Bihar Election : जीतन राम मांझी की पार्टी HAM ने 6 उम्मीदवारों का किया ऐलान, जानिए किस सीट पर कौन लड़ रहा?
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने NDA में सीट बंटवारे के तहत मिली 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इनमें इमामगंज से दीपा कुमारी, टीकारी से अनिल कुमार, बाराचट्टी से ज्योति देवी, अतरी से रोमित कुमार और कुटुंबा से ललन राम और सिकंदरा से प्रफुल्ल कुमार मांझी को उतारा गया है.
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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे के साथ-साथ प्रत्याशियों की घोषणा जारी है. इस बीच NDA की सहयोगी दल केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने अपनी 6 सीटों पर कैंडिडेट की लिस्ट जारी कर दी है. इनमें 4 सीटों पर जीते हुए विधायकों को ही मौका दिया गया है. जानकारी के लिए बता दें कि NDA ने सीट बंटवारे के तहत जीतन राम मांझी की पार्टी को बिहार चुनाव में 6 सीटें दी हैं, जिसके चलते पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी नाराज चल रहे हैं.
जीतन राम मांझी ने 6 उम्मीदवारों की घोषणा की
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने NDA में सीट बंटवारे के तहत मिली 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इनमें इमामगंज से दीपा कुमारी, टीकारी से अनिल कुमार, बाराचट्टी से ज्योति देवी, अतरी से रोमित कुमार और कुटुंबा से ललन राम और सिकंदरा से प्रफुल्ल कुमार मांझी को उतारा गया है.
उम्मीदवारों को सिंबल भी बांटा गया
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने प्रत्याशियों के ऐलान के साथ सिंबल का भी बंटवारा कर दिया गया है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी NDA द्वारा कम सीटें देने की वजह से नाराज चल रहे हैं. खबर है कि वह चिराग पासवान से भी खफा हैं.
15 सीटों की कर रहे थे मांग
बता दें कि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी बिहार चुनाव के लिए 15 सीटों की मांग कर रहे थे, लेकिन उन्हें सिर्फ 6 सीटें दी गईं. इससे पहले बीते शनिवार को उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी, NDA में सीटों को बंटवारे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा भी नाराज चल रहे हैं, हालांकि, किसी ने चुनाव में बगावत की बात नहीं कही है. उम्मीद है कि चुनाव आते-आते ही नाराजगी दूर हो जाएगी.
पिछले चुनाव का नतीजा
पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में HAM ने NDA के साथ मिलकर 7 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. इनमें से 4 सीटों पर जीत मिली थी और पार्टी को कुल 0.89 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था. वहीं, 2024 में मांझी गया से लोकसभा सांसद चुने गए और नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने. बावजूद इसके उनकी पार्टी अब तक 6 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल नहीं हो पाई है. बता दें कि चुनाव आयोग से मान्यता मिलने के बाद पार्टी को कई सुविधाएं मिलती हैं. मान्यता प्राप्त पार्टी का चुनाव चिह्न स्थायी हो जाता है और चुनाव में अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रखने की अनुमति मिलती है. इसके अलावा टीवी और रेडियो पर राजनीतिक प्रसारण का समय, वोटर लिस्ट हासिल करने जैसी सुविधाएं भी पार्टी को मिलती हैं. यही वजह है कि मांझी इस बार एनडीए में सीटों की संख्या को लेकर पूरी तरह अड़े हैं.
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