PM Modi ने Ajmer Sharif Dargah में चादर भेजने का किया ऐलान तो भड़क गया हिंदू संगठन
हिंदू संगठन एक तरफ जहां अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताते हुए कोर्ट तक पहुंच गया है तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी हर साल की तरह इस बार भी अजमेर शरीफ चादर भेज रहे हैं जिसका जबरदस्त विरोध हो रहा है, पत्रकार अजीत भारती ने तो यहां तक कह दिया कि हिंदुओं दीवार पर सिर मार लो

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दरअसल, राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह में देश के प्रधानमंत्री की ओर से हर साल चादर चढ़ाने की परंपरा रही है। साल 2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे, और उसके बाद से ही वो भी इस परंपरा का निर्वहन करते हुए लगातार अजमेर शरीफ दरगाह चादर भेज रहे हैं। इस बार भी चार जनवरी को पीएम मोदी की ओर से चादर भेजने का ऐलान किया गया है, जिस पर हिंदू सेना बुरी तरह से भड़क गई और इसका विरोध करते हुए एक लंबा चौड़ा लेटर जारी करते हुए पीएम मोदी से अपील की है कि वो अजमेर शरीफ दरगाह में चादर ना भेजें। पीएमओ को भेजी गई अपनी चिट्ठी में हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने लिखा है:
मैं संकट मोचन महादेव मंदिर बनाम अजमेर दरगाह ख्वाजा साहेब केस में याचिकाकर्ता हूं और मामला अजमेर वेस्ट डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लंबित है। इस मामले में मैंने कोर्ट में इस बात के पर्याप्त सबूत पेश किए हैं कि अजमेर शरीफ में प्राचीन हिंदू शिव मंदिर मौजूद है, जिसका निर्माण चौहान वंश ने किया था। इस मामले में उन्होंने समूचे अजमेर दरगाह शरीफ परिसर के वैज्ञानिक सर्वे की मांग की है, जब तक इस मामले में अदालत का फैसला न आ जाए, पीएम की तरफ से दरगाह पर चादर चढ़ाया जाना सस्पेंड किया जाए।
पीएमओ को चिट्ठी भेज कर हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने भले ही पीएम मोदी के चादर भेजने का विरोध किया हो, लेकिन पीएम मोदी ने भी इस विरोध को दरकिनार करते हुए चार जनवरी को अजमेर शरीफ दरगाह में चादर भेजने का ऐलान किया। जिस पर पत्रकार अजीत भारती भी बुरी तरह भड़क गए और तंज मारते हुए कहा कि… “सर दीवार पर मार लो हिंदुओं।”
इतना ही नहीं, एक और ट्वीट में अजीत भारती ने लिखा:
जहां नरेंद्र मोदी की सरकार प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को दी गई चुनौती पर चार सालों से लगातार कोर्ट से हमें इसे समझने के लिए थोड़ा समय चाहिए कह कर टाले जा रही है, वहीं ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में इसी एक्ट को कड़ाई से लागू करने के लिए और दरगाह-मस्जिद पर विशेष ध्यान देने को लिख कर याचिका लगा चुका है, कोर्ट ने फरवरी में सुनवाई की घोषणा कर दी है। मुस्लिम पक्ष एक असंवैधानिक कानून को और कड़ाई से लागू करवाने की मांग कर रहा है और हिंदुओं के चुने हुए नेता बलात्कारियों के अड्डे पर चादर-कंबल भेज रहे हैं।
ऐसे कई मौके आए जब मोदी सरकार कड़े फैसले लेने की बजाए बैकफुट पर नजर आई। फिर वो चाहे वर्शिप एक्ट के खिलाफ खड़ा होना हो, या फिर वक्फ संशोधन कानून पास कराना हो... और अब जब हिंदू संगठन अजमेर शरीफ दरगाह पर दावा ठोकते हुए इसे प्राचीन हिंदू शिव मंदिर बताकर कोर्ट में लड़ाई लड़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ हिंदुओं के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले पीएम मोदी उसी अजमेर शरीफ दरगाह में चादर भेजने की रस्म पूरी करते नजर आ रहे हैं। जिससे ओवैसी तो बहुत खुश हैं लेकिन हिंदू संगठन जबरदस्त विरोध कर रहे हैं…
वैसे आपको बता दें, पीएम मोदी से पहले भी देश के प्रधानमंत्री उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह में चादर भेजते रहे हैं और पीएम मोदी भी उसी परंपरा को निभा रहे हैं। हर साल देश के अल्पसंख्यक मंत्री ये चादर लेकर अजमेर शरीफ जाते हैं और इस बार पीएम मोदी की ओर से भेजी जाने वाली चादर लेकर अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू अजमेर शरीफ जाएंगे।