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विक्रम मजीठिया अरेस्ट मामले में विरोधियों पर भड़के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, कहा- 'उन्हें चिट्टा कारोबारी बताने वाले अब उन्हें शरीफ बता रहे हैं...'

हरपाल चीमा ने कांग्रेस नेताओं के रुख में इस बदलाव को "दोहरा चरित्र" बताया. उन्होंने कहा कि आज वही नेता, जिनकी जुबान से कभी मजीठिया के लिए चिट्टा शब्द नहीं हटता था, अब कह रहे हैं कि वह "धार्मिक" और "शरीफ" आदमी हैं. यह साफ तौर पर दिखाता है कि इन नेताओं का कोई सैद्धांतिक आधार नहीं है.

01 Jul, 2025
( Updated: 01 Jul, 2025
01:54 PM )
विक्रम मजीठिया अरेस्ट मामले में विरोधियों पर भड़के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, कहा- 'उन्हें चिट्टा कारोबारी बताने वाले अब उन्हें शरीफ बता रहे हैं...'

पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर जुबानी हमला किया. चीमा ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दोहरे चरित्र वाले करार दिया.

वित्त मंत्री चीमा ने कांग्रेस पर साधा निशाना 

हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा, चरणजीत सिंह चन्नी और प्रताप सिंह बाजवा कभी विधानसभा के अंदर और बाहर यह कहते नहीं थकते थे कि विक्रम मजीठिया चिट्टे (ड्रग्स) के कारोबार से जुड़े हुए हैं, लेकिन अब वही नेता उन्हें 'शरीफ' और 'धार्मिक' बताकर उनका बचाव कर रहे हैं.

कांग्रेस के बड़े नेता कहते थे मजीठिया का चिट्टे का कारोबार है:  चीमा

उन्होंने कहा कि यह बात रिकॉर्ड में है कि विधानसभा में और सदन के बाहर कांग्रेस के बड़े नेता बार-बार कहते थे कि विक्रम मजीठिया का चिट्टे के कारोबार से सीधा संबंध है. सुखपाल खैरा, चरणजीत चन्नी और प्रताप सिंह बाजवा ने बार-बार यह आरोप लगाया. एक वीडियो में प्रताप सिंह बाजवा को साफ-साफ यह कहते हुए सुना गया है कि 'जब हमारी सरकार आएगी तो सुखबीर बादल, विक्रम मजीठिया, तोता सिंह और आदेश प्रताप कैरों को रस्सी से बांधकर तरनतारन सीआई स्टाफ लेकर जाएंगे'. अब वही लोग कह रहे हैं कि मजीठिया शरीफ आदमी हैं.

चीमा ने कांग्रेस नेताओं को बताया"दोहरा चरित्र" वाला 

हरपाल चीमा ने कांग्रेस नेताओं के रुख में इस बदलाव को "दोहरा चरित्र" बताया. उन्होंने कहा कि आज वही नेता, जिनकी जुबान से कभी मजीठिया के लिए चिट्टा शब्द नहीं हटता था, अब कह रहे हैं कि वह "धार्मिक" और "शरीफ" आदमी हैं. यह साफ तौर पर दिखाता है कि इन नेताओं का कोई सैद्धांतिक आधार नहीं है. जब सत्ता में नहीं थे तो आरोप लगाते रहे, अब राजनीतिक समीकरण बदलते देख अचानक सुर बदल लिए. यह जनता को धोखा देने वाली राजनीति है.

कांग्रेस हाईकमान पर जुबानी हमला बोलते हुए वित्त मंत्री ने सीधे तौर पर कहा कि अगर कांग्रेस वाकई अपनी साख बचाना चाहती है, तो उसे सुखपाल खैरा और प्रताप बाजवा जैसे नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए. जो नेता कभी कुछ, और अब कुछ और कहते हैं, उन्हें कांग्रेस से निकाल देना चाहिए. इस तरह के नेताओं का पार्टी में होना खुद कांग्रेस के लिए नुकसानदायक है.

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