दिल्ली सरकार जल्द लाएगी नई एक्साइज पॉलिसी, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन
दिल्ली की भाजपा सरकार जल्द ही प्रदेश में नई एक्साइज पॉलिसी लाने वाली है. इसको लेकर दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है. जो 30 जून तक एक ड्राफ्ट तैयार कर कैबिनेट में पेश करेगी, जिस पर अंतिम निर्णय सरकार का होगा.

दिल्ली की भाजपा सरकार जल्द ही प्रदेश में नई एक्साइज पॉलिसी लाने वाली है. इस नए प्लान के लिए दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है. इस कमेटी को 30 जून तक नई पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करना होगा. इससे पहले साल 2021 में आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक्साइज पॉलिसी की घोषणा की थी, लेकिन यह पॉलिसी शुरू से लेकर अंत तक विवादों में घिरी रही. इस पर ईडी और सीबीआई ने कई मामले दर्ज किए. ऐसे में भाजपा सरकार ने प्रदेश में इस नई पॉलिसी को लाने का ऐलान किया है.
विवादों में रही आम आदमी पार्टी सरकार की एक्साइज पॉलिसी
बता दें कि दिल्ली की पूर्व सरकार आम आदमी पार्टी ने साल 2021 में नई एक्साइज पॉलिसी का ऐलान किया था. जिस पर शुरू से लेकर अंत तक कई बड़े आरोप लगे. इनमें कथित भ्रष्टाचार से लेकर कई बड़े आरोप शामिल रहें. वही देश की मुख्य जांच एजेंसी ईडी और सीबीआई ने भी कई मामलों में इस पर केस दर्ज किए. इसी पॉलिसी के चलते प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जेल तक जाना पड़ा. वर्तमान में दोनों जमानत पर बाहर हैं. इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सीनियर लीडर संजय सिंह भी इसी मामले में जेल जा चुके हैं. वहीं जांच शुरू होने के बाद सरकार ने साल 2022 में भी पुरानी एक्साइज पॉलिसी को लागू कर दिया था. मौजूदा वक्त में इसी पॉलिसी के चलते दिल्ली के सभी शराब की दुकानें सरकारी एजेंसियों के द्वारा संचालित हो रही हैं.
नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर सरकार सावधान
दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर काफी सावधानी बरतने का ऐलान किया है. इस पॉलिसी को बनाने से पहले कई राज्यों से इसके नियम कानून को समझने की कोशिश की जा रही है. नई पॉलिसी में कुछ चीजों पर खास ध्यान दिया जा रहा है. इनमें राजस्व संग्रह को बढ़ाना, गैर कानूनी शराब बिक्री पर नियंत्रण लगाना, उपभोक्ता संरक्षण और सामाजिक संतुलन पर विशेष ध्यान देने की तैयारी है. समिति द्वारा एक बार ड्राफ्ट तैयार हो जाने के बाद इसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा. जिसके द्वारा आखिरी फैसला लेने के बाद प्रदेश में यह नई पॉलिसी लागू हो जाएगी. दिल्ली की भाजपा सरकार इस बात पर सबसे ज्यादा जोर दे रही है कि पूर्व की आम आदमी पार्टी सरकार में शराब नीति को लेकर जो भी विवाद हुआ. उन विवादों से बचकर इसे लागू किया जाए.