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माफिया शहाबुद्दीन के गढ़ में CM योगी की दहाड़, बोले- बिहार को फिर से जंगलराज में नहीं जाने देंगे

Bihar Election 2025: सिवान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेडीयू उम्मीदवार जीशू सिंह के समर्थन में जनसभा की और भोजपुरी में संबोधन शुरू किया. उन्होंने बिहार को “भक्ति, शक्ति और क्रांति की धरती” बताया और कहा कि नीतीश कुमार व प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राज्य ने नई पहचान बनाई है. योगी की अगली रैलियां भोजपुर और बक्सर में होंगी.

29 Oct, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
01:09 PM )
माफिया शहाबुद्दीन के गढ़ में CM योगी की दहाड़, बोले- बिहार को फिर से जंगलराज में नहीं जाने देंगे

Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए ने पूरी ताकत झोंक दी है. राज्य में बीजेपी के स्टार कैंपेनर और फायरब्रांड नेता मैदान में उतर चुके हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अब बिहार के चुनावी रण में बीजेपी के ‘प्रचार युद्ध’ की कमान संभाल रहे हैं. बुधवार को सीएम योगी एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में सिवान, भोजपुर और बक्सर जिलों में तीन बड़ी जनसभाओं को संबोधित करने वाले हैं. इनमें सिवान जिले की रघुनाथपुर विधानसभा सीट सबसे अहम मानी जा रही है, जहां विपक्षी इंडिया गठबंधन की ओर से आरजेडी ने बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को उम्मीदवार बनाया है. रघुनाथपुर की जनसभा में सीएम योगी ने आरजेडी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और एनडीए सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा. इस दौरान सीएम योगी के समर्थकों ने उनके स्वागत में पंडाल के बाहर कई बुलडोजर लगा रखें थे. 

दरअसल, बिहार की राजनीति में सिवान ज़िला काफी महत्व रखता है. यहां शहाबुद्दीन का नाम हमेशा एक प्रभावशाली पहचान रहा है. ऐसे में इस इलाके में योगी आदित्यनाथ की जनसभा को केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. योगी आदित्यानाथ ने जेडीयू उम्मीदवार विकास कुमार सिंह उर्फ जीशू सिंह के पक्ष में हुंकार भरा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एकदम बिहारी अंदाज में भोजपुरी बोलते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की. सीएम योगी ने मंच पर मौजूद एनडीए में शामिल दलों के नेताओं, पदाधिकारियों समेत जनसभा में उपस्थित लोगों का अभिनंदन किया. रघुनाथपुर के बाद दोपहर 12:45 बजे योगी आदित्यनाथ भोजपुर जिले के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के डुमरिया पहुंचेंगे, जहां वे भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद उनकी तीसरी रैली दोपहर 2:15 बजे बक्सर के आईटीआई मैदान में आयोजित की जाएगी.

बिहार भक्ति, शक्ति और क्रांति की धरती: सीएम योगी 

सीएम योगी ने बिहार में बदलते मौसम का ज़िक्र करते हुए कहा, “मैं जैसे ही इस धरती पर आया हूं, इंद्रदेव की बड़ी कृपा होने लगी है और ऐसा लग रहा है जैसे इंद्र भगवान भी पुष्पों की वर्षा करके सिवान जिले की सभी सीटों को एनडीए को जिताने के लिए अपना आशीर्वाद बरसा रहे हों.” सीएम योगी ने कहा, “जब मैं बिहार आता हूं, तो मुझे यहां की गौरवशाली परंपरा का स्मरण होता है. बिहार की धरती हम सबके लिए ज्ञान की धरती है. यह धरती भक्ति, शक्ति, शांति और क्रांति की धरती है. इस धरती ने देश के लिए अनेक विभूतियों को जन्म दिया है. लेकिन अब कुछ लोगों ने इस धरती के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया है. इसलिए यह चुनाव उन्हीं लोगों के खिलाफ एक लड़ाई है. यह चुनाव वर्तमान पीढ़ी को यह बताने का चुनाव है कि पिछले बीस वर्षों में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में जो उपलब्धियां हासिल हुई हैं, उन्होंने एक नए बिहार का निर्माण किया है.”

रघुनाथपुर सीट बनी सियासी हॉटस्पॉट

जानकारी देते चलें कि एनडीए के लिए बुधवार की तीनों सभाएं बेहद अहम मानी जा रही हैं, क्योंकि ये सीटें एनडीए और आरजेडी के बीच सीधी प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी हैं. इनमें सबसे ज़्यादा चर्चा रघुनाथपुर विधानसभा सीट की है, जहां सभी की निगाहें टिकी हैं. 2020 के चुनाव में आरजेडी के हरिशंकर यादव ने लोजपा उम्मीदवार मनोज कुमार सिंह को करीब 18 हजार वोटों से शिकस्त दी थी. इस बार एनडीए ने युवा चेहरा जीशू सिंह को मैदान में उतारकर पूरा जोर झोंक दिया है. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिवान से कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए एनडीए के लिए माहौल बनाने की कोशिश की है. पार्टी की रणनीति साफ है, सिवान और सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदुत्व और सुशासन के मुद्दे को प्रमुखता देना और विपक्षी महागठबंधन को ‘जंगलराज’ की याद दिलाकर घेरना.

क्या हैं CM योगी के सिवान जाने के मायने?

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राजनीतिक जानकारों का मानना  है कि योगी आदित्यनाथ की सिवान यात्रा भाजपा की उस रणनीति का अहम हिस्सा है, जिसके तहत पार्टी एक बार फिर लालू-राजद के पुराने ‘जंगलराज’ के नैरेटिव को उभारकर मतदाताओं की भावनाओं को साधना चाहती है. दूसरी ओर, आरजेडी इस लड़ाई को शहाबुद्दीन की राजनीतिक विरासत और सामाजिक प्रतिनिधित्व के मुद्दे से जोड़कर पेश कर रही है. बिहार की सियासी जंग में आज योगी की गर्जना सिर्फ तीन सभाओं तक सीमित नहीं मानी जा रही, बल्कि यह एनडीए के लिए पूरे चुनावी अभियान की दिशा तय करने वाली रैली साबित हो सकती है.

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