जेल में बंद गैंगस्टर, घर पर माफिया क्वीन चला रही गोरखधंधा... मिली अकूत दौलत, 22 घंटे तक गिनती रही पुलिस
प्रतापगढ़ के कुख्यात ड्रग माफिया राजेश मिश्रा के घर पुलिस टीम की दबिश में हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं. करोड़ों की दौलत तहखाने में बोरियों में छिपाकर रखी गई थी.
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यूं तो मामला नशे की तस्करी से जुड़ा था लेकिन छानबीन शुरू हुई तो तहखाना खुला और नोटों का खजाना मिल गया. यूपी के प्रतापगढ़ में तस्करी के मामले में गैंगस्टर राजेश मिश्रा के घर छापेमारी करने गई पुलिस को इतनी बड़ी रकम बरामद हुई कि गिनते-गिनते टीम हांफ गई. पुलिस को इसमें पूरे 22 घंटे लग गए.
प्रतापगढ़ के कुख्यात ड्रग माफिया राजेश मिश्रा के घर पुलिस टीम की दबिश में हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं. ड्रग माफिया जेल में बंद है लेकिन घर से गोरखधंधा जारी था और सब कुछ जेल से ऑपरेट हो रहा था. अब तक की कार्रवाई में पुलिस ने राजेश मिश्रा के घर से करीब 3 करोड़ रुपये कैश और ड्रग की भारी खेप बरामद हुई.
माफिया की पत्नी-बेटी समेत 5 अरेस्ट
प्रतापगढ़ पुलिस ने राजेश मिश्रा के ड्रग्स तस्करी के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. राजेश मिश्रा पूरे यूपी में ड्रग्स का बड़ा रैकेट चलाता था. पुलिस ने घर से जो गांजा बरामद किया है उसकी कीमत 1 करोड़ रुपए है. इस कार्रवाई में गिरोह की सरगना और राजेश मिश्रा की पत्नी रीना मिश्रा समेत 5 लोगों को अरेस्ट किया है. इनमें राजेश मिश्रा की पत्नी के साथ-साथ उसके बेटे विनायक मिश्रा, बेटी कोमल मिश्रा, परिवार के ही अजीत मिश्रा और उसके बेटे यश मिश्रा को अरेस्ट किया है. इन पर NDPS के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस की कार्रवाई जारी है जिसमें अन्य गिरफ्तारियों की भी संभावना है.
राजेश मिश्रा के घर 24 घंटे तक चली कार्रवाई
ये पहली बार है जब तस्करी के केस में इतनी बड़ी बरामदगी हुई है. प्रतापगढ़ के कुंडा CO अमरनाथ गुप्ता के नेतृत्व में 24 घंटे तक कार्रवाई चली. करोड़ों की दौलत तहखाने में बोरियों में छिपाकर रखी गई थी. कुछ रकम तहखाने से तो कुछ अलमारी और संदूक छिपाकर रखी गई थी. वहीं, दो अंधेरे वाले कमरों से 6 किलो गांजा और 577 ग्राम स्मैक भी मिली. जो राशि बरामद हुई वह नशीले पदार्थों की बिक्री से मिली थी.
फोटो- नोट गिनने मेें लगी प्रतापगढ़ पुलिस की पूूरी टीम
पुलिस के मुताबिक, राजेश मिश्रा पहले नशे की बिक्री से मिली राशि को बैंक में ही जमा कराता था. बाद में उस पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई, जेल भेजा गया और खाते फ्रीज कर दिए गए. इसके बाद राजेश मिश्रा की पत्नी रीना मिश्रा घर से ही पूरा रैकेट चला रही थी. वही माल के लेनदेन, सप्लाई और कैश का ब्यौरा रखती थी. बताया जा रहा है उसे जेल में बंद राजेश मिश्रा से कमांड मिलती रहती थी. इसके बादल ही डील फाइनल होती थी. दरअसल, कुंडा में राजेश मिश्रा का पैतृक घर है ऐसे में परिवार बेफिक्र था कि पुलिस उन तक पहुंच पाएगी.
A supply chain of harm — dismantled, link by link
— UP POLICE (@Uppolice) November 9, 2025
Under the directives of DGP Uttar Pradesh Shri Rajeev Krishna, Pratapgarh Police has dismantled an inter-state narcotics trafficking ring.
Nearly ₹3 crore in cash, cannabis and smack were seized in the operation. The gang’s lead… pic.twitter.com/oxwXvLLBw0
जेल से तस्करी का नेटवर्क चलाता था राजेश मिश्रा
पुलिस के अनुसार, राजेश मिश्रा पर पहले से ही कई गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज है. जेल जाने के बाद भी नेटवर्क की कमांड उसके हाथ में थी. फोन कॉल और मुलाकातों के दौरान वह गिरोह को निर्देश देता रहता था. पुलिस के अनुसार तस्करी का ये नेटवर्क UP से बाहर ओडिशा और झारखंड में भी चलता था.
कौन है राजेश मिश्रा?
राजेश मिश्रा यूपी का कुख्यात तस्करी माफिया है इसके साथ ही वह अन्य अपराधों में भी लिप्त है. वह कई सालों से अपराध की दुनिया में एक्टिव है. पुलिस रिकॉर्ड पर नजर डालें तो राजेश मिश्रा ने साल 2010 में जरायम की दुनिया में कदम रखा था. शुरू में छोटे-मोटे तस्करों के साथ जुड़ा और फिर खुद ने ही बड़ा नेटवर्क खड़ा कर दिया. अब राजेश मिश्रा के गुर्गे कई शहरों और राज्यों में सक्रिय हैं.
पुलिस और जांच एजेंसियों का कहना है कि राजेश मिश्रा ने तस्करी के साथ-साथ अंडरग्राउंड इन्वेस्टमेंट तक पांव पसार रखे हैं. ब्लैक मनी को कई अवैध तरीकों से व्हाइट करने का काम भी किया जाता है. फिलहाल जांच टीम ये पता लगा रही है राजेश मिश्रा का ये साम्राज्य कहां तक फैला है और नेटवर्क के तार-तार और कहां-कहां तक फैले हैं इसका पता रही है. पुलिस ने साफ संकेत दिए कि राजेश मिश्रा के गिरोह को जड़ों से उखाड़ने के लिए लगातार एक्शन हो रहा है.
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