एंटर करती है, देश के एयर डिफेंस सिस्टम जैसे Iron Dome, David's Sling, और Arrow System तुरंत एक्टिव हो जाते हैं. इन्हीं सिस्टम्स के डेटा के आधार पर मोबाइल ऐप्स नोटिफिकेशन भेजते हैं. हालांकि, ऐप खुद से यह अनुमान नहीं लगा सकते कि मिसाइल कहां गिरेगी, लेकिन रडार डेटा की मदद से अलर्ट जारी किया जाता है. यह अलर्ट 100% सटीक न भी हो, फिर भी लोगों को वक्त पर चेतावनी देकर जान बचाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं.

भारत में क्या है स्थिति?

भारत में भी आम जनता को चेतावनी देने के लिए SACHET App जैसे प्लेटफॉर्म्स मौजूद हैं, जो प्राकृतिक आपदा, भूकंप, तूफान आदि के अलर्ट देते हैं. इसके अलावा, अधिकांश स्मार्टफोन्स में SOS फीचर होता है, जिसकी मदद से सरकार और लोकल अथॉरिटी जरूरी अलर्ट भेज सकती हैं. हालांकि भारत में अभी तक कोई ऐसा मोबाइल ऐप मौजूद नहीं है जो मिसाइल या एयर अटैक की चेतावनी देने के लिए खासतौर पर बनाया गया हो.

इजरायल की यह पहल यह दिखाती है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सही दिशा में किया जाए तो यह हजारों-लाखों जानें बचा सकता है. Red Alert, Home Front Command और Tzofar जैसे ऐप्स युद्ध जैसी खतरनाक स्थितियों में नागरिकों की रक्षा करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. भारत सहित अन्य देशों को भी ऐसे इमरजेंसी टेक्नोलॉजी सिस्टम पर विचार करना चाहिए, जिससे किसी भी तरह की राष्ट्रीय आपदा या हमले की स्थिति में आम जनता की जान बचाई जा सके.

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