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2.5 साल में 25 बार मां बनने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप, जानें पूरा सच

जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन राशि में फर्जीवाड़े का है.. आगरा में एक ही महिला कृष्णा के नाम पर 25 बार डिलीवरी और पांच बार नसबंदी का मामला. keyword- agra, scam, deliver, health, pregnant,25, आगरा, जननी सुरक्षा योजना, सरकारी योजना, अस्पताल, प्रसव, मां, फर्जीवाड़ा

Created By: NMF News
10 Apr, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
01:05 AM )
2.5 साल में 25 बार मां बनने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप, जानें पूरा सच
क्या आपने कभी सुना है कि कोई महिला ढाई साल के भीतर 25 बार मां बनी हो। ऐसा संभव तो नहीं है। लेकिन आगरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक ही महिला ढाई साल में 25 बार मां बनी है। इतना ही नहीं इस महिला की 5 बार नसबंदी भी की जा चुकी है, इसके बावजूद ढाई साल में 25 बार मां कैसे बनी ये सवाल हर कोई पूछ रहा है। तो चलिए आपको इस सवाल का जवाब दे देते हैं।

ये मामला बेहद ही हैरान कर देने वाला है। आमतौर पर बिहार और यूपी में बड़े-बड़े घोटाले आपने सुने होंगे लेकिन आगरा के स्वास्थ्य केंद्र में फर्जीवाड़े का ऐसा मामला सामने आया कि हर कोई हैरान रह गया। दरअसल, ये पूरा मामला आगरा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन राशि में फर्जीवाड़े का है। आगरा में एक ही महिला कृष्णा के नाम पर 25 बार डिलीवरी और पांच बार नसबंदी का जिक्र करते हुए भुगतान किया गया है। यही नहीं इस पूरे प्रकरण में कृष्णा के खाते में कुल 45000 रुपय ट्रांसफर भी कर दिए गए।


जननी सुरक्षा योजना जननी सुरक्षा योजना एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं के लिए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर मातृ और नवजात मृत्यु दर को कम करना है, साथ ही प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद की देखभाल के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इसके तहत प्रसव के बाद महिला को सरकार के तरफ से कुछ धन राशि दी जाती है. 

महिला नसबंदी प्रोत्साहन राशि योजना: नसबंदी के बाद सरकार के तरफ से महिलाओं को कुछ प्रोतसाहन राशि दी जाती है ताकी महिलाओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा सके. 

कैसे दिया गया फर्जीवाड़े को अंजाम

सबसे पहले आपको बता दें कि राज्य सरकार के तरफ से दो प्रमुख योजनाएं जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है. इन योजनाओं में जननी सुरक्षा योजना में प्रसव के बाद महिला को ₹1400 और प्रेरणा देने वाली आशा कार्यकर्ता को ₹600 दिए जाने का प्रावधान है. वहीं नसबंदी के बाद महिला को 2000 रुपयेऔर आशा को 300 रुपये दिए जाते हैं. ये पूरी रकम महिला के खाते में 48 घंटे के भीतर सीधे उनके खाते में डाले जाते हैं. और इसी योजना के जरिए इतना बड़ा घोटाला किया गया .. कागज पर महिला की बार बार डिलीवरी दिखाई गई और नसबंदी भी कराई गई और हर बार सरकारी खजाने को लूटा गया...

बेखौफ हो कर कर रहे थे धांधली

अब ये भी जान लेते है कि पूरे मामले का भंडाफोड़ कैसे हुआ. ये मामला तब सामने आया जब स्वास्थ्य विभाग ने सीएचसी फतेहाबाद का नियमित ऑडिट किया. ऑडिट जीम जैसे-जैसे दस्तावेजों की जांच करती गई, वैसै-वैसे उनके होश उड़ते चले गए. रिकॉर्ड में एक ही महिला के 25 बार डिलीवरी और बार बार नसबंदी करना दिखाया.. ये देख पूरी टीम सक्ते में आ गई और तुरंत आगरा सीएमओ को इसकी जानकारी दी. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ ने जांच के आदेश दिए और एक विशेष जांच समिति गठित करने की घोषणा की. साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है...

बात यहीं नहीं रुकी आडिट टीम की जांच में जिले के 18 सीएचसी, लेडी लायल महिला अस्पताल और एसएन मेडिकल कॉलेज में योजना के तहत किए गए 38.95 लाख का भुगतान संदिग्ध है. जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी के भुगतान में बेखौफ होकर लाखों का फर्जीवाड़ा स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक, डाक्टर, नर्स और कर्मचारियों मिलकर कर रहे हैं...हैरानी की बात है कि फर्जी भुगतान कराने के लिए महिलाओं के नाम तक नहीं बदले जाते हैं ना ही कोई दस्तावेज प्रस्तुत किए गए.... यदि नाम और एकाउंट नंबर बदले जाते तो यह मामला शायद ही कभी खुल पाता..

Input: IANS

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