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छत्तीसगढ़ के सुकमा में IED ब्लास्ट में शहीद हुए ASP आकाश राव गिरिपंजे, डिप्टी सीएम ने जताया दुख

सुकमा में हुए नक्सली हमले पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सुकमा जिले के एक इलाके में आईईडी ब्लास्ट में एएसपी आकाश राव शहीद हो गए.

09 Jun, 2025
( Updated: 09 Jun, 2025
04:51 PM )
छत्तीसगढ़ के सुकमा में IED ब्लास्ट में शहीद हुए ASP आकाश राव गिरिपंजे, डिप्टी सीएम ने जताया दुख

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को एक आईईडी ब्लास्ट में कोंटा के एडिशनल एएसपी आकाश राव गिरिपंजे शहीद हो गए. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने घटना की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि यह ब्लास्ट सुबह 9-10 बजे के आस-पास हुआ है. इस घटना में कई अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं. अस्पताल में सभी का डॉक्टरों की निगरानी में इलाज किया जा रहा है.

आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए एएसपी आकाश राव

रिपोर्ट्स और पुलिस सूत्रों के अनुसार, एएसपी गिरिपुंजे गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई. यह हमला 10 जून को माओवादियों द्वारा दिए गए भारत बंद के आह्वान के बाद हुआ.

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने जताया दुख

सुकमा में हुए नक्सली हमले पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सुकमा जिले के एक इलाके में आईईडी ब्लास्ट में एडिशनल एएसपी आकाश राव शहीद हो गए. यह बहुत दुख की बात है. वह एक बहादुर जवान थे और उन्हें कई वीरता पुरस्कार दिए गए थे. यह हमारे लिए एक दुखद क्षण है. तलाशी और अभियान शुरू कर दिया गया है. ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. अगर बातचीत के जरिए ये सब रुक जाता तो ये बहुत पहले ही खत्म हो जाती. माओवादियों की ये बार-बार की कायराना हरकतें उनकी असली पहचान दिखाती हैं. अगर माओवादी बातचीत चाहते हैं तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है.

डिप्टी सीएम ने गिनाईं मोदी सरकार की 11 साल की उपलब्धि

भाजपा-एनडीए सरकार के 11 वर्ष पूरे होने पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 11 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. कानून-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, देश में बम विस्फोटों पर पूरी तरह रोक लगी है और पूर्वोत्तर में उग्रवाद समाप्त हो गया है. जब भी आतंकवादियों ने हमला करने की कोशिश की, तो उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक और मिसाइल ऑपरेशन सहित कड़ी प्रतिक्रिया दी गई, जिससे स्पष्ट संदेश गया है.

आईईडी से जुड़े कई पिछले माओवादी हमलों में काफी लोग हताहत हुए हैं. जनवरी 2025 में, सुरक्षा काफिले को निशाना बनाकर किए गए विस्फोट में नौ जवानों की जान चली गई थी. अप्रैल 2022 में, एक हमले में 11 लोगों की जान चली गई थी. मार्च 2021 में, जवानों को ले जा रही एक बस पर बम विस्फोट किया गया था, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी और 11 अन्य घायल हो गए थे. नवंबर 2018 में छत्तीसगढ़ के बघेली गांव में इसी तरह के विस्फोट में पांच लोगों की जान चली गई थी.

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