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कौन है ये सपा विधायक जिसने Yogi के सामने बहाए आंसू ?

तीस जुलाई को जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही चल रही थी, सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भी सदन में ही मौजूद थे तभी एक सपा विधायक अपनी कुर्सी छोड़ कर खड़ी होती हैं और आंसू बहाते हुए योगी आदित्यनाथ के सामने अपना दुखड़ा रोने लगती हैं, कौन हैं योगी के सामने रोने वालीं ये महिला ?

02 Aug, 2024
( Updated: 02 Aug, 2024
03:18 PM )
कौन है ये सपा विधायक जिसने Yogi के सामने बहाए आंसू ?

तीस जुलाई को जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही चल रही थी सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath ) भी सदन में ही मौजूद थे। तभी एक सपा विधायक अपनी कुर्सी छोड़ कर खड़ी होती हैं और आंसू बहाते हुए योगी आदित्यनाथ के सामने अपना दुखड़ा रोने लगती हैं।सदन में आंसू बहाते हुए योगी पर सवालों की बौछार करने वालीं ये महिला कोई और नहीं समाजवादी पार्टी की विधायक विजमा यादव हैं। जिनके पति जवाहर यादव को 13 अगस्त साल 1996 में दिनदहाड़े AK 47 से गोलियों से भून दिया गया था। सिविल लाइंस पर हुई इस खौफनाक वारदात में झूंसी के तत्कालीन सपा विधायक की जान चली गई तो वहीं उनके ड्राइवर गुलाब यादव के साथ ही दो और लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। 

अपना दर्द सुनाते हुए योगी के सामने रोने लगी विजमा यादव

ये हादसा उस वक्त हुआ था जब जवाहर यादव अपने सहयोगियों के साथ कार में कहीं जा रहे थे। जिला प्रयागराज का ये पहला मामला था जब किसी हत्या में AK 47 का इस्तेमाल किया गया था, इस वारदात को दो बार के बीजेपी विधायक उदयभान करवरिया, उनके दो भाई पूर्व बीएसपी सांसद कपिल मुनि करवरिया और पूर्व बीएसपी एमएलसी सूरज भान करवरिया ने अंजाम दिया था। जिन्हें कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए उमक्रैद की सजा सुनाई थी। लेकिन ये मामला एक बार फिर उस वक्त गरमाने लगा। जब सपा विधायक जवाहर यादव की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे उदयभान करवरिया को कुछ ही दिन पहले रिहा कर दिया गया।

राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, समय से पहले रिहाई के लिए राज्य सरकार की सिफारिश को स्वीकार करने के बाद उदयभान करवरिया को रिहा करने का आदेश पारित किया था, अनुच्छेद 161 किसी राज्य के राज्यपाल को किसी ऐसे मामले से संबंधित किसी भी कानून के खिलाफ किसी भी दोषी की सजा को माफ करने, राहत देने, राहत देने या सजा में छूट देने या निलंबित करने, कम करने या कम करने का अधिकार देता है।

इसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए राज्यपाल ने 55 साल के उदयभान करवरिया को समय से पहले ही रिहा कर दिया गया। जिस पर अब बवाल मचा हुआ है। क्योंकि 28 साल पुराने इस हत्याकांड में अपने पति जवाहर यादव को खोने वालीं सपा विधायक विजमा यादव ने योगी सरकार के इस फैसले का जबरदस्त विरोध करते हुए यहां तक कह दिया है कि वो इस मामले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगी। तो वहीं मंगलवार को इसी मामले को विधानसभा में उठाते हुए सपा विधायक विजमा यादव ने योगी सरकार पर बरसते हुए कहा कि अगर मेरे पति की हत्या करके आजीवन कारावास की सजा पाने वाले व्यक्ति का आचरण इतना अच्छा हो जाता है तो ऐसे में सारे कैदियों को रिहा कर देना चाहिए। इनका परिवार कई पीढ़ी से अपराध में लिप्त है, ऐसे व्यक्ति का जेल में आचरण कैसे अच्छा हो सकता है।

कौन है उदयभान करवरिया ?

  • 1996 में उदय भान को इलाहाबाद जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष चुना गया
  • 2002 में प्रयागराज की बारा सीट से BJP के टिकट पर चुनाव लड़ कर जीता
  • 2007 के विधानसभा चुनाव में बारा सीट से करवरिया दोबारा विधायक बने
  • 2012 में इलाहाबाद उत्तर सीट से लड़े उदयभान करवरिया चुनाव हार गये
  • 2009 उदयभान के बड़े भाई कपिलमुनि करवरिया फूलपुर से BSP सांसद बने
  • 2009 में ही BSP ने उदयभान के छोटे भाई सूरजभान करवरिया को MLC बनाया
  • 2017 में उदयभान की पत्नी नीलम प्रयागराज की मेजा सीट से BJP विधायक बनीं
  • 2022 में भी BJP ने नीलम करवरिया को टिकट दिया लेकिन वो चुनाव हार गईं

ब्राह्मण समाज से आने वाले करवरिया परिवार का ये सियासी सफर बता रहा है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस परिवार का कितना बड़ा रसूख है। शायद यही वजह है कि योगी सरकार ने उदयभान करवरिया को सजा पूरी होने से पहले ही रिहा करवा दिया। 

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