पहलगाम हमलों का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा निकला पाक सेना का पैरा कमांडो, पाकिस्तान की नापाक साजिश का हुआ खुलासा
पहलगाम हमलों में 26 आतंकवादियों की हत्या के पीछे पाकिस्तान की नापाक साजिश का खुलासा हुआ है। गुप्तचर जांच में सामने आया कि हमला करने वाला आतंकी हाशिम मूसा, विदेशी सेना का पूर्व पैरा कमांडो है। यह रिपोर्ट पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करती है।

22 अप्रैल 2025 की तारीख हमेशा के लिए कश्मीर की वादियों में दर्ज हो गई. जिस दिन पहलगाम के खूबसूरत नजारों के बीच अचानक गोलियों की गूंज ने जन्नत को भी थर्रा दिया. इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई. पूरा देश सन्न रह गया. शुरुआत में पाकिस्तान ने हमेशा की तरह हमले से खुद को अलग बताया. लेकिन कुछ ही दिनों में भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस झूठ की परतें खोल दीं. अब जो बड़ा खुलासा हुआ है, उसने पाकिस्तान का काला चेहरा दुनिया के सामने ला दिया है. इस खूनी खेल का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान का पूर्व पैरा कमांडो हाशिम मूसा है.
पाकिस्तान की सेना से लश्कर-ए-तैयबा तक का खूनी सफर
हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान. नाम सुनते ही रूह कांप जाती है. क्योंकि यह कोई मामूली आतंकी नहीं है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाशिम मूसा पहले पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस फोर्स (SSG) में पैरा कमांडो रह चुका है. उसे विशेष परिस्थितियों में लड़ने की ट्रेनिंग मिली थी. वह पहाड़ों, बर्फीले इलाकों और दुर्गम रास्तों में लड़ने का माहिर है. अब वही मूसा लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने आया था. सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान की सेना ने ही मूसा को कुछ समय के लिए लश्कर के हवाले किया ताकि वह कश्मीर घाटी में बड़े हमले को अंजाम दे सके.
खुला हाशिम मूसा का गुनाहों का पिटारा
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा तलाशी अभियान चलाया. 15 ओवरग्राउंड वर्करों को हिरासत में लिया गया. इन्हीं से पूछताछ में हाशिम मूसा की असली पहचान सामने आई. पता चला कि वह सिर्फ इस एक हमले में नहीं, बल्कि अक्टूबर 2024 में गंदरबल और बारामूला में हुए हमलों में भी शामिल था. उन हमलों में 11 लोग मारे गए थे. मूसा ने अपने साथियों के साथ मिलकर घाटी में खून की नदियां बहाईं. पूछताछ में यह भी सामने आया कि स्थानीय वर्करों ने आतंकियों को रसद, हथियार और रास्ता उपलब्ध कराया था.
पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों का खतरनाक गठजोड़
यह खुलासा दुनिया के लिए एक बड़ा संकेत है. पाकिस्तान की सेना खुद अब अपने प्रशिक्षित कमांडो को आतंकी संगठनों के हाथों में सौंप रही है. लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों को पाकिस्तान का खुला समर्थन मिल रहा है.
यह केवल भारत के खिलाफ नहीं, बल्कि वैश्विक शांति के खिलाफ भी सीधा हमला है. अगर एक पैरा कमांडो को पर्यटकों पर गोलियां चलाने के लिए भेजा जा सकता है, तो सोचिए आने वाले समय में पाकिस्तान क्या कर सकता है.
20 लाख का इनाम और तगड़ी तलाश
हाशिम मूसा की गिरफ्तारी के लिए अब पूरे जम्मू-कश्मीर में सर्च ऑपरेशन जारी है. सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर अभियान तेज कर दिया है. मूसा पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है. उसके दो अन्य साथियों, अली भाई और आदिल हुसैन ठोकर पर भी भारी इनाम रखा गया है. सेना ने इनके स्केच भी जारी कर दिए हैं. हर गांव, हर जंगल, हर चोटी पर उनकी तलाश जारी है.
पाकिस्तान ने हमेशा की तरह पहलगाम हमले पर यही कहा कि उसका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं. लेकिन अब जब सबूत सामने हैं कि हाशिम मूसा पाकिस्तानी सेना का पूर्व पैरा कमांडो है, तो सवाल उठना लाजमी है. क्या अब भी पाकिस्तान को निर्दोष कहा जा सकता है? क्या अब भी दुनिया आंखें मूंदे रहेगी? भारत अब इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की तैयारी कर चुका है. यह लड़ाई अब केवल पहलगाम हमले के दोषियों को सजा दिलाने की नहीं है. यह लड़ाई आतंकवाद के उस पूरे नेटवर्क के खिलाफ है जो पाकिस्तान की धरती से संचालित होता है. भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि चाहे समय लगे या कितनी भी मुश्किलें आएं, हर गुनहगार को पकड़ा जाएगा. हर गोली का हिसाब लिया जाएगा. और आतंक के हर सरपरस्त को बेनकाब किया जाएगा.
हाशिम मूसा का खुलासा बताता है कि पाकिस्तान आतंक के साथ अपने रिश्ते को नकार नहीं सकता. जब एक पूर्व पैरा कमांडो निर्दोष पर्यटकों की हत्या करता है, तो यह केवल एक आतंकी हमला नहीं रह जाता. यह पूरी दुनिया के लिए चेतावनी बन जाता है.