8 साल...222 अपराधियों का एनकाउंटर, योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति ने बदमाशों की तोड़ी कमर
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने राज्य से अपराध और अपराधियों को साफ करने की कसम खा ली है. मार्च 2017 से अब तक यूपी पुलिस ने 222 अपराधियों को एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया है. 8,118 अपराधी घायल हुए हैं और 20,221 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. जानिए पूरी डिटेल

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखी है. ताजा आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक यूपी पुलिस ने विभिन्न मुठभेड़ों में 8 कुख्यात अपराधियों को ढेर किया है. यह जानकारी पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के आधार पर सामने आई है. पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2025 से मई 2025 तक उत्तर प्रदेश में कुल 12,964 मुठभेड़ें दर्ज की गईं, जिनमें से इस साल के पहले पांच महीनों में 8 अपराधी मारे गए. इन अपराधियों में से अधिकांश पर हत्या, डकैती, फिरौती और अन्य गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज थे. इनमें से कुछ इनामी बदमाश भी थे, जिनके सिर पर लाखों रुपये का इनाम घोषित था.
जनवरी में चार बदमाश ढेर, यूपी STF के इसंपेक्टर भी शहीद
इस साल के शुरुआत में ही शामली जनपद में कग्गा गैंग के चार बदमाश मारा गए. ये चारों 20-21 जनवरी 2025 की रात को शामली जिले में उत्तर प्रदेश STF के साथ मुठभेड़ में मारे गए. इस ऑपरेशन के दौरान STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार घायल हो गए जिनका इलाज के दौरान निधन हो गया.
एनकाउंटर में ये बड़े अपराधी भी ढेर
जीतेन्द्र का एनकाउंटर: 28-29 अप्रैल 2025 की रात को मैनपुरी में मैनपुरी पुलिस और उत्तर प्रदेश STF की आगरा इकाई के संयुक्त ऑपरेशन के दौरान एक बदमाश मारा गया. जीतेन्द्र हत्या का आरोपी था और उस पर 1 लाख रुपये का इनाम था. जीतेन्द्र के ऊपर हाथरस में हत्या, हत्या का प्रयास और डकैती जैसे कई मामले दर्ज थे. तरापुर कट ब्रिज के पास गोलीबारी में वह घायल हुआ और जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
संतोष को भेजा गया यमलोक: 17 मई 2025 को कौशाम्बी जिले में, 38 वर्षीय संतोष उर्फ राजू, एनएच-2 पर ककोड़ा गांव के पास मुठभेड़ में घायल हो गया. अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई. संतोष और उसके साथियों ने 15 मई को 4 करोड़ रुपये की माल की ट्रेलर ट्रक लूटी थी और ड्राइवर की हत्या कर दी थी.
सोनू पासी उर्फ भूरे को ठोका: सोनू 20 मई 2025 को गोंडा जिले में सोनौली मोहम्मदपुर बंधा के पास मुठभेड़ में मारा गया. वो हत्या, डकैती और लूट जैसे 53 मामलों में वांछित था और उस पर 1 लाख रुपये का इनाम भी था. उसने पुलिस पर गोली चलाई थी, जिसकी जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे घायल कर दिया. जिला मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शार्पशूटर ढ़ेर: 28 मई 2025 की रात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्पशूटर नवीन कुमार को भी पुलिस ने एनकाउमंटर में ढ़ेर कर दिया. हापुड़ में यूपी STF नोएडा इकाई और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की संयुक्त टीम द्वारा ये बड़ी कार्रवाई की गई. नवीन गाजियाबाद के लोनी का रहने वाला था. उसपर 20 से अधिक गंभीर मामलें, जिसमें हत्या और मकोका शामिल हैं. कई दिनों से वांछित था और दिल्ली की अदालतों द्वारा दो मामलों में दोषी भी ठहराया गया था.
आठ सालों में 222 बदमाशों को भेजा गया यमलोक
मार्च 2017 से अब तक यानी की पिछले आठ सालों में यूपी पुलिस ने 222 अपराधियों को ढ़ेर कर दिया है. इसमें से 207 की मौत 2024 तक हो चुकी थी. इस तरह, 2025 में अब तक 5 और अपराधी मारे गए हैं. इसके अलावा, इस दौरान 8,118 अपराधी घायल हुए हैं और 20,221 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. गैंगस्टर एक्ट के तहत 79,984 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जबकि 930 अपराधियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत मामले दर्ज किए गए.
योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति ने तोड़ी कमर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सत्ता संभाली. सत्ता में आते ही उन्होंने अपराधी और माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का बड़ा ऐलान कर दिया था. इस नीति के तहत पुलिस को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की खुली छूट मिल गई. जिसका नतीजा ये हुआ कि, राज्य में अपराध दर में कमी आई है और माफिया नेटवर्क की कमर टूट चुकी है. सरकार ने 66,000 हेक्टेयर से अधिक जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया है और 142 अरब रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति जब्त या ध्वस्त की है.
विपक्ष का आरोप और पुलिस का जवाब
एनकाउंटर को लेकर राज्य के साथ साथ देशभर की राजनीति भी खूब गरमाई. विपक्षी दलों ने कई बार इन मुठभेड़ों को “फर्जी” करार देते हुए इसकी जांच की मांग की है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछले साल सितंबर में आरोप लगाया था कि मुठभेड़ों में खास धर्म या जाति के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. हालांकि इसके जवाब में, पुलिस ने डेटा जारी कर बताया कि 2017 से अब तक मारे गए 207 अपराधियों में 67 मुस्लिम, 20 ब्राह्मण, 18 ठाकुर और 16 यादव थे, जबकि अन्य जातियों और समुदायों के लोग भी शामिल थे. पुलिस ने यह भी दावा किया कि सभी मुठभेड़ें सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुरूप हुई हैं और किसी भी मामले में अब तक कोई गड़बड़ी साबित नहीं हुई है.