Advertisement

वक्फ संशोधन विधेयक 2024: स्वागत और विरोध के बीच राजनीतिक हलचल

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर देशभर में राजनीतिक बहस छिड़ गई है। जहां कुछ नेताओं ने इस विधेयक का स्वागत किया है, वहीं कुछ ने इसे धार्मिक और सामाजिक संतुलन को प्रभावित करने वाला करार देते हुए विरोध किया है। विधेयक के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण में बदलाव की कोशिश की जा रही है, जिससे इसके प्रभाव पर विविध प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

Created By: NMF News
02 Apr, 2025
( Updated: 02 Apr, 2025
06:57 PM )
वक्फ संशोधन विधेयक 2024: स्वागत और विरोध के बीच राजनीतिक हलचल
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को आज लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस विधेयक पर चर्चा के लिए स्पीकर ओम बिरला ने 8 घंटे का समय निर्धारित किया है। जहां सत्ता पक्ष के सांसद बिल का समर्थन कर रहे हैं, वहीं विपक्ष इसका कड़ा विरोध कर रहा है।
 

समर्थन और विरोध का सिलसिला

आईएएनएस से बातचीत में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, "यह आजादी के बाद वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जाई गई जमीनों को वापस लेने की लड़ाई की शुरुआत है। हिंदुओं के 30 हजार से ज्यादा धार्मिक स्थलों को वक्फ की संपत्ति के तौर पर चढ़ाया गया था। यह बिल पास होने के बाद ये सभी जगहें विवादित मानी जाएंगी, न कि वक्फ की संपत्ति।"

उन्होंने आगे कहा कि इससे वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति के लिए खुद मुकदमे लड़ने पड़ेंगे।
कांग्रेस ने इस विधेयक का कड़ा विरोध करने का ऐलान किया है। कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा, "हमारी पार्टी का रुख साफ है। हम इस बिल का सदन में विरोध करेंगे।" सांसद मल्लू रवि ने कहा, "यह बिल मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचाएगा, इसलिए हम इसका विरोध करेंगे।"
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने भी बिल की आलोचना की। उन्होंने कहा, "सरकार को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सुझावों को गंभीरता से लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह बिल वक्फ की संपत्तियों को नष्ट करने की साजिश है। अगर यह पास हो जाता है, तो हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और कानूनी रास्ता अपनाएंगे।"

उन्होंने यह भी कहा कि विरोध शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से होना चाहिए।

दरगाह शरीफ के खादिम हाजी पीर नफीस मियां चिश्ती ने कहा, "यह बिल मुसलमानों के हक और उनकी संपत्तियों पर हमला है। इसमें गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान है, जो ठीक नहीं। जैसे हिंदू ट्रस्ट में मुसलमानों की एंट्री नहीं होती, वैसे ही वक्फ में गैर-मुस्लिमों की क्या जरूरत? मुस्लिम परंपराओं को वही समझ सकता है, जो उसका हिस्सा हो।"

उन्होंने सरकार से अपील की कि इस बिल में मुसलमानों के हितों की रक्षा की जाए।

बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बिल का समर्थन करते हुए कहा, "यह बिल सामाजिक न्याय के लिए लाया गया है। जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी ने देशभर से सुझाव लिए, जिनमें मुस्लिम समुदाय के सुझाव भी शामिल हैं। इसमें आपराधिक फैसलों को चुनौती देने का प्रावधान भी है। विपक्ष इसे जाति और धर्म के नाम पर गलत तरीके से पेश कर रहा है, लेकिन जब बिल का पूरा ब्योरा सामने आएगा, तो लोगों को इसकी सकारात्मकता समझ आएगी।"
अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता अनिस अब्बास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए वक्फ बोर्ड की लूट की दुकान बंद हो रही है। साथ ही, उन्होंने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ओवैसी और उनके साथियों ने वक्फ की जमीनों का गलत इस्तेमाल किया है।

अनिस अब्बास ने कहा, "आज देश की जनता और हम सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद करना चाहते हैं। वक्फ बोर्ड के नाम पर जो लूट की फैक्ट्री चल रही थी, उसका लाइसेंस मोदी जी ने रद्द कर दिया है।" उन्होंने दावा किया कि इस बिल से वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर पारदर्शिता आएगी और अवैध कब्जों पर रोक लगेगी। अब्बास ने कहा कि इस कदम से कुछ राजनीतिक दल परेशान हैं, क्योंकि उनकी लूट की दुकान बंद हो रही है।

अनिस अब्बास ने असदुद्दीन ओवैसी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "ओवैसी कहते हैं कि वक्फ के नाम पर मस्जिदों की जमीन छीनी जा रही है। लेकिन उनके अपने साथियों ने क्या किया? एक मस्जिद को तोड़कर उसकी जगह जेडब्ल्यूएस मेट्रो होटल बना दिया। यह होटल ओवैसी के साथी का है। इसके अलावा, ओवैसी के स्कूल जो 3,000 एकड़ में चल रहा है, वह भी वक्फ की जमीन पर है।" अब्बास ने सवाल उठाया कि ओवैसी बताएं उन्होंने वक्फ की संपत्ति से कितने बच्चों को इंजीनियर, डॉक्टर, आईएएस या आईपीएस बनाया?

अनिस अब्बास ने आगे कहा, "भारत में वक्फ की एक भी ऐसी संपत्ति नहीं है, जिसके जरिए आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर या इंजीनियर तैयार किए गए हों। वक्फ की जमीनों का इस्तेमाल सिर्फ निजी फायदे के लिए हुआ है।" उन्होंने ओवैसी के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि यह बिल मुसलमानों पर थोपा जा रहा है। अब्बास ने कहा, "यह गलत है। देश के हर राज्य से मुसलमानों ने अपनी राय दी है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा- हर जगह से सुझाव लिए गए हैं। सभी समाजों का पक्ष सुना गया है।"

अजमेर दरगाह प्रमुख के उत्तराधिकारी और ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने बिल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह बिल वक्फ की पुरानी खामियों को दूर करेगा और संपत्तियों की लूट को रोकेगा। साथ ही, इसका फायदा गरीब मुसलमानों को मिलेगा।

सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा, "हम काफी समय से इस बदलाव का इंतजार कर रहे थे। आज वह घड़ी आ गई है। दोपहर 12 बजे के करीब यह बिल संसद में पेश होगा। मुझे उम्मीद है कि इस पर अच्छी बहस होगी और एक बेहतर कानून पास होगा।"
बिल का विरोध कर रहे लोगों पर चिश्ती ने कहा, "लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का हक है। कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन आम जनता को शायद यह समझ नहीं आ रहा होगा। लोग वही मान रहे हैं, जो उनके नेता बता रहे हैं।" उन्होंने विरोधियों के उस दावे को खारिज किया कि इस बिल से दरगाहें, खानकाहें या धार्मिक संपत्तियां छिन जाएंगी। चिश्ती ने कहा, "यह कहना गलत है कि धार्मिक संपत्तियां छिनेंगी। मैं सरकार के आधिकारिक बयान पर भरोसा करता हूं और दूसरों को भी ऐसा करने की सलाह दूंगा।"

Input : IANS

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें