योगी सरकार का किसानों को तोहफा, बारिश प्रभावितों को मदद, गन्ने के दाम में बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया फैसले यह दिखाते हैं कि सरकार केवल राहत बांटने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह किसानों के दीर्घकालिक विकास के लिए काम कर रही है. बारिश से प्रभावित परिवारों को सहायता, गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी, और शुगर उद्योग में निवेश, ये सब कदम इस बात के प्रमाण हैं कि राज्य सरकार किसानों के हित, सुरक्षा और समृद्धि के लिए लगातार सक्रिय है.
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CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के उन सभी जिलों में तुरंत राहत कार्य शुरू करने के आदेश दिए हैं जहाँ हाल ही में भारी बारिश से नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों (DMs) को निर्देश दिया है कि वे प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण करें और राहत कार्यों की प्रत्यक्ष निगरानी करें. उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों के घर, फसल या संपत्ति को बारिश से नुकसान पहुंचा है, उन्हें तुरंत राहत राशि दी जाए ताकि वे दोबारा अपने जीवन को सामान्य कर सकें.
किसानों की फसलों के नुकसान का सर्वे जल्द पूरा करने के आदेश
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से अधिकारियों को कहा है कि फसलों के नुकसान का सर्वेक्षण जल्द से जल्द पूरा किया जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि सर्वे की पूरी रिपोर्ट सरकार को तुरंत भेजी जाए, ताकि प्रभावित किसानों को मुआवजा और अन्य सहायता दी जा सके. योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि किसानों को किसी भी हालत में असहाय नहीं छोड़ा जाएगा, सरकार हर किसान के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता दी जाएगी.
गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी
- बारिश से प्रभावित किसानों की मदद के साथ-साथ योगी सरकार ने गन्ना किसानों को भी एक बड़ी सौगात दी है.
- सरकार ने 2025–26 पेराई सत्र के लिए गन्ने की कीमत में 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा की है.
नई दरें इस प्रकार हैं -
अगेती (Early) किस्म का गन्ना: ₹400 प्रति क्विंटल
सामान्य (Normal) किस्म का गन्ना: ₹390 प्रति क्विंटल
इस फैसले से प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों को लगभग 3,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलने का अनुमान है.
किसानों को बेहतर दाम देने की सरकार की नीति
योगी सरकार ने हमेशा से यह प्रयास किया है कि किसानों को उनकी फसलों का उचित और लाभकारी मूल्य (Remunerative Price) मिले.
2017 से अब तक राज्य सरकार ने चार बार गन्ने के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है, जबकि पिछले एक दशक में किसी अन्य सरकार ने इतनी बार दाम नहीं बढ़ाए.
यह फैसला न केवल किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह दिखाता है कि सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना चाहती है.
गन्ना किसानों को अब तक किया गया भुगतान
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले आठ सालों में योगी सरकार ने गन्ना किसानों को कुल ₹2,90,225 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इसके मुकाबले 2007 से 2017 के बीच केवल ₹1,47,346 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया था. आज उत्तर प्रदेश में 122 शुगर मिलें संचालित हो रही हैं और राज्य अब देश का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य बन चुका है. यह उपलब्धि सरकार की किसान-हितैषी नीतियों और ईमानदार प्रयासों का नतीजा है.
शुगर उद्योग में नए निवेश से मिली मजबूती
कभी अव्यवस्था और घाटे में चलने वाला उत्तर प्रदेश का शुगर उद्योग अब फिर से मजबूत हो गया है.
सरकार की पारदर्शी नीतियों और निवेशक-हितैषी माहौल की वजह से इस क्षेत्र में अब तक 12,000 करोड़ रुपये का नया निवेश आया है.
इसके तहत -
4 नई शुगर मिलें स्थापित की गई हैं,
6 बंद मिलों को फिर से चालू किया गया है,
और 42 मिलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाई गई है.
इन कदमों से प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी बने हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बड़ी मजबूती मिली है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया फैसले यह दिखाते हैं कि सरकार केवल राहत बांटने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह किसानों के दीर्घकालिक विकास के लिए काम कर रही है. बारिश से प्रभावित परिवारों को सहायता, गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी, और शुगर उद्योग में निवेश, ये सब कदम इस बात के प्रमाण हैं कि राज्य सरकार किसानों के हित, सुरक्षा और समृद्धि के लिए लगातार सक्रिय है.
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