Advertisement

'जहां उंगली रख देता था नेता जी साइन कर देते थे...,' जेल से बाहर आए आजम खान मुलायम सिंह यादव को याद कर हुए भावुक, शेयर किए कई किस्से?

आजम खान ने मुलायम सिंह यादव के साथ अपनी राजनीति के शुरुआती दौर को याद करते हुए एक टीवी चैनल से बातचीत में कई किस्से शेयर किए. उन्होंने कहा कि जहां उंगली रख देता था, वहां साइन कर देते थे.

01 Oct, 2025
( Updated: 01 Oct, 2025
01:00 PM )
'जहां उंगली रख देता था नेता जी साइन कर देते थे...,' जेल से बाहर आए आजम खान मुलायम सिंह यादव को याद कर हुए भावुक, शेयर किए कई किस्से?

सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से वापस आ चुके हैं. आजम खान के जेल से आने के बाद यूपी की सियासत में हलचल तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी के तमाम नेता उनसे मुलाकात कर रहे हैं. इसके अलावा समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी 8 अक्टूबर को आजम खान से मुलाकात करने उनके शहर रामपुर जाएंगे. इस बीच आजम खान जेल से बाहर आने के बाद लगातार अपने बयानों की वजह से चर्चा में हैं . एक निजी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान आजम खान ने मुलायम सिंह यादव के साथ अपने बेहतर संबंधों और उस दौर को याद किया करते हुए कई किस्से शेयर किए. 

'जहां उंगली रख देता था वहां साइन कर देते थे'

एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान आजम खान ने मुलायम सिंह यादव के साथ अपने पुराने दौर को याद करते हुए एक किस्सा शेयर किया. उन्होंने कहा कि 'मैं जहां उंगली रख देता था, मुलायम सिंह जी वहां साइन कर देते थे. मैंने सोने-चांदी के कंगन और कोठी बंगला नहीं मांगा था. मैंने बच्चों के लिए कलम मांगा और कलम देने वाले ने मुझसे ये नहीं पूछा कि मुझे दस्तखत कहां करने हैं. मैं जहां उंगली रख देता था, मुलायम सिंह यादव वहां साइन कर देते थे. ये भरोसा एक बहुत बड़ी कुर्बानी और काफी मेहनत के बाद हासिल होता है.' आपको बता दें कि यह किस्सा उस दौर का है, जब मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और आजम खान उनकी कैबिनेट में मंत्री थे. 

'एक महिला राजनीति में लेकर आई' 

आजम खान ने बातचीत में उस दौर के कई यादगार लम्हों को याद किया. इंटरव्यू के दौरान जब उनसे एक सवाल किया गया कि आपकी पहचान एक शिक्षाविद के तौर पर थी, फिर सियासत में कैसे आए? तो इस सवाल का जवाब देते हुए आजम खान ने कहा कि 'मैं सियासत में नहीं आना चाहता था. मैं LLM कर रहा था. मेरा फाइनल सेमेस्टर था. यूनियन का सेक्रेटरी था मैं, उस दौरान इमरजेंसी लगी, जहां सारे लोग पकड़े जा रहे थे, वहां मुझे भी जेल में डाल दिया गया. मैं तो बच्चे पढ़ाना चाहता था. मेरी नौकरी लग रही थी. लेक्चरर होना था मुझे, लेकिन मुझे तो जबरदस्ती इंदिरा गांधी साहिबा ने धक्का देकर सियासत में ला दिया. मैं सियासत में नहीं आना चाहता था. जबरदस्ती आया हूं और इसलिए आया हूं.'

'न कभी कोठी बंगले मांगे न ही सोने-चांदी के कंगन'

आजम खान ने मुलायम सिंह यादव के साथ अपनी राजनीति के शुरुआती दौर को याद करते हुए यह भी कहा कि 'मैंने मुलायम सिंह जी से सोने-चांदी के कंगन नहीं मांगे थे. न तो कभी कोठी मांगी. मेरे यहां जब औलाद होने वाली थी, तो नेता जी ने अपनी जेब से एक लिफाफा भेजा था. मैंने यह कहकर वापस कर दिया था कि जहां मेरी पत्नी भर्ती हैं, वहां सब इलाज फ्री में हो रहा है. पैसों की जरूरत क्या है?.

अखिलेश यादव को नेताजी का दौर याद दिलाया 

सपा के पूर्व मंत्री आजम खान ने शेरों-शायरी के जरिए अखिलेश यादव को नेताजी का वह दौर भी याद दिलाया जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री और वह कैबिनेट मंत्री थे. आजम ने शायराना अंदाज में कहा कि 'न मेरी वफा में कमी, न मेरी मोहब्बत में, न मेरी दयानत में, न मेरी इमानदारी में, न मेरे डिवोशन में.  

क्या आजम खान के साथ ज्यादती हुई? 

टीवी चैनल से बातचीत के दौरान आजम से जब पूछा गया कि क्या आपके साथ बहुत ज्यादती हुई? इस सवाल पर आजम ने कहा कि 'एक भी ज्यादती उन पर साबित हो जाए, तो सभी ज्यादतियों को वह अपने सिर ले लेंगे. मैं जुल्म कर ही नहीं सकता. जेल से छूटने के बाद आजम खान ने खुद पर हुई कार्रवाई को लेकर दुखड़ा रोया, जो शख्स 50 साल की सियासत में लखनऊ में रहते हुए कोठी नहीं बना सका, वो एक इमारत, एक ईंट का भी गुनहगार नहीं है. जिन जमीनों को लेकर इल्जाम लगता है, वह मेरी ही जाति और बिरादरी के लोगों ने कब्जा कर रखी थी.'

आप के लिए पुलिस अधिकारी लोगों पर मुकदमे दर्ज करते थे?

आजम खान से सवाल किया गया कि आप पर जो मुकदमे दर्ज हैं, उनमें एक पुलिस अधिकारी का भी जिक्र है, जो आपके लिए लोगों पर मुकदमे दर्ज करवाता था, आपको जो लोग भी जमीन नहीं देते थे, उसे जेल भिजवा देता था? इस सवाल पर आजम ने कहा कि 'किसी एक मुकदमे का जिक्र तो कर दीजिए. पौने 4 बीघा जमीन यूनिवर्सिटी के अंदर आज भी है, जिसका मुझे नहीं पता कहां है, जिन लोगों की जमीन है, उन्हें भी नहीं पता कहां है. उन लोगों को बुलाकर मैने कहा, किसी के नाम 10 हैं, किसी के नाम 8 गज तो किसी के नाम 20 गज है. आप या तो इसकी कीमत ले लो या फिर जो दूसरों को कीमत दी गई है. वह कीमत ले लो या फिर जहां आपकी जमीन है, वहां अपना कब्जा ले लो. उन्होंने कहा, अगर हम आपके हाथ बेच देंगे, तो हमे मार डालेंगे अधिकारी लोग. उनके सबके अदालत में बयान भी दर्ज हो गए हैं कि हमारे साथ कोई जुर्रत नहीं हुई.'

8 अक्टूबर को होगी अखिलेश और आजम की मुलाकात

यह भी पढ़ें

सपा प्रमुख अखिलेश यादव 8 अक्टूबर को  आजम खान से मिलने रामपुर जाएंगे. ऐसे में अखिलेश और आजम की यह मुलाकात कई संदेश दे सकती है, क्योंकि दावा किया जा रहा है कि आजम खान सपा से नाराज हैं और आने वाले समय में बसपा में जा सकते हैं. हालांकि, आजम खान की तरफ से इन अटकलों को समय-समय पर खारिज किया गया है. 

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
अधिक
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें