रेलवे में ‘कवच 4.0 एटीपी’ सिस्टम की शुरुआत, यात्रियों को सुरक्षित सफर का भरोसा
डीआरएम राजू भडके ने बताया कि रेलवे को सुरक्षित करने के लिए पहली बार 'कवच' 4.0 एटीपी यानी एडवांस प्रोटक्शन सिस्टम शुरू किया जा रहा है. वडोदरा डिविजन के बाजवा-अहमदाबाद के बीच पहली बार 'कवच' 4.0 एटीपी शुरू किया गया है.
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गुजरात के वडोदरा जिले में डिविजन रेलवे मैनेजर (डीआरएम) राजू भडके ने बताया कि रेल सफर को आम यात्रियों के लिए सुरक्षित करने की दिशा में हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. इस दिशा में हमने पूरी रूपरेखा निर्धारित कर ली है, जिसके अनुरूप हमारी टीम काम कर रही है. इसे लेकर किसी भी प्रकार की कोताही अस्वीकार्य है.
ओवर स्पीड और ट्रेन टक्कर पर लगेगी रोक
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में बताया कि यात्रियों को रेलवे के सफर में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए हमारी टीम पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. हमारी टीम नई-नई तकनीक को विकसित कर उसे धरातल पर उतार रही है, ताकि हम यात्रियों को सुरक्षित सफर की गारंटी दे सकें.
पश्चिम रेलवे में पहली बार लागू हुआ ‘कवच 4.0 एटीपी’ सिस्टम
डीआरएम राजू भडके ने बताया कि रेलवे को सुरक्षित करने के लिए पहली बार 'कवच' 4.0 एटीपी यानी एडवांस प्रोटक्शन सिस्टम शुरू किया जा रहा है. वडोदरा डिविजन के बाजवा-अहमदाबाद के बीच पहली बार 'कवच' 4.0 एटीपी शुरू किया गया है. इससे यात्रियों का सुरक्षित सफर सुनिश्चित किया जाएगा.
हर ट्रेन में लागू करने की तैयारी
उन्होंने कहा कि इस सिस्टम को रेलवे में लागू करने से ओवर स्पींडिग पर अंकुश लगाया जा सकेगा. आमतौर पर ओवर स्पीडिंग की वजह से हमें अप्रिय स्थिति देखने को मिलती है. इस व्यवस्था को रेलवे में लागू करने से यात्रियों को सुरक्षित सफर का एहसास होगा. रेलवे में इस सिस्टम को लागू किए जाने से दो ट्रेनों के आपस में टकराने से होने वाले हादसों पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा. साथ ही जो दूसरी कमियां रहती हैं, उन्हें भी दूर कर लिया जाएगा.
डीआरएम ने बताया कि पश्चिम रेलवे में आज पहली बार पहला ‘कवच 4.0’ लागू किया जाएगा. इससे रेल यात्रियों को सुरक्षित सफर मिलेगा. यह ‘कवच 4.0’ सबसे हाई कवच है. अब इस तरह की तकनीक को हर प्रकार के ट्रेन में लागू किया जाएगा. आगामी दिनों में हर ट्रेन में इस व्यवस्था को लागू करेंगे, ताकि यात्रियों को सुरक्षित सफल मिलेगा.
उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे में इस प्रकार की तकनीक को पूरी तरह से धरातल पर उतारने के बाद यात्रियों को सुरक्षित सफर की गारंटी हम दे पाएंगे. हमने इस संबंध में पूरी रूपरेखा निर्धारित कर चुके हैं, जिसे उतारने की दिशा में हमारी टीम अब पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है.
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