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योगी सरकार ने जारी की काशी-विंध्य विकास प्राधिकरण की अधिसूचना, पूर्वांचल के इन 7 जिलों का होगा कायाकल्प

उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल के विकास को गति देने के लिए काशी-विंध्य विकास प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी है. इसमें वाराणसी समेत सात जिले शामिल हैं. 23,916 वर्ग किलोमीटर में फैला यह क्षेत्र सुनियोजित विकास, बेहतर सुविधाओं और रोजगार के नए अवसरों का आधार बनेगा.

योगी सरकार ने जारी की काशी-विंध्य विकास प्राधिकरण की अधिसूचना, पूर्वांचल के इन 7 जिलों का होगा कायाकल्प
Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास को लेकर लगातार बड़े फैसले ले रही है. गांव, शहर, उद्योग, पर्यटन और रोजगार, हर क्षेत्र में विकास की योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास साफ नजर आ रहा है. इसी क्रम में अब योगी सरकार ने पूर्वांचल के लिए एक ऐतिहासिक पहल करते हुए काशी-विंध्य क्षेत्र के गठन को मंजूरी दे दी है. इसके लिए काशी-विंध्य विकास प्राधिकरण की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है, जिसे पूर्वांचल के विकास की नई आधारशिला माना जा रहा है.

काशी-विंध्य विकास प्राधिकरण को मिली मंजूरी

सरकार के इस फैसले के तहत सात जिलों वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र को काशी-विंध्य क्षेत्र में शामिल किया गया है. इस विकास प्राधिकरण का कुल क्षेत्रफल 23,916 वर्ग किलोमीटर होगा. यह इलाका न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों और मानवीय क्षमता से भी समृद्ध है. ऐसे में सुनियोजित विकास से यहां की तस्वीर पूरी तरह बदलने की उम्मीद जताई जा रही है.

प्राधिकरण की क्या होगी प्रशासनिक संरचना

अधिसूचना के मुताबिक काशी-विंध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे. मुख्य सचिव को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव आवास को संयोजक सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा विभिन्न विभागों से जुड़े 9 अन्य सदस्य भी इसमें शामिल होंगे, ताकि विकास से जुड़े हर पहलू पर प्रभावी निर्णय लिया जा सके. वाराणसी मंडल के कमिश्नर को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है. प्राधिकरण का मुख्यालय वाराणसी में ही स्थापित होगा, जहां से पूरी कार्ययोजना तैयार और लागू की जाएगी.

नागरिक सुविधाओं पर जोर

इस प्राधिकरण के गठन के बाद काशी-विंध्य क्षेत्र के जिलों में गुणवत्तापूर्ण नागरिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा. बेहतर सड़कें, आवास, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और शहरी सुविधाओं पर खास ध्यान दिया जाएगा. सुनियोजित विकास के चलते निवेश को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. अनुमान है कि इस क्षेत्र की मौजूदा आबादी करीब दो करोड़ से अधिक है, जिन्हें सीधे तौर पर इसका लाभ मिलेगा.

इन 7 जिलों का क्षेत्रफल और आबादी 

क्षेत्रफल की बात करें तो वाराणसी 1535 वर्ग किलोमीटर, जौनपुर 4038, चंदौली 2541, गाजीपुर 3377, मिर्जापुर 4521, भदोही 1015 और सोनभद्र 6788 वर्ग किलोमीटर में फैला है. इन सात जिलों में सबसे अधिक क्षेत्रफल सोनभद्र का है, जबकि सबसे कम क्षेत्रफल भदोही का बताया गया है. नीति आयोग ने भी काशी और विंध्य क्षेत्र के सतत विकास को लेकर सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं.

पूर्वांचल के लिए मजबूत होगी नींव  

नीति आयोग ने भी काशी और विंध्य क्षेत्र के सतत विकास को लेकर राज्य सरकार को अपने सुझाव दिए हैं. काशी-विंध्य विकास प्राधिकरण को पूर्वांचल के विकास का आधार माना जा रहा है. यह पहल क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के साथ-साथ पूर्वांचल को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी.

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बताते चलें कि काशी-विंध्य विकास प्राधिकरण को पूर्वांचल के विकास की रीढ़ माना जा रहा है. योगी सरकार का यह कदम न केवल क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करेगा, बल्कि पूर्वांचल को विकास की मुख्यधारा से मजबूती से जोड़ने का काम भी करेगा.

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