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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर राघव चड्ढा ने राज्यसभा में दिया स्थगन नोटिस

राघव चड्ढा ने प्रस्ताव के नोटिस में कहा, "राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 267 (नियमों के स्थगन के लिए प्रस्ताव की सूचना) के तहत, मैं प्रस्ताव पेश करने के अपने इरादे की सूचना देता हूं।"

Created By: NMF News
02 Dec, 2024
( Updated: 09 Dec, 2025
12:48 PM )
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर राघव चड्ढा ने राज्यसभा में दिया स्थगन नोटिस
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और सांसद राघव चड्ढा ने सोमवार को राज्यसभा में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो अत्याचार और इस्कॉन के पुजारियों की गिरफ्तारी को लेकर स्थगन नोटिस दिया है। 

आप सांसद ने मांग की है कि सदन में इन विषयों पर न केवल विस्तार पूर्वक चर्चा की जाए, बल्कि इसकी निंदा भी की जाए।

राघव चड्ढा ने प्रस्ताव के नोटिस में कहा, "राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 267 (नियमों के स्थगन के लिए प्रस्ताव की सूचना) के तहत, मैं प्रस्ताव पेश करने के अपने इरादे की सूचना देता हूं।"

उन्होंने कहा, "यह सदन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और चिन्मय कृष्ण दास सहित तीन इस्कॉन पुजारियों की गिरफ्तारी पर चर्चा करने के लिए शून्यकाल और प्रश्नकाल तथा दिन के लिए सूचीबद्ध अन्य कार्यों से संबंधित प्रासंगिक नियमों को निलंबित करे। इसके अलावा, मैं मांग करता हूं कि यह सदन सामूहिक रूप से इस्कॉन पुरोहित चिन्मय कृष्ण दास की हिरासत पर चर्चा करें और उसकी निंदा करे।"

इसके अलावा, कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने भी राज्यसभा में स्थगन नोटिस दिया है।

उन्होंने अपने नोटिस में अजमेर शरीफ दरगाह पर चर्चा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, "अजमेर शरीफ भारतीय संस्कृति के लिहाज से बहुत ही अहम है। लेकिन, मौजूदा समय में जिस तरह से इसकी ऐतिहासिक पहचान को लेकर सवाल उठाए गए हैं, उसने प्रत्येक नागरिक को चिंता में डाल दिया है।”

उन्होंने अपने नोटिस में कहा, “यहां गौर करने वाली बात है कि अजमेर शरीफ का मुद्दा ऐसे वक्त में उठाया गया है, जब हाल ही में संभल में हिंसा देखने को मिली। इस हिंसा की जद में आकर कई मासूम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस तरह की हिंसात्मक घटनाएं सामाजिक भाईचारे को खत्म करती है।”

उन्होंने अपने नोटिस में कहा, “धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय मतभेदों से परे सभी भारतीयों के बीच सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देना न केवल प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य है, बल्कि भारत की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए भी इस सदन को व्यापक रूप से विचार करना चाहिए।”

Input: IANS

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