Advertisement

Gyanwapi मामले पर भड़के Shankaracharya ने मुसलमानों को क्यों दिलाई पाकिस्तान की याद ?

Kashi के ज्ञानवापी विवाग पर सीएम योगी को मिला शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का साथ, सीएम योगी की तरह उन्होंने भी ज्ञानवापी को बताया मंदिर और मुसलमानों पर भड़कते हुए कहा कि उन्होंने अपना देश भी बांट लिया और यहां भी हमारी छाती पर चढ़े हुए हैं !

13 Jan, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
02:11 PM )
Gyanwapi मामले पर भड़के Shankaracharya ने मुसलमानों को क्यों दिलाई पाकिस्तान की याद ?
जिन मुगलों को आज भी भारत के कुछ मुसलमान अपना आदर्श मानते हैं। उन मुगलों को सनातन धर्म से इतनी नफरत थी कि अयोध्या से लेकर काशी मथुरा तक। जहां जहां हिंदुओं के बड़े मंदिर थे। उसे तोड़ कर उसी के मलबे पर मस्जिदें बनवा दी। अयोध्या में तो बाबरी ढांचा तोड़ कर वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण हो गया।लेकिन काशी और मथुरा में अभी भी मंदिर वापस लेने की जंग जारी है। महादेव की काशी में तो मुगलों ने ऐसा अत्याचार किया था कि मंदिर तोड़ कर उसकी दीवारों पर ही ढांचा खड़ा कर दिया। जिसकी दीवारें आज भी चीख चीख कर सबूत देती हैं कि ये ज्ञानवापी मस्जिद नहीं मंदिर ही है।लेकिन इसके बावजूद कट्टरपंथी मुसलमानों को नजर नहीं आता। वो इसे हिंदुओं को सौंपने की बजाए इसके लिए कोर्ट में हिंदुओं से ही लड़ाई लड़ रहे हैं। जिस पर कभी ना कभी तो फैसला आएगा ही। लेकिन यूपी के भगवाधारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जरूर इसे ज्ञानवापी मंदिर मान लिया है।और डंके की चोट पर कहते हैं कि इसे मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा।


बात यहीं खत्म नहीं होती। सीएम योगी ने तो मुसलमानों को यहां तक नसीहत दे दी कि मुसलमानों को ये मानना चाहिए की ऐतिहासिक गलती हुई है।और इसके समाधान पर बात करनी चाहिए।

जिस तरह से सीएम योगी संवैधानिक पद पर होने के बावजूद ज्ञानवापी को मस्जिद के बजाए डंके की चोट पर ज्ञानवापी मंदिर कहते हैं।और नसीहत भी देते हैं कि अगर इसे मस्जिद कहा तो विवाद होगा।ज्ञानवापी के मामले में कुछ ऐसी ही जुबान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी बोलते हैं। उन्होंने तो महाकुंभ में एबीपी न्यूज से बात करते हुए यहां तक कह दिया कि।"आजाद देश हो गया फिर भी अपने मंदिर में पूजा नहीं कर पा रहे हैं, काशी में जाइये देखिये, अब आपका देश हो गया है मुसलमान पाकिस्तान लेकर अलग हो गये उसके बाद भी हमारी छाती पर चढ़े हुए हैं, हमारा मंदिर हमें आंखों से साफ दिखाई दे रहा है और कहते हैं घुस नहीं सकते हो, परिक्रमा करने हम गये हमको रोक दिया गया कि परिक्रमा नहीं कर सकते हो"

इतने पर एंकर टोकती हुई कहती हैं कि आप ज्ञानवापी मस्जिद की बात कर रहे हैं।जिस पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती इस कदर आग बबूला हो गये कि एंकर को ही डांटने के अंदाज में कहने लगे।"मस्जिद क्यों कहती हो आप ? ज्ञानवापी मस्जिद होती है ? ये शब्दावली आप लोग गलत बोल रहे हैं, ये मत बोलिये, ज्ञानवापी मस्जिद नाम की कोई चीज नहीं है, कोई कह देगा तो आप मान लेंगे ? आप अंदर नहीं गईं हैं तो बाहर से तो देखा है, आपको मस्जिद दिखता है ? बोल दो कैमरे के सामने मस्जिद दिखती है, नहीं बोल पाओगी, आपको पता होना चाहिए कि मस्जिद में आकृतियां नहीं होती हैं मंदिर में होती हैं उनकी दीवारें अपने आप बोलती हैं मैं मुसलमान हूं मैं हिंदू हूं, हमारे माथे पर तिलक अपने आप बोल रहा है मैं हिंदू हूं, हमें वापस लेने में वर्षों इसलिये लग गये कि उन्होंने अपना देश भी बांट लिया और यहां भी हमारी छाती पर चढ़े हुए हैं"

काशी के जिस ज्ञानवापी को मुसलमान मस्जिद कहते हैं। उसे हिंदू मंदिर मानते हैं। क्योंकि जिन दीवारों पर विवादित ढांचा खड़ा किया गया है। वो दीवारें चीख चीख कर कह रही हैं कि ये मस्जिद की दीवारें नहीं हो सकती हैं।ये मंदिर की दीवारें ही हैं।लेकिन इसके बावजूद कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों को नजर नहीं आता।और इसे हिंदुओं को सौंपने की बजाए। कोर्ट में हिंदुओं से ही लड़ाई लड़ रहे हैं। अब देखिये क्या फैसला आता है। वैसे ज्ञानवापी की दीवारों को देख कर आपको क्या लगता है।

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
अधिक
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें