पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड पर पाक सेना बरसाती है फूल, महंगी कारों का रखता है शौक, कौन है आतंकी सैफुल्लाह खालिद
आतंकी लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद को एक दूसरे नाम सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है. यह भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद का काफी करीबी है.
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देश और दुनिया भर को झकझोर देने वाले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में 28 लोग की मौत हुई है. 20 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. भारतीय सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों द्वारा इस हमले के 3 आतंकियों का स्केच भी जारी कर दिया गया है. इन तीनों का नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा बताया जा रहा है. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी विंग द रजिस्टेंस फ्रंट ने ली है. जिसका मुख्य मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद बताया जा रहा है. जम्मू और कश्मीर में जितनी भी आतंकी गतिविधियां चल रही है. उसके पीछे खालिद का ही हाथ बताया जा रहा है. यह हथियारों से हमेशा लैस रहता है और लग्जरी गाड़ियों का शौकीन है.
हाफिज सईद का करीबी, महंगी गाड़ियों का रखता है शौक
आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद को एक दूसरे नाम सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है. यह भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद का बेहद करीबी है. खबरों के मुताबिक, यह लग्जरी गाड़ियों का शौकीन है. इसकी सुरक्षा में कई आतंकवादी हमेशा हथियारों से लैस खड़े रहते हैं. यह पहलगाम आतंकी हमले के 2 महीने पहले पाकिस्तान के पंजाब के कंगनपुर में पहुंचा था. यहां सेना की बड़ी बटालियन रहती है.
पहलगाम हमले के मुख्य मास्टरमाइंड पर पाक सेना बरसाती है फूल
पहलगाम हमले के मुख्य मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद का पाकिस्तान में रसूख कुछ इस तरह है कि वहां की सेना इसके ऊपर फूल बरसाती है. यह पाकिस्तानी सेना को भड़काने का भी काम करता है. वही दो महीने पहले पाक सेना के कर्नल जाहिद जरीन खटक ने इसे जिहादी भाषण के लिए बुलाया था. इसके स्वागत में फूल बरसाए गए थे. इसने अपने भाषण में कहा था कि जितने लोग भारतीय सैनिकों का कत्ल करेंगे. अल्लाह उन्हें उतना ही शवाब देगा. भले ही इसका अंजाम कुछ भी हो.
कश्मीर पर कब्जा करने की धमकी दी थी
बता दें कि पाकिस्तान के ख़ैबूर पख्तूनवा में आयोजित एक सभा में सैफुल्लाह खालिद ने भारत के खिलाफ जहर उगला था. उसने इस सभा में कहा था कि "मैं वादा करता हूं कि आज 2 फरवरी 2025 है. लेकिन 2 फरवरी 2026 तक हम कश्मीर पर कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे. हमारे मुजाहिदीन आने वाले दिनों में हमला तेज करेंगे. 2 फरवरी 2026 तक कश्मीर आजाद हो जाएगा." जानकारी के लिए बता दें कि इस सभा का आयोजन पाकिस्तानी सेना और ISI ने मिलकर किया था. इसमें हजारों की संख्या में हथियार बंद आतंकी पहुंचे थे.
पाकिस्तानी लड़कों ने एबटाबाद के जंगलों में आतंकी कैंप में हिस्सा लिया था
एक खुफिया एजेंसी के मुताबिक, पिछले साल सैकड़ों की संख्या में पाकिस्तानी लड़कों ने एबटाबाद के जंगलों में आयोजित हुए एक आतंकी कैंप में हिस्सा लिया था. इसमें सैफुल्लाह कसूरी भी मौजूद था. आतंकी हमले के लिए इसने कई लड़कों का चयन किया था. इन सभी को बाद में टारगेट किलिंग की ट्रेनिंग उपलब्ध कराई गई थी. इस आतंकी कैंप में भी लड़कों को भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर उकसाया था. इसके बाद इन आतंकी लड़कों ने पाकिस्तानी सीमा से सेना की मदद से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश की थी.
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद ISI ने TRF का गठन किया
5 अगस्त 2019 को केंद्र की मोदी सरकार ने भारतीय संविधान में संशोधन करते हुए धारा 370 और 35A को हटा दिया था. इसके बाद लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की भरपाई के लिए ISI ने TRF का गठन किया था. इस आतंकी संगठन को पाकिस्तानी सेना का समर्थन है. इसकी फंडिंग चैनलों द्वारा होती है. यह लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा है. जम्मू-कश्मीर में सभी हमले इसी आतंकी संगठन द्वारा हो रहे हैं.
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