'देश की एकता के प्रहरी थें सरदार पटेल...', CM योगी ने लौहपुरुष को याद कर कही महत्वपूर्ण बातें
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का नेतृत्व यशस्वी रहा और उनका योगदान राष्ट्र के लिए चिरस्मरणीय है.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधुनिक भारत के शिल्पकार और भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला. सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल का नेतृत्व यशस्वी था और यदि उन्हें अधिक समय मिला होता तो देश को और भी लाभ मिलता, लेकिन 15 दिसंबर 1950 को उनके नश्वर शरीर के त्याग से राष्ट्र को अपूरणीय क्षति हुई. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की स्मृतियां, देश के प्रति उनकी सेवाएं और योगदान सदैव चिरस्मरणीय रहेंगे. देश उन्हें आधुनिक भारत के शिल्पकार और लौहपुरुष के रूप में हमेशा स्मरण करता रहेगा.
लौहपुरुष को हमेशा स्मरण करेगा देश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के करमसद में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने कठिन परिश्रम के बल पर उच्च शिक्षा प्राप्त की. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल का उद्देश्य केवल आजीविका अर्जित कर विदेशी हुकूमत की नौकरी करना नहीं था, बल्कि देश और दुनिया को समझते हुए अपनी प्रतिभा और ऊर्जा भारत माता के चरणों में समर्पित करना था. सीएम योगी ने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूती से नेतृत्व प्रदान किया और कई बार जेल की यातनाएं सहने के बावजूद कभी विचलित नहीं हुए. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के समय सरदार पटेल ने भारत के विभाजन का पुरजोर विरोध किया और अपनी दूरदर्शिता व दृढ़ संकल्प के बल पर 567 रियासतों को भारत गणराज्य में विलय कराया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र उन्हें आधुनिक भारत के शिल्पकार और लौहपुरुष के रूप में सदैव स्मरण करता रहेगा.
देश छोड़ने को मजबूर हुए नवाब और निजाम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की आजादी के समय जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद का निजाम भारत गणराज्य में शामिल नहीं होना चाहते थे. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के दौरान अंग्रेजों ने टू-नेशन थ्योरी को लागू करते हुए देसी रियासतों को यह विकल्प दिया था कि वे भारत में शामिल हों, पाकिस्तान में जाएं या स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखें. सीएम योगी ने कहा कि उस समय अधिकांश हिंदू रियासतों ने स्वेच्छा से भारत गणराज्य में शामिल होने का निर्णय लिया, लेकिन जूनागढ़ के नवाब और हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय से इंकार कर दिया. इससे देश की एकता और अखंडता के समक्ष गंभीर चुनौती खड़ी हो गई थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प और सूझबूझ के परिणामस्वरूप रक्तहीन क्रांति के माध्यम से जूनागढ़ और हैदराबाद का भारत में विलय संभव हो सका. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की निर्णायक नीति के चलते दोनों रियासतें अंततः भारत गणराज्य का हिस्सा बनीं. सीएम योगी ने यह भी कहा कि सरदार पटेल की सख्त और स्पष्ट रणनीति के कारण जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद का निजाम देश छोड़कर भागने को मजबूर हुए. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का यह योगदान देश की एकता और अखंडता के लिए मील का पत्थर है, जिसे राष्ट्र सदैव स्मरण करता रहेगा.
लौह पुरुष, 'भारत रत्न' सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के आदर्श, जनसेवा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को नई दिशा देते हैं। pic.twitter.com/RpUzjwBnkJ
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 15, 2025
सीएम योगी ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर दिया बयान
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के समय जम्मू-कश्मीर रियासत को लेकर यह असमंजस की स्थिति बनी हुई थी कि वह किसके साथ शामिल होगी. उन्होंने कहा कि उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस विषय पर पहल करने की बात कही थी और जम्मू-कश्मीर का मामला उनके ही हाथों में रहा. सीएम योगी ने कहा कि पं. नेहरू के निर्णयों के कारण जम्मू-कश्मीर एक जटिल और विवादित विषय बन गया. उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से यह मुद्दा देश के लिए लगातार चुनौती बना रहा और उसी क्षेत्र से उग्रवाद व अलगाववाद जैसी समस्याएं सामने आईं. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी है, जिन्होंने लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार किया. उन्होंने कहा कि धारा-370 को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाया गया. सीएम योगी ने आगे यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘एक देश, एक प्रधान, एक विधान और एक निशान’ के संकल्प को आगे बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ है.
गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल ने किए अनेक काम
सीएम योगी ने कहा कि गृहमंत्री के रूप में भारत में सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार, तमाम विवादों के समाधान के लिए तंत्र विकसित करने और भारत की प्रशासनिक सेवा को वर्तमान स्वरूप देने का कार्य भी लौहपुरुष के कारण हो पाया. सरदार पटेल का यशस्वी नेतृत्व और लंबे समय तक प्राप्त होता, लेकिन देश का दुर्भाग्य रहा कि 15 दिसंबर 1950 को उनका नश्वर शरीर जवाब दे गया. उनकी स्मृतियां, देश के प्रति उनकी सेवाएं व योगदान हम सबके लिए चिरस्मरणीय अध्याय बन गया. हर भारतवासी बड़ी श्रद्धा, सम्मान के साथ भारत मां के महान सपूत लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने को तत्पर रहता है.
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बताते चलें कि इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, लालजी प्रसाद निर्मल, उमेश द्विवेदी, विधायक ओपी श्रीवास्तव, आशीष सिंह ‘आशु’, भाजपा के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सरदार पटेल स्मृति समारोह समिति के अध्यक्ष राजेश्वरी देवी पटेल, महासचिव शशांक वर्मा आदि मौजूद रहे.
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