NOTAM लागू: भारत ने बंद किया एयरस्पेस, पाकिस्तान में मची खलबली
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने एक कड़ा कदम उठाते हुए 30 अप्रैल से 23 मई 2025 तक पाकिस्तानी पंजीकृत और सैन्य विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है। यह फैसला पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया है। इस कदम से पाकिस्तान में हलचल मच गई है, और गिलगित-स्कार्दू सहित गुलाम कश्मीर की उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
01 May 2025
(
Updated:
09 Dec 2025
09:14 AM
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भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। 30 अप्रैल 2025 को भारत ने एक अहम कदम उठाते हुए Notice to Airmen (NOTAM) जारी कर दिया है। इसके तहत अब 23 मई 2025 तक कोई भी पाकिस्तानी पंजीकृत या सैन्य विमान भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेगा। यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी.
NOTAM तकनीकी रूप से एक सामान्य घोषणा लग सकती है, लेकिन असल में यह पाकिस्तान को दिया गया भारत का कड़ा कूटनीतिक संदेश है। भारत ने यह साफ कर दिया है कि अब हर आतंकी हमले का जवाब सख्त और रणनीतिक तरीके से दिया जाएगा।
घबराया पाकिस्तान, गिलगित-स्कार्दू की उड़ानें की रद्द
भारत की इस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान की सरकार और सैन्य इकाइयों में अफरा-तफरी मच गई। पाकिस्तान ने बुधवार को गिलगित, स्कार्दू और पूरे गुलाम जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के लिए सभी उड़ानों को सुरक्षा कारणों का हवाला देकर रद्द कर दिया। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को डर है कि भारत एक और सर्जिकल स्ट्राइक या एयरस्ट्राइक की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा के बाद हमने उत्तरी क्षेत्रों की उड़ानें निलंबित की हैं। साथ ही भारत से आने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है।"
भारत की रणनीति आसमान से पहले जमीन पर संदेश
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने इस तरह का कदम उठाया है। 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक से पहले भी भारत ने कुछ इसी तरह की रणनीतिक तैयारियां की थीं। एयरस्पेस बंद करना एक रक्षात्मक उपाय के साथ-साथ आक्रामक रणनीति का संकेत भी है। जब आसमान साफ हो, तो सेना को कार्रवाई में सरलता होती है और किसी बाहरी हस्तक्षेप की संभावना कम हो जाती है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या अगला कदम सैन्य कार्रवाई होगा? तो विशेषज्ञों का मानना है कि एयरस्पेस को बंद करना सिर्फ एक एहतियात नहीं, बल्कि बड़े ऑपरेशन की पूर्व तैयारी भी हो सकती है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक, जिसमें NSA अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख भी मौजूद थे, इस बात की पुष्टि करती है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, निर्णायक कार्रवाई की नीति अपना रहा है। इन बैठकों की गोपनीयता और सुरक्षा के स्तर को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारत की ओर से कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी असर
भारत के इस फैसले का असर सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित नहीं रहा। अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं को अब भारत-पाकिस्तान रूट बदलना पड़ रहा है। इससे ईंधन खर्च बढ़ा है और उड़ानों में देरी भी हो रही है। एयरस्पेस प्रतिबंध की वजह से कई कंपनियों को वैकल्पिक मार्ग चुनने पड़ रहे हैं, जिससे उनका संचालन प्रभावित हो रहा है। भारत का यह कदम उसके बढ़ते आत्मविश्वास और वैश्विक कूटनीति में मजबूत स्थिति को दर्शाता है। पाकिस्तान इस वक्त दोहरी मार झेल रहा है एक तरफ आतंरिक अस्थिरता, दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलगाव। ऐसे में भारत का यह सख्त रुख उसे पूरी तरह दबाव में ला रहा है।
देश की जनता की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में भारत क्या और सख्त कदम उठा सकता है। क्या एक और बालाकोट जैसी कार्रवाई होने वाली है? क्या PoK में किसी आतंकी कैंप को निशाना बनाया जाएगा? हालांकि सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा बलों को पहले ही "फुल ऑपरेशनल फ्रीडम" मिल चुकी है, यानी अब उन्हें जवाबी कार्रवाई के लिए अनुमति की ज़रूरत नहीं।
भारत का यह कदम न सिर्फ एक तकनीकी निर्णय है, बल्कि एक स्पष्ट चेतावनी है हम अब शब्दों से नहीं, एक्शन से जवाब देंगे। पाकिस्तान को अब यह समझ लेना चाहिए कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जाने को तैयार है। NOTAM सिर्फ एक शुरुआत है, असली जवाब शायद अभी बाकी है।
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