France में Modi ने ऐसा क्या कहा भारत में Congress और ठाकरे आमने-सामने आ गये ?
भारत को आजादी दिलाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले वीर सावरकर के योगदान को कांग्रेस आज तक स्वीकार नहीं कर पाई, वो तो उन्हें सम्मान देना छोड़िये उन्हें बदनाम करने का कोई मौका भी नहीं छोड़ती है, कुछ ऐसा ही एक बार फिर हुआ जब फ्रांस की धरती पर कदम रखने वाले पीएम मोदी मार्सिले गये और वीर सावरकर को याद किया !
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हिंदुस्तान को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में कई क्रांतिकारियों ने अहम भूमिका निभाई है। फिर वो चाहे भगत सिंह हों। चंद्रशेखर आजाद हों या फिर वीर सावरकर। लेकिन इसके बावजूद भारत को आजादी दिलाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले वीर सावरकर के योगदान को कांग्रेस आज तक स्वीकार नहीं कर पाई। वो तो उन्हें सम्मान देना छोड़िये। उन्हें बदनाम करने का कोई मौका भी नहीं छोड़ती है।कुछ ऐसा ही एक बार फिर हुआ जब फ्रांस की धरती पर कदम रखने वाले पीएम मोदी मार्सिले गये और वीर सावरकर को याद किया।
दरअसल जिस भारत को आजाद कराने के लिए वीर विनायक दामोदर सावरकर ने वर्षों तक काला पानी की सजा काटी।वही भारत सावरकर के नाम पर दो धड़ों में बंटा हुआ है। कांग्रेसी नेता जहां सावरकर से नफरत करते हुए उनका मजाक उड़ाया करते हैं। तो वहीं भाजपाई नेता सावरकर का सम्मान करते हैं। यही वजह है कि फ्रांस दौरे पर गये पीएम मोदी वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मार्सिले भी गये। जहां उन्होंने भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन भी किया।
जिस मार्सिले में भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया गया है। उस मार्सिले से वीर सावरकर का गहरा नाता रहा है।इसीलिये मार्सिले पहुंचते ही पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर किये गये एक ट्वीट में लिखा।"भारत की स्वतंत्रता की खोज में इस शहर का विशेष महत्व है, यहीं पर महान वीर सावरकर ने साहसपूर्वक बचने का प्रयास किया था, मैं मार्सिले के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मांग की थी कि उन्हें ब्रिटिश हिरासत में न सौंपा जाए, वीर सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी"
फ्रांस की धरती पर पीएम मोदी ने वीर सावरकर का जिक्र क्या कर दिया। भारत में बैठी कांग्रेस बुरी तरह से बौखला गई।और उदित राज जैसे कांग्रेस नेता इसका विरोध करते हुए कहने लगे। "अगर प्रधानमंत्री मोदी को मार्सिले की धरती से दुनिया को भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में याद दिलाना ही था तो उन्होंने शहीद भगत सिंह, लाला लाजपत राय, गांधी जी और कई लोगों का नाम लिया होता, न कि सावरकर का, जिन्होंने अंग्रेजों का समर्थन किया था, सावरकर मार्सिले में जहाज से भाग निकले और फिर पकड़े गये, पीएम मोदी क्या संदेश देना चाह रहे हैं कि भारतीय कायर हैं और सावरकर ने मार्सिले में लंगर डाले जहाज से भागते समय भी ऐसा ही किया था, यह सावरकर ही थे जिन्होंने ब्रिटिश सेना में भर्ती कराने के लिए जनता को संगठित किया"
उदित राज कांग्रेस के कितने बड़े नेता हैं ये इसी बात से समझ सकते हैं कि वो अब तक सिर्फ एक बार साल 2014 में सांसद बने।और वो भी बीजेपी के टिकट पर। जब प्रचंड मोदी लहर चल रही थी। और आज यही उदित राज पीएम मोदी पर सवाल उठाते हुए कह रहे हैं कि उन्हें फ्रांस में वीर सावरकर का नाम नहीं लेना चाहिये था। लेकिन हैरानी की बात ये है कि महाराष्ट्र में राहुल गांधी के दोस्त उद्धव ठाकरे को इस पर गर्व है। इसीलिये उनकी पार्टी शिवसेना यूबीटी की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी खुद सामने आईं और पीएम मोदी की तारीफ करने के साथ ही कांग्रेस को इस मुद्दे पर राजनीति करने से बचने की नसीहत भी दे डाली।
पीएम मोदी ने फ्रांस की धरती पर वीर सावरकार को याद किया तो कांग्रेस भले ही बौखला गई हो। लेकिन उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना यूबीटी पीएम मोदी के समर्थन में आ गई।क्योंकि उद्धव ठाकरे ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि जिस महाराष्ट्र में वो राजनीति करते हैं। वीर सावरकर उसी महाराष्ट्र की मिट्टी में जन्मे हैं। और अगर सावरकर का विरोध किया तो महाराष्ट्र वाले उनकी सियासी दुकान ही बंद करवा देंगे। यही वजह है कि ठाकरे की पार्टी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाने की बजाए। सावरकर के मुद्दे पर मोदी का साथ दे रही है।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में फ्रांस के मार्सिले की एक अहम भूमिका रही है। क्योंकि यहीं पर वीर सावरकर ने अंग्रेजों की गिरफ्त से बचने की कोशिश की थी। ये बात साल 1910 की है जब नासिक षडयंत्र मामले में उन्हें लंदन में गिरफ्तार करके पानी वाले जहाज से भारत ले जाया जा रहा था। इसी दौरान मार्सिले के पास सावरकर समुद्र में कूद गए और जहाज से होने वाली गोलीबारी का सामना करते हुए तैरकर फ्रांसीसी तट पर पहुंच गए थे। लेकिन वहां भी ब्रिटिश पुलिस वाले उन्हें गिरफ्तार करने के लिए मार्सिले पहुंच गये। लेकिन तत्कालीन फ्रांसीसी सरकार ने फ्रांस की धरती पर इस गिरफ्तारी के खिलाफ हेग अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में विरोध दर्ज कराया था। इस तरह से फ्रांस के मार्सिले के साथ वीर सावरकर का नाम हमेशा हमेशा के लिए जुड़ गया। यही वजह है कि मार्सिले में नए महावाणिज्य दूतावास के उद्धाटन के मौके पर पीएम मोदी ने सावरकर को याद किया।
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