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योग 'पॉज बटन' की तरह, इंसानियत को इसकी जरूरत... योग दिवस पर PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

पूरे विश्व में 21 जून (शनिवार) को 11वां योग दिवस मनाया जा रहा है. पीएम मोदी ने विशाखापट्टनम में 3 लाख लोगों और 40 देशों के राजनयिक के साथ योग किया.

21 Jun, 2025
( Updated: 21 Jun, 2025
06:17 PM )
योग 'पॉज बटन' की तरह, इंसानियत को इसकी जरूरत... योग दिवस पर PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

योग दिवस के मौके पर विशाखापट्टनम में पीएम मोदी ने कहा कि 'योग का मतलब होता है जोड़ना' और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरी दुनिया को जोड़ा है. इस मौके पर पीएम के साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने भी योग किया. इस बार की योग की थीम 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' है.

योग शांति की दिशा दिखता है - पीएम मोदी 

योग दिवस के मौके पर विशाखापट्टनम में पीएम मोदी कहते हैं, "वो दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दिए जाने का प्रस्ताव रखा तो कम से कम समय में 175 देश हमारे प्रस्ताव के साथ खड़े हुए. आज की दुनिया में ऐसी एकता और ऐसा समर्थन सामान्य बात नहीं है. ये सिर्फ एक प्रस्ताव का समर्थन नहीं था बल्कि मानवता के भले के लिए दुनिया का सामूहिक प्रयास था. आज जब दुनिया में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है, तो योग शांति की दिशा दिखाता है.

योग 'पॉज बटन' की तरह है जिसकी इंसानियत को जरूरत है

पीएम मोदी ने योग दिवस के मौके पर अपने दिए भाषण में कहा कि "आज योग करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है. मुझे गर्व होता है जब मैं देखता हूं कि हमारे दिव्यांग साथी ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं. वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं. गांव-गांव में युवा साथी योग ओलिंपियाड में भाग लेते हैं. अभी नेवी के जहाज में भी योगा कार्यक्रम चल रहा है. चाहे ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों या एवरेस्ट की चोटियां या समुंदर का विस्तार हो एक ही संदेश आता है कि योग सभी का है और सभी के लिए है."

पीएम मोदी ने आगे कहा कि "साथियों दुर्भाग्य से दुनिया तनाव, अशांति और अस्थिरता से गुजर रही है. कई क्षेत्रों में यह स्थितियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. ऐसे समय में योग हमें शांति का रास्ता दिखाता है. योग उस 'पॉज बटन' की तरह है जिसकी इंसानियत को जरूरत है, ताकि हम रुक सकें, सांस ले सकें, संतुलन बना सकें और फिर से खुद को पूर्ण महसूस कर सकें.

योग पर्सनल प्रेक्टिस नहीं ग्लोबल पार्टनरशिप का माध्यम 

पीएम ने इस मौके पर कहा कि "योग को सिर्फ पर्सनल प्रेक्टिस न बनाएं बल्कि इसे ग्लोबल पार्टनरशिप का माध्यम बनाएं. योग को लोकनीति का हिस्सा बनाएं. जब जनता लक्ष्य को थाम लेती है तो उस लक्ष्य की प्राप्ति से हमें कोई रोक नहीं पाता. आपके प्रयास यहां इस आयोजन में नजर आ रहे हैं. 'मी टु वी' का भाव भारत की आत्मा का साथ है.

पीएम ने कहा कि भारत विश्व में योग के प्रसार के लिए योग के साइंस को आधुनिक रिसर्च से विस्तृत कर रहा है. हम योग के क्षेत्र में प्रमाण आधारित थेरेपी को भी बढ़ावा दे रहे हैं. इस दिशा में दिल्ली AIIMS ने सराहनीय काम किया है. आज 'हील इन इंडिया' का मंत्र भी दुनिया में काफी पॉपुलर हो रहा है. भारत बेस डेस्टिनेशन बन रहा है. योग की इसमें बड़ी भूमिका है. योग के लिए कॉमन प्रोटोकाल बनाया गया है.

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