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एक देश-एक चुनाव पर चर्चा के लिए JPC के नामों का हुआ एलान, जानिए कांग्रेस समेत विपक्ष से किसे मिली जगह

एक देश एक चुनाव को लेकर सदन में सरकार द्वारा पेश किए गए बिल को आम सहमति और समीक्षा के लिए जेपीसी ( ज्वॉइंट पार्लियामेंट कमेटी ) के लिए भेज दिया गया है। इस कमेटी में कुल 31 होंगे जिंसमे से 21 सदस्य लोकसभा के जबकि राज्यसभा से 10 सदस्य होंगे।

19 Dec, 2024
( Updated: 19 Dec, 2024
10:47 AM )
एक देश-एक चुनाव पर चर्चा के लिए JPC के नामों का हुआ एलान, जानिए कांग्रेस समेत विपक्ष से किसे मिली जगह
एक देश एक चुनाव को लेकर सदन में सरकार द्वारा पेश किए गए बिल को आम सहमति और समीक्षा के लिए जेपीसी ( ज्वॉइंट पार्लियामेंट कमेटी ) के लिए भेज दिया गया है। इस कमेटी में कुल 31 होंगे जिंसमे से 21 सदस्य लोकसभा के जबकि राज्यसभा से 10 सदस्य होंगे। अब सदन में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल गुरुवार को लोकसभा में JPC के सदस्यों के नामों का ऐलान करेंगे। बताते चले कि इस बिल को लाने के पीछे सरकार ने यह तर्क दिए है कि देश में अलग-अलग चुनावों पर होने वाले ख़र्च में काफ़ी कमी आएगी और देश के विकास कार्य को भी गति मिलेगी। 


कांग्रेस के किन नामों को मिली जेपीसी में जगह 

दरअसल, विपक्षी पार्टी लगातार सरकार के एक देश एक चुनाव वाले क़दम को लेकर विरोध कर रही थी। इस बीच जब सरकार की तरफ़ से मंगलवार को बिल पेश किया तो तुरंत इसे जेपीसी में भेजना का फैलसा हुआ। जेपीसी में सत्ता पक्ष के अलावा विपक्ष के सांसद भी शामिल होंगे। कमेटी में कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी और सुखदेव भगत सिंह को शामिल किया गया है। BJP की ओर से नई दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज, संबित पात्रा और अनुराग सिंह ठाकुर समेत 10 सांसदों को जगह दी गई है। वही ममता बनर्जी की पार्टी TMC से कल्याण बनर्जी को कमेटी में लिया गया है। अभी तक राज्यसभा की तरफ से 10 सदस्यों का ऐलान नहीं किया गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल गुरुवार को लोकसभा में JPC के सदस्यों के नामों का ऐलान करेंगे।
जेपीसी संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर चुनावों को संरेखित करना है।


वन नेशन वन इलेक्शन पर कौन-कौन करेगा समीक्षा 

समिति में जिन लोकसभा के 21 सांसदों को शामिल किया गया है उनमें पी.पी चौधरी, डॉ. सी.एम रमेश, बांसुरी स्वराज, परषोत्तमभाई रूपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, भर्तृहरि महताब, डॉ. संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत, धर्मेंद्र यादव, कल्याण बनर्जी, टी.एम. सेल्वगणपति, जी.एम. हरीश बालयोगी, सुप्रिया सुले, डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे, चंदन चौहान और बालाशोवरी वल्लभनेनी हैं।जेपीसी अब 'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श करेगी। साथ ही समिति पक्ष-विपक्ष और विशेषज्ञों से चर्चा के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। बताते चले की ज्वॉइंट पार्लियामेंट कमेटी (JPC) का गठन लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों को मिलाकर किया जाता है। यह समिति किसी भी बिल पर पूरी समीक्षा कर एक रिपोर्ट तैयार करती है। जो बाद में सरकार के पास भेजा जाता है। 


बता दें कि वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लोकसभा में मंगलवार को पेश किया गया था। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को पटल पर रखा, जिसका विपक्ष ने जमकर विरोध किया। 'वन नेशन, वन नेशन' को लेकर सदन में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक डिविजन हुआ। इस बिल के पक्ष में 220 सांसदों ने वोटिंग की तो 149 सांसदों ने इसका विरोध किया। हालांकि, बाद में फिर से मत विभाजन की प्रक्रिया की गई। दोबारा से मतविभाजन में पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े।इसके बाद मोदी सरकार ने इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया। सरकार की सिफारिश पर जेपीसी का गठन हो गया, जिसकी कमान भाजपा सांसद पीपी चौधरी को सौंपी गई। पीपी चौधरी जेपीसी के चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं।

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