वक्फ संशोधन कानून पर ममता सरकार का यू-टर्न… बंगाल में लागू करने की तैयारी तेज, मोदी सरकार से हारीं दीदी!
पश्चिम बंगाल सरकार ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा की थी कि वह नए वक्फ कानून को राज्य में लागू नहीं होने देंगी. अप्रैल में जब यह विधेयक संसद में पारित हुआ था, तब भी बंगाल में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे.
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केंद्र के नए वक्फ संशोधन अधिनियम का पुरजोर विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने चौंकाते हुए यू टर्न ले लिया है. CM ममता बनर्जी ने इस कानून को स्वीकार कर लिया है. पश्चिम बंगाल में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य की करीब 82000 वक्फ संपत्तियों का विवरण निर्धारित समयसीमा 6 दिसंबर 2025 तक केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाए.
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र ने राज्यों से 6 दिसंबर तक सभी वक्फ संपत्तियों (जो विवादित न हो) का ब्यौरा अपलोड करने को कहा था. कई बार मना करने के बाद आखिरकार अब पश्चिम बंगाल में भी केंद्र के निर्देशों का पालन होने लगा है. राज्य प्रशासन ने तुरंत डेटा एंट्री प्रक्रिया शुरू करने के लिए कदम उठाए हैं.
ममता सरकार ने क्यों लिया यू टर्न?
इसी साल पश्चिम बंगाल सरकार ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा की थी कि वह नए वक्फ कानून को राज्य में लागू नहीं होने देंगी. अप्रैल में जब यह विधेयक संसद में पारित हुआ था, तब भी बंगाल में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे. उस समय CM ममता ने कहा था, ‘मैं वक्फ संशोधन अधिनियम को बंगाल में लागू नहीं होने दूंगी. हम 33 प्रतिशत मुसलमानों का राज्य हैं, जो सदियों से यहां रह रहे हैं। उनका संरक्षण करना मेरा कर्तव्य है.’
इसके बाद ममता सरकार ने कानून के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कानूनी लड़ाई में भी ममता सरकार को कोई राहत नहीं मिली. अधिनियम की धारा 3B के तहत सभी पंजीकृत वक्फ संपत्तियों की जानकारी 6 महीने के भीतर केंद्रीय पोर्टल पर डालना अनिवार्य है.
जिलाधिकारियों को जारी निर्देश में क्या कहा गया?
पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक विकास विभाग के सचिव पी. बी. सलीम ने जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में एक आठ बिंदु कार्रवाई कार्यक्रम जारी किया है. इसके तहत
- उम्मीद पोर्टल पर उपलब्ध सुविधा और प्रक्रिया को समझना
- मुतवल्लियों, इमामों और मदरसा शिक्षकों के साथ बैठकें
- कार्यशालाओं के साथ कई जिलों में हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश
- पोर्टल में केवल निर्विरोध संपत्तियों को ही दर्ज करने के निर्देश
- यानी वो संपत्तिया जिन पर कोई कानूनी विवाद न चल रहा हो
- तकनीकी सहायता के लिए सुविधा केंद्र की स्थापना
तमाम निर्देशों के साथ जिलों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि यह कार्य बिना किसी देरी के हो. दरअसल, वक्फ अधिनियम 1995 के कई प्रावधानों में संशोधन किया गया. हालांकि इनमें से कुछ संशोधन अब भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं, लेकिन ममता सरकार के यू टर्न के बाद लग रहा है कि राज्यों ने निर्देशों को मानना शुरू कर दिया है. पश्चिम बंगाल में जिलाधिकारियों को जारी निर्देशों के अनुसार, समय-सीमा के भीतर निर्देश का पालन करना होगा. संशोधित नियमों के तहत पश्चिम बंगाल में 8,063 वक्फ सम्पत्तियों के मुतवल्लियों (वक्फ की देखभाल करने वालों) को 6 दिसंबर तक UMID पोर्टल पर अपनी पूरी संपत्ति का विवरण दर्ज कराना होगा.
वक्फ कानून में क्या संशोधन हुआ?
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 में कुछ बड़े प्रावधान किए गए हैं. जिनमें वक्फ बोर्ड और वक्फ ट्रिब्यूनल में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति और किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने को लेकर अंतिम फैसला सरकार की ओर से लेने का प्रावधान है. इन्हीं प्रावधानों को लेकर पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में विरोध देखने को मिला था. सबसे ज्यादा विवाद तो बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति पर है.
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