Advertisement

'ये युवा एक दिन प्रधानमंत्री बनेगा...', पंडित नेहरू कैसे हुए अटल बिहारी वाजपेयी के कायल, जानें अनसुना किस्सा

देश आज दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है. उ उनकी राजनीति सिर्फ नीतियों तक सीमित नहीं थी, बल्कि जनता और विपक्षी नेताओं के दिलों तक पहुंचती थी. साल 1957 में बलरामपुर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनके भाषणों के कायल खुद पंडित नेहरू थे.

Source: X

देश आज अपने दिवंगत प्रधानमंत्री और महान राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मना रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था और वे हमेशा अपने स्पष्ट भाषण, विनम्र व्यक्तित्व और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए आज भी याद किए जाते हैं. उनकी राजनीति सिर्फ नीतियों तक सीमित नहीं थी बल्कि जनता और नेताओं के दिलों तक पहुंचती थी. अटल बिहारी के शानदार व्यक्तित्व, मृदभाषी होने के चलते विपक्ष के नेता भी उनकी कभी किसी भी मुद्दे पर खुलकर आलोचना नहीं करते थे. 

पंडित नेहरू थे अटल बिहारी वाजपेयी की शैली के मुरीद 

अटल बिहारी वाजपेयी की भाषण कला का किस्सा किसी से छुपा नहीं है. साल 1957 में जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से लोकसभा चुनाव जीता, तब उनके भाषणों के कायल खुद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे. नेहरू ने अटलजी को एक ब्रिटिश राजनेता से मिलवाया और कहा, 'इनसे मिलिए, यह युवा एक दिन देश का प्रधानमंत्री बनेगा.'

क्या है पूरा क़िस्सा?

अटल बिहारी वाजपेयी की हिंदी बेहद प्रभावशाली थी. जब वे लोकसभा में बोलते थे तो सभी नेता ध्यान से सुनते थे. चाहे वे सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हों या समर्थन, उनका अंदाज हमेशा सम्मानजनक और आकर्षक रहता था. वाजपेयी ने खुद एक बार बताया था कि उन्होंने नेहरू से कहा, 'आपका मिला-जुला व्यक्तित्व है, आपमें चर्चिल भी है और चैंबरलेन भी है.' नेहरू इस पर नाराज नहीं हुए बल्कि बाद में कहा, 'आज अच्छा भाषण दिया.' राजनीतिक विरोधियों के बावजूद अटल जी ने हमेशा नेहरू की तारीफ की. नेहरू के निधन पर उन्होंने कहा था, 'नेता चला गया है लेकिन उनके अनुयायी हैं. यह परीक्षा का वक्त है. सूरज डूब चुका है तो हमें सितारों की रोशनी में अपना रास्ता ढूंढना होगा.

बताते चलें कि अटल बिहारी वाजपेयी न केवल एक प्रधानमंत्री थे बल्कि एक आदर्श वक्ता और मंझे हुए राजनेता भी थे. उनके भाषणों में जो सादगी और प्रभाव था, वह आज भी युवाओं और नेताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उनकी जयंती पर देश उनके व्यक्तित्व, उनके विचारों और उनके योगदान को याद कर रहा है.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →