रेलवे ट्रैक से हटे गुर्जर आंदोलनकारी, राजस्थान सरकार के आश्वासन के बाद बनी सहमति, जानें क्या थी मांग
कई मांगों को लेकर 'गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति' ने रविवार को पीलूपुरा के करवारी शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया. इस समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने महापंचायत में ड्राफ्ट को पढ़ कर सुनाया. इस दौरान कुछ लोगों ने अपनी नाराजगी जताई और रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया.

रविवार को राजस्थान के भरतपुर जिले में गुर्जर आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर आरक्षण समेत कई मुद्दों पर अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान गुर्जर महापंचायत के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों ने मथुरा-सवाई माधोपुर पैसेंजर ट्रेन रोक कर मुंबई-दिल्ली ट्रैक जाम कर दिया. यह महापंचायत 'गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति' की तरफ से आयोजित किया गया था.
'गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति' ने किया प्रदर्शन
बता दें कि कई मांगों को लेकर 'गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति' ने रविवार को पीलूपुरा के करवारी शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया. इस समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने महापंचायत में ड्राफ्ट को पढ़ कर सुनाया. इस दौरान कुछ लोगों ने अपनी नाराजगी जताई और रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया. वह फतेहसिंहपुरा रेलवे ट्रैक के पास बैठ कर विरोध जताने लगे. इस प्रदर्शन के दौरान रेलवे सुरक्षा बल, प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की. वहीं अध्यक्ष विजय बैंसला ने कहा कि 'प्रमुख मांगों पर सरकार की प्रतिक्रिया संतोषजनक रही है.'
5 प्रतिशत आरक्षण संविधान की नौवीं सूची में शामिल करने की मांग
विजय बैंसला ने बताया कि 'सरकार ने 5 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौवीं सूची में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट से केंद्र सरकार के पास भेजने का वादा किया है. यह हमारे समुदाय की मुख्य मांग थी. गुर्जर आंदोलन के दौरान लगे पुराने मुकदमों में हर एक जिले में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए. इस पर भी अधिकारियों ने सहमति जताई है.
दोपहर तक जवाब देने का अल्टीमेटम दिया गया था
बता दें कि पहले दिन समिति ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि दोपहर तक जवाब दे दिया जाए अन्यथा आंदोलन को और भी ज्यादा बढ़ाया जा सकता है. इसके बाद राज्य के गृहमंत्री ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि सरकार बातचीत करने को तैयार है.
प्रदर्शन के दौरान कई रूट हुए बाधित
इस दौरान भरतपुर के बयाना से लेकर करौली के हिंडौन तक यातायात बाधित रहा और कई रूट डायवर्ट किए गए. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैयार किया गया था. बता दें कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में साल 2006 से कई बार गुर्जर समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक पर लंबे समय तक धरना दिया है. इस बार प्रदर्शकारियों और सरकार की तरफ से जल्दी सहमति बन गई. यही वजह रहा कि यह आंदोलन जल्दी खत्म हो गया.