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महाकाल की सवारी को लेकर उज्जैन में स्कूलों की छुट्टी को लेकर भड़की कांग्रेस, विधायक आरिफ मसूद ने किया विरोध

इस साल महाकाल मंदिर से कुल छह सवारियां नगर भ्रमण के लिए निकलेंगी. जिससे देखते हुए उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने कहा-  सवारी वाले दिन नगरीय सीमा में आने वाले सभी प्राइवेट और शासकीय स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई है. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए सोमवार के बजाए रविवार को स्कूल लगेंगे.

09 Jul, 2025
( Updated: 09 Jul, 2025
01:17 PM )
महाकाल की सवारी को लेकर उज्जैन में स्कूलों की छुट्टी को लेकर भड़की कांग्रेस, विधायक आरिफ मसूद ने किया विरोध

11 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो रही है और नौ अगस्त को समापन होगा.  अब इससे लेकर उज्जैन से एक खबर सामने आ रही है कि 14 जुलाई से 11 अगस्त तक पहली से 12वीं तक के स्कूल सोमवार के बजाए रविवार को लगेंगे. ये फैसला श्रावण महीने में भगवान महाकालेश्वर की निकलने वाली सवारी को देखते हुए लिया गया है. 

महाकाल की सवारी देखने दूर-दूर से आते है लोग

दरसअल, सावन में सोमवार के दिन बाबा महाकाल की सवारी निकलती है. जिससे देखने दूर-दूर से भारी संख्या में लोग आते है. जिस वजह से स्कूल के बच्चों और श्रद्धालुओं को जाम की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

इस साल निकलेगी महाकाल की कुल छह सवारी

इस साल महाकाल मंदिर से कुल छह सवारियां नगर भ्रमण के लिए निकलेंगी। जिससे देखते हुए उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने कहा-  सवारी वाले दिन नगरीय सीमा में आने वाले सभी प्राइवेट और शासकीय स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई है. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए सोमवार के बजाए रविवार को स्कूल लगेंगे.

सवारी का कार्यक्रम इस प्रकार है: पहली सवारी – 14 जुलाई, दूसरी सवारी – 21 जुलाई, तीसरी सवारी – 28 जुलाई, चौथी सवारी – 4 अगस्त, पांचवीं सवारी – 11 अगस्त, छठी और अंतिम सवारी – 18 अगस्त। हर साल की तरह इस बार भी महाकाल की सवारी के स्वागत की तैयारियाँ जोरों पर हैं। पूरे शहर में धार्मिक उत्सव जैसा माहौल रहेगा. 

कांग्रेस विधायक ने किया सोमवार को घोषित छुट्टियों का विरोध

हालांकि इस बार भोपाल मध्य सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने सोमवार को घोषित छुट्टियों का विरोध किया है. उन्होंने कहा: “महाकाल की सवारी सालों से निकल रही है, और हर धर्म के लोग इसका स्वागत करते हैं.  लेकिन हर सोमवार को स्कूलों की छुट्टी देना उचित नहीं है. इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा.  ”

आरिफ मसूद के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है. कई लोग धार्मिक आस्थाओं का सम्मान बनाए रखने की बात कह रहे हैं, तो कुछ लोग बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं. अब देखना यह है कि प्रशासन विधायक के बयान को किस रूप में लेता है और क्या कोई बदलाव किया जाएगा. 

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