केदारनाथ की तर्ज पर Akhilesh ने करवाया केदारेश्वर मंदिर का निर्माण, सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर है सपा अध्यक्ष?
समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इटावा में भगवान शिव को समर्पित केदारेश्वर मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं. इस मंदिर का निर्माण केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर किया जा रहा है। कल यानी महाशिवरात्रि के अवसर पर सपा मुखिया अखिलेश ने इस मंदिर की वीडियो भी अपने सोशल मीडिया पर शेयर की है।

ढोल नगाड़े, मंत्रोच्चार, श्रद्धालुओं का सैलाब. ये उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ धाम नहीं बल्कि उसकी तर्ज़ पर बना केदारेश्वर मंदिर है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं। यूपी के इटावा में बन रहा ये मंदिर केदारनाथ की तर्ज़ पर बनाया जा रहा है। आकृति, वास्तुकला, नंदी, गर्भगृह हर एक चीज केदारनाथ धाम पर आधारित है। महाशिवरात्रि पर आम श्रद्धालुओं के साथ साथ यहां समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने परिवार के साथ विशेष पूजा की। 12 घंटे की इस विशेष पूजा में तमिलनाडु से पुजारी शामिल हुए। इस मंदिर में भव्य शालिग्राम शिला नेपाल से मंगाई गई है। इटावा की चंबल घाटी में बन रहा केदारेश्वर मंदिर श्रद्धालुओं का प्रमुख आस्था केंद्र बना हुआ है। समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इटावा में भगवान शिव को समर्पित केदारेश्वर मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं। इस मंदिर का निर्माण केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर किया जा रहा है। कल यानी महाशिवरात्रि के अवसर पर सपा मुखिया अखिलेश ने इस मंदिर की वीडियो भी अपने सोशल मीडिया पर शेयर की है।
कहां और कैसा बनाया जा रहा केदारेश्वर मंदिर?
इटावा की चंबल घाटी में बन रहा केदारेश्वर मंदिर
केदारेश्वर मंदिर केदारनाथ की तर्ज पर बनाया गया है
मंदिर में भव्य शालिग्राम शिला नेपाल से लाकर स्थापित की गई है
मंदिर की वास्तुकला केदारनाथ जैसी ही है
गर्भगृह में भगवान केदार का स्वरूप स्थापित है
इटावा के लॉयन सफ़ारी के सामने चंबल घाटी में बन रहा मंदिर
मंदिर का स्ट्रक्चर, नंदी, गर्भगृह, प्रवेश द्वार का काम पूरा हो चुका है
अखिलेश यादव ने क्यों बनवाया ये मंदिर?
PDA के नारे के साथ चल रहे अखिलेश यादव कई मौकों पर सॉफ्ट हिंदुत्व का संदेश दे चुके हैं। मकर संक्रांति पर हरिद्वार गंगा में डुबकी हो या महाकुंभ में स्नान। अखिलेश ने कई मौकों पर साबित किया कि वे हिंदुत्व से अलग नहीं हैं। अब तो अखिलेश ने इटावा में पूरा मंदिर ही बनवा दिया। वो भी ये संदेश देते हुए कि जो लोग केदारनाथ नहीं जा पाते वो केदारेश्वर मंदिर में उस आस्था का अहसास कर सकते हैं। हालाँकि BJP इसे मौके की राजनीति मानती है लेकिन अखिलेश यादव का कहना है कि आस्था को राजनीति से अलग रखना चाहिए। कोई भी धार्मिक कार्यक्रम राजनीति का हिस्सा नहीं होना चाहिए। बहरहाल अब मंदिर के ज़रिए अखिलेश ने संदेश दिया कि वे भी हिंदुत्व की आस्था और परंपरा को साथ लेकर चल रहे हैं। अखिलेश के कदम से जहां जनता में समाजवादी पार्टी की छवि और उभरेगी वहीं, BJP में बैचेनी है।