प्लेन क्रैश होने पर भी मिलता है मुआवजा? जानें कानून, नियम और प्रक्रिया की पूरी जानकारी
एसडीआर एक प्रकार की वैश्विक मुद्रा होती है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा निर्धारित किया गया है। 1 एसडीआर की कीमत लगभग 1.41 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹117) के बराबर होती है। इस हिसाब से, अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट क्रैश में एक यात्री के परिवार को ₹1.5 करोड़ से अधिक का मुआवजा मिल सकता है।
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प्लेन क्रैश जैसी घटनाएं किसी भी देश के लिए बेहद दुखद और चिंता का विषय होती हैं। हर साल दुनियाभर में कई विमान दुर्घटनाएं होती हैं, जो यात्रियों और उनके परिवारों को गहरे सदमे में डाल देती हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इन हादसों में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा कैसे दिया जाता है। क्या मुआवजा एयरलाइन कंपनी देती है, या फिर सरकार की ओर से इसकी व्यवस्था की जाती है? आइए जानते हैं इस विषय से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
घरेलू उड़ानों के लिए मुआवजा देने का प्रावधान भारत सरकार के एविएशन मिनिस्ट्री द्वारा तय किया गया है। 2014 में जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार, किसी भी विमान हादसे में मारे गए यात्रियों के परिवारों को एयरलाइन कंपनी की ओर से ₹20 लाख तक का मुआवजा दिया जाता है। यह नियम केवल घरेलू उड़ानों (डोमेस्टिक फ्लाइट्स) पर लागू होता है। इसका उद्देश्य है कि किसी भी अनहोनी के बाद प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता मिल सके।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए मुआवजे का प्रावधान अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत किया गया है। अंतरराष्ट्रीय विमान हादसे के मामले में यात्रियों के परिवारों को एयरलाइन कंपनी की ओर से 1,13,100 एसडीआर (Special Drawing Rights) तक का मुआवजा दिया जाता है।
SDR(Special Drawing Rights) क्या है?
एसडीआर एक प्रकार की वैश्विक मुद्रा होती है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा निर्धारित किया गया है। 1 एसडीआर की कीमत लगभग 1.41 अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹117) के बराबर होती है। इस हिसाब से, अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट क्रैश में एक यात्री के परिवार को ₹1.5 करोड़ से अधिक का मुआवजा मिल सकता है। यह मुआवजा 2016 में संशोधित किया गया था, इससे पहले यह राशि ₹1 करोड़ के करीब थी।
मुआवजे की राशि कहां से आती है?
एयरलाइन्स कंपनियों को अपनी सभी उड़ानों का बीमा (इंश्योरेंस) कराना अनिवार्य होता है। किसी भी हादसे की स्थिति में मुआवजे की राशि इसी बीमा पॉलिसी से दी जाती है। यात्रियों को इसके लिए अलग से कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। हादसे के बाद एयरलाइन कंपनी बीमा कंपनी से क्लेम करती है और मुआवजे की राशि प्रभावित परिवारों तक पहुंचाई जाती है।
प्लेन क्रैश के प्रमुख उदाहरण और मुआवजा प्रक्रिया
1. दक्षिण कोरिया: जेजू एयर क्रैश
हाल ही में दक्षिण कोरिया के मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जेजू एयर का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 179 लोग मारे गए। इस हादसे के बाद एयरलाइन कंपनी ने प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की।
2. अजरबैजान एयरलाइंस हादसा
25 दिसंबर को अजरबैजान एयरलाइंस का विमान क्रैश हुआ, जिसमें 38 लोग मारे गए। अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार, मुआवजे की प्रक्रिया एसडीआर के आधार पर तय की गई।
मुआवजे में सरकार की भूमिका
जहां मुआवजे की राशि एयरलाइन और बीमा कंपनियों द्वारा दी जाती है, वहीं सरकार की भूमिका नियमन और मॉनिटरिंग तक सीमित होती है। सरकार यह सुनिश्चित करती है कि हादसे के बाद मुआवजा जल्द से जल्द प्रभावित परिवारों तक पहुंचे। इसके अलावा, सरकार पीड़ित परिवारों को कानूनी सहायता और अन्य सुविधाएं प्रदान करती है, ताकि वे इस कठिन समय में सहारा पा सकें।
विमान हादसों की बढ़ती घटनाओं ने हवाई यात्रा की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। कई देश अब अपने एविएशन नियमों को और कड़ा बना रहे हैं। भारत में भी सरकार और डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) ने एयरलाइन्स के लिए सुरक्षा मानकों को अनिवार्य किया है। प्लेन क्रैश जैसी घटनाएं यात्रियों और उनके परिवारों के लिए बेहद दुखद होती हैं, लेकिन मुआवजे का प्रावधान उनके लिए एक आर्थिक सहारा बनता है। यह जानना जरूरी है कि एयरलाइन कंपनियां और सरकार दोनों मिलकर यह सुनिश्चित करती हैं कि पीड़ित परिवारों को समय पर मुआवजा और सहायता मिले।
हवाई यात्रा से जुड़े इन नियमों और प्रक्रियाओं को समझने से न केवल जागरूकता बढ़ती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित होता है कि जरूरत पड़ने पर सही कदम उठाए जा सकें।
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