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मुंगेर जिले की तारापुर विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे सम्राट चौधरी, 16 अक्टूबर को करेंगे नामांकन, मां और पिता भी इसी सीट से बने थे विधायक

बीजेपी के कद्दावर नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के लिए तारापुर विधानसभा सिर्फ चुनावी सीट नहीं, बल्कि परिवार की राजनीतिक विरासत से जुड़ी भूमि है. सम्राट चौधरी के पिता के अलावा उनकी मां भी इस सीट से विधानसभा पहुंच चुकी हैं. बता दें कि मौजूदा वक्त में सम्राट चौधरी विधान परिषद के सदस्य हैं.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तारापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी ने अपने कद्दावर नेता को इस सीट से उतारने का बड़ा फैसला किया है. सम्राट चौधरी 16 अक्टूबर को नामांकन करेंगे. हालांकि, अभी बीजेपी कैंडिडेट की लिस्ट सामने नहीं आई है, लेकिन उपमुख्यमंत्री की सीट का ऐलान कर दिया गया है. बता दें कि बिहार के उपमुख्यमंत्री के पिता शकुनी चौधरी भी इस सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं. इससे पहले कल के दिन पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अपनी सीट का ऐलान किया था. वह राघोपुर विधानसभा सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. 

तारापुर सीट से चुनाव लड़ेंगे सम्राट चौधरी

बता दें कि बीजेपी के कद्दावर नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के लिए तारापुर विधानसभा सिर्फ चुनावी सीट नहीं, बल्कि राजनीतिक विरासत से जुड़ी भूमि है. सम्राट चौधरी के पिता के अलावा उनकी मां भी इस सीट से विधानसभा पहुंच चुकी हैं. बता दें कि मौजूदा वक्त में सम्राट चौधरी विधान परिषद के सदस्य हैं. 

सम्राट चौधरी की राजनीतिक यात्रा 

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की राजनीतिक यात्रा काफी दिलचस्प रही है. वह हमेशा से विधान परिषद के सदस्य नहीं रहे, बल्कि बीजेपी में आने से पहले वह RJD से 2 बार विधायक बन चुके हैं. सम्राट चौधरी पहली बार साल 2000 में खगड़िया जिले की परबत्ता सीट से चुनाव जीत कर विधायक बने थे, दूसरी बार 2010 में विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने जेडीयू नेता रामानंद प्रसाद सिंह को हराया था. रामानंद परबत्ता सीट से 4 बार विधायक रहे हैं. रामानंद के बेटे संजीव सिंह 2020 में जेडीयू से विधायक बने थे, लेकिन वर्तमान में वह तेजस्वी के साथ हैं और आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. 

प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी पर लगाया आरोप

बता दें कि प्रशांत किशोर ने हाल ही में सम्राट चौधरी को निशाना बनाते हुए साल 1995 में 'तारापुर हत्याकांड' का जिक्र किया था और उनकी रिहाई पर सवाल उठाए थे. चुनावी विशेषज्ञ बताते हैं कि तारापुर के चुनावी माहौल से इस केस को जोड़ा गया है. सम्राट के पिता शकुनी चौधरी उस दौरान चुनाव जीतकर विधायक बने थे. ऐसे में एक बार फिर से पुराने विवाद का जिक्र होते ही राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. सम्राट चौधरी खुद अपने पिता और मां की सीट से चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं. 

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