अब दिल्ली में नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, स्कूल फीस एक्ट को मिली मंजूरी... नियम तोड़ने पर ₹10 लाख का जुर्माना!
दिल्ली की भाजपा सरकार ने स्कूल फीस एक्ट ड्राफ्ट पास कर दिया है. जिसको लेकर एक गाइडलाइन तय की जाएगी. इस बिल के लागू होने से दिल्ली के स्कूल मनमाने तरीके से बच्चों से ज्यादा फीस वसूल नहीं पाएंगे.

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दिल्ली की भाजपा सरकार ने प्रदेश में स्कूल फीस एक्ट को मंजूरी दे दी है. इस बिल के पास होने के बाद स्कूलों द्वारा मनमानी तरीके से स्कूल की फीस बढ़ाने पर रोक लग जाएगी. जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में बीते कई वर्षों से बच्चों के अभिभावक हर साल बढ़ती फीस को लेकर शिकायत कर रहे थे. लेकिन अब दिल्ली विधानसभा में स्कूल फीस एक्ट एक कानून बन गया है. जिससे मनमानी फीस पर लगाम लगेगी.
क्या है स्कूल फीस एक्ट ?
बता दें कि बीते कई वर्षों से दिल्ली के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के पेरेंट्स मनमानी फीस वसूली से परेशान चल रहे थे. जिसको लेकर उन्होंने पिछली सरकार में भी विरोध-प्रदर्शन जताया था. ऐसे में कई वर्षों के संघर्ष के बाद बच्चों के पेरेंट्स को बड़ी ताकत मिली है. दिल्ली की भाजपा सरकार ने स्कूल फीस एक्ट ड्राफ्ट पास कर दिया है. जिसको लेकर एक गाइडलाइन तय की जाएगी. इस बिल के लागू होने से दिल्ली के स्कूल मनमाने तरीके से बच्चों से ज्यादा फीस वसूल नहीं पाएंगे. यह बिल दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद के संयुक्त नेतृत्व में पेश किया गया. शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि "एक स्कूल लेवल फीस रेगुलेशन कमेटी बनाई जाएगी. इसके चेयरपर्सन मैनेजमेंट के चेयरपर्सन होंगे. सेक्रेटरी स्कूल के प्रिंसिपल होंगे. इस कमेटी में 3 शिक्षक, 5 अभिभावक और एक डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन का नॉमिनी ऑब्जर्वर होगा. इनमें 5 अभिभावक पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन के सदस्य होंगे. इसका चयन ड्रॉ ऑफ लॉट से होगा. यह सभी 3 साल के लिए फीस की राशि निर्धारित करेंगे. इस कमेटी को कई जिम्मेदारियां मिलेंगी. इनमें स्कूल की बिल्डिंग, लाइब्रेरी, स्कूल शिक्षकों की सैलरी जैसे 18 पॉइंट्स होंगे. सभी 18 पॉइंट्स पर नजर रखते हुए कमेटी यह निर्धारित करेगी कि क्या इस स्कूल की फीस बढ़नी चाहिए या नहीं ? यह कमेटी 31 जुलाई को बनेगी और 30 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपनी होगी. अगर ऐसा नहीं हुआ. तो डिस्ट्रिक्ट लेवल कमिटी इन सभी मसलों पर अपील सुनकर इसका फैसला करेगी. अगर फिर भी सहमति नहीं बन पाई. तो यह स्टेट लेवल पर भेजा जाएगा."
नियम न फॉलो करने पर 1 से 10 लाख तक का लगेगा जुर्माना
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इस एक्ट को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बताया कि "अगर कोई स्कूल इस नियम को फॉलो नहीं करता है और बिना कमेटी के सहमति की फीस बढ़ाई. तो इस दशा में स्कूलों पर 1 से 10 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा सरकार स्कूल को टेकओवर भी कर सकती है.हमें खबर मिली थी कि प्रदेश के एक स्कूल में किसी बच्चे ने बढ़ी हुई फीस नहीं दी. तो उसे लाइब्रेरी में बिठा कर रखा गया. अगर इस तरह की शिकायत बच्चों के द्वारा पाई गई. तो स्कूल को प्रति बच्चे 50 हजार का जुर्माना देना होगा. अगर स्कूल ने 20 दिन के अंदर इसमें सुधार नहीं किया. तो यह जुर्माना डबल हो जाएगा. जितना समय स्कूल लगाएगा. उतना ही जुर्माना बढ़ता जाएगा."
इस बिल को लेकर क्या कहा सीएम रेखा गुप्ता ने ?
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस बिल के पास होने के बाद कहा कि "सरकार को अभिभावकों से स्कूलों द्वारा दुर्व्यवहार और मनमाने ढंग से फीस वसूलने की शिकायत मिल रही थी. इसके बाद हमने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए भेजा और ऑडिट करवाया गया. तब हमें समझ आया कि फीस बढ़ाने की प्रक्रिया की जांच के लिए कोई स्पष्ट प्रक्रिया ही नहीं थी. 1973 के मौजूदा कानून में इस मुद्दे को हल करने के लिए कोई क्लॉज ही नहीं था. इससे कार्रवाई करने में काफी कठिनाई हुई. दिल्ली कैबिनेट ने अब एक नए विधेयक को मंजूरी दे दी है. जो स्कूलों द्वारा फीस बढ़ाने के मामले को लेकर अभिभावकों, स्कूलों और सरकार की भूमिकाओं को परिभाषित करेगा"
कब से लागू होगा यह बिल ?
दिल्ली में स्कूल फीस एक्ट बिल को लेकर कई वर्षों से चल रही मांग को लेकर सीएम रेखा गुप्ता की कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. यह स्कूल फीस एक्ट बिल 1 अप्रैल 2026 से लागू हो जाएगा. इस बिल के लागू होने से लाखों अभिभावकों के लिए राहत की खबर है. जो प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी फीस और दुर्व्यवहार से परेशान थे. सरकार का कहना है कि "इससे सिर्फ स्कूल फीस पर ही नियंत्रण नहीं लगेगा. बल्कि स्कूलों में बच्चों के प्रति जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगा."