'पुराने साथियों, वापस लौट आइए, पंथ और पंजाब की पुकार है," सुखबीर बादल की नाराज़ अकाली दल नेताओं से भावुक अपील
बादल की यह अपील, सिंह साहिबान द्वारा जारी उस निर्देश के एक दिन बाद आई है, जिसमें सभी पंथिक और अकाली गुटों को एकजुट होकर सिख पहचान, धार्मिक प्रतीकों और पंजाब के संसाधनों की रक्षा के लिए साथ आने को कहा गया था. यह निर्देश 2 दिसंबर 2024 को जारी एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव में दिया गया था, जिसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि जो समूह इन निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, वे स्वतंत्र हैं, लेकिन वे सिख संगत को गुमराह न करें और अकाल तख्त का झूठा संरक्षण न दर्शाएं.
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शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गुरुवार को एक भावुक अपील करते हुए पार्टी के सभी पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं से वापस लौटने की गुज़ारिश की है. उन्होंने अकाल तख्त साहिब की ओर से आए एकता के आह्वान का हवाला देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि सभी मतभेद भुलाकर पंथ और पंजाब के हित में मिलकर काम किया जाए.
सुखबीर सिंह बादल की भावुक अपील
बादल ने कहा, "मैं तख्त के सामने सिर झुकाता हूं. हर सिख का फर्ज है कि वह सिंह साहिबान के निर्देशों का पालन करे. जो भी साथी किसी कारणवश पार्टी से अलग हो गए हैं या नए गुट बना लिए हैं, मैं उनसे हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि वे अपनी जड़ों में लौट आएं. अगर कभी मेरी बातों या निर्णयों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो, तो मैं क्षमा चाहता हूं."
एकता का संदेश, अकाल तख्त की प्रेरणा
बादल की यह अपील, सिंह साहिबान द्वारा जारी उस निर्देश के एक दिन बाद आई है, जिसमें सभी पंथिक और अकाली गुटों को एकजुट होकर सिख पहचान, धार्मिक प्रतीकों और पंजाब के संसाधनों की रक्षा के लिए साथ आने को कहा गया था. यह निर्देश 2 दिसंबर 2024 को जारी एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव में दिया गया था, जिसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि जो समूह इन निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, वे स्वतंत्र हैं, लेकिन वे सिख संगत को गुमराह न करें और अकाल तख्त का झूठा संरक्षण न दर्शाएं.
"अकाल तख्त पूरी सिख कौम का है"
बादल ने यह स्पष्ट किया कि अकाल तख्त न केवल पंजाब का, बल्कि पूरी दुनिया के सिखों का है.उन्होंने कहा "यह संस्था हर सिख के अधिकार और सम्मान के लिए खड़ी है. इसके निर्देशों का पालन करना हर सिख का धर्म है,"
पार्टी में फूट से SAD को हुआ नुकसान
पिछले कुछ वर्षों में SAD को कई आंतरिक झटके लगे हैं. वरिष्ठ नेता और पुराने सहयोगी नाराज होकर अलग हो गए या अपने-अपने गुट बना लिए. इस वजह से पार्टी को चुनावों में भी लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.
सुखबीर बादल का मानना है कि अगर सभी पुराने साथी वापस लौट आते हैं, तो शिरोमणि अकाली दल फिर से पंजाब की राजनीति में प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है.
बादल ने अंत में कहा, "यह समय व्यक्तिगत नाराज़गियों या अहंकार का नहीं है. यह समय पंथ, पंजाब और सिख समुदाय की भलाई के लिए मिलकर खड़े होने का है. अगर हम सब एकजुट हो जाएं, तो किसी भी चुनौती को मात दी जा सकती है."
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