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कौन हैं कर्नल सोफ़िया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जिन्होंने दिखाई पाकिस्तान को औकात

"ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान जब मीडिया के सामने भारत का पक्ष रखने की ज़िम्मेदारी आई, तो यह जिम्मा भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को सौंपा गया. इस प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मौजूद रहे.

07 May, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
04:07 AM )
कौन हैं कर्नल सोफ़िया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जिन्होंने दिखाई पाकिस्तान को औकात
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Colonel Sofia Qureshi And Wing Commander Vyomika Singhआज की भारतीय महिलाएं केवल सीमाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश की बुलंद आवाज भी बन चुकी हैं. हाल ही में हुए "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान जब मीडिया के सामने भारत का पक्ष रखने की ज़िम्मेदारी आई, तो यह जिम्मा भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह को सौंपा गया. इस प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मौजूद रहे.यह ऐतिहासिक पल भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और नेतृत्व की सशक्त तस्वीर बन गया.

कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी 

कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक जाँबाज़ और समर्पित अधिकारी हैं, जिन्होंने न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. उन्हें पहली बार व्यापक पहचान "एक्सरसाइज फोर्स 18" के दौरान मिली, जब उन्होंने 18 देशों की संयुक्त सैन्य ड्रिल में भारत का नेतृत्व किया.खास बात यह रही कि इस मल्टीनेशनल अभ्यास में वह इकलौती महिला अधिकारी थीं जो किसी देश की सैन्य टुकड़ी की कमान संभाल रही थीं. उन्होंने इस अभ्यास में 40 भारतीय सैनिकों का नेतृत्व किया और अपने साहस व कुशल नेतृत्व का परिचय दिया.

बायोकैमिस्ट्री से सेना तक का सफर

गुजरात की रहने वाली कर्नल सोफिया ने बायोकैमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. उनकी शैक्षणिक योग्यता और सेना में सेवा का तालमेल बहुत प्रभावशाली है. वह भारतीय सेना की सिग्नल कोर से जुड़ी हैं, जो संचार और सूचना प्रणाली का संचालन करती है.


अंतरराष्ट्रीय मिशनों में नेतृत्व

सोफिया वर्ष 2006 में यूएन पीसकीपिंग मिशन के तहत कांगो में तैनात रहीं. वह 6 वर्षों से अधिक समय तक विभिन्न शांति अभियानों का हिस्सा रही हैं. उन्हें पीसकीपिंग ट्रेनिंग ग्रुप से प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन माना जाता है.

सेना से पारिवारिक जुड़ाव

कर्नल सोफिया का सेना से गहरा रिश्ता रहा है. उनके दादा सेना में थे और उनके पति मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में अधिकारी हैं. यह पारिवारिक परंपरा उनकी देशभक्ति और सेवा के जज़्बे को और मजबूत बनाती है.

 कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह 

विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की एक प्रेरणादायक महिला अधिकारी हैं, जिनके साहस और समर्पण ने उन्हें एक नई ऊँचाई पर पहुंचाया है.बचपन से ही उनके मन में उड़ान भरने का सपना था. इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने नेशनल कैडेट कोर (NCC) से शुरुआत की. यहीं से उन्हें सेना की वर्दी पहनने और देश सेवा के प्रति लगाव बढ़ा. 

व्‍योमिका सिंह ने एक इंटरव्‍यू में शेयर की थी कहानी

व्‍योमिका सिंह ने एक इंटरव्‍यू में अपनी कहानी शेयर की थी, जिसमें उन्‍होंने बताया था कि जब वह क्‍लास 6 में थीं, तभी उन्‍होंने यह तय किया था कि वह एयरफोर्स में जाएंगी.उन्‍होंने ऐसा क्‍यों सोचा था. इसके पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्‍प है.उन्‍होंने बताया कि एक बार उनकी क्‍लास में अपने अपने नामों को लेकर बहस चल रही थी. इसी दौरान उन्‍होंने अपने नाम ‘व्योमिका’का अर्थ ‘आकाश में निवास करने वाली बताया. तभी से व्‍योमिका ने सोच लिया कि अब आसमां मेरा होगा.

व्‍योमिका ने अपने एक इंटरव्‍यू में बताया है कि जब उनकी पढ़ाई पूरी हुई, तो उस समय बहुत कम लडकियां ही एयरफोर्स में आती थीं. ऐसे में मैंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा दी और यूपीएससी के जरिए एयरफोर्स में एंट्री ली. फ‍िर व्‍योमिका हेलिकॉप्‍टर पायलट बन गईं. इसके बाद व्‍योमिका ने कभी पीछे मुड कर नहीं देखा.

13 साल बाद बनी विंग कमांडर 

व्‍योमिका सिंह को 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में कमीशन किया गया था.व्‍योमिका सिंह को वर्तमान में सबसे बेहतरीन विंग कमांडर में से एक माना जाता है. उनके पास लड़ाकू हेलिकॉप्‍टर्स उड़ाने का बेहतरीन अनुभव है. उन्‍हें चीता चेतक जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्‍टर उड़ाने में विशेषज्ञता हासिल है.व्‍योमिका सिंह 18 दिसंबर 2017 को विंग कमांडर बनीं. इस तरहवायुसेना में शामिल होने के 13 साल बाद उन्‍हें विंग कमांडर का पद मिला.व्‍ योमिका सिंह के पास 2500 से अधिक फ्लाइंग ऑवर्स पूरे करने का अनुभव है. विंग कमांडर व्‍योमिका सिंह वर्ष 2021 में माउंट मणिरंग की चढ़ाई करने वाली वायुसेना की महिला विंग का भी हिस्‍सा रही हैं. आज आपरेशन सिंदूर (India airstrike on Pakistan) के बाद हर ओर व्‍योमिका सिंह की चर्चा है. 

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह बनी नारी शक्ति की मिसाल

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह आज की उस नवभारत की बेटियों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो केवल सपने देखना नहीं जानतीं, बल्कि उन्हें साकार करना भी जानती हैं. वे अपने साहस, अनुशासन और समर्पण से यह साबित कर चुकी हैं कि भारतीय महिलाएं अब केवल सीमाओं की रक्षक नहीं, बल्कि वैश्विक मंचों की मुखर प्रवक्ता भी हैं.

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