यूपी के लखनऊ में अब दिखेगा साबरमती जैसा दृश्य, गोमती रिवरफ्रंट पर बनेगा अनोखा ब्रिज, योगी सरकार ने शुरू की बड़ी तैयारी
Lucknow Gomti Riverfront:अब लखनऊ में भी एक शानदार पैदल चलने वाला पेडेस्ट्रियन ब्रिज बनाया जाएगा. इसके निर्माण पर करीब 54 करोड़ रुपए खर्च होंगे. लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने इस प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है और अगले दो महीनों में निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है.
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Lucknow Gomti Riverfront: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे बना रिवरफ्रंट आने वाले दिनों में और ज्यादा खूबसूरत होने वाला है. गुजरात के प्रसिद्ध साबरमती रिवरफ्रंट की तरह अब लखनऊ में भी एक शानदार पैदल चलने वाला पेडेस्ट्रियन ब्रिज बनाया जाएगा. इसके निर्माण पर करीब 54 करोड़ रुपए खर्च होंगे. लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने इस प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है और अगले दो महीनों में निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है.
रिवरफ्रंट की सबसे बड़ी समस्या अब होगी दूर
अब तक गोमती रिवरफ्रंट की सबसे बड़ी कमी यह थी कि लोग नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे तक सीधे नहीं जा सकते थे. लोग एक साइड घूमकर ही वापस लौट आते थे. नया पेडेस्ट्रियन ब्रिज इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर देगा. यह ब्रिज दोनों किनारों को जोड़ेगा, जिससे लोग पूरे रिवरफ्रंट को आसानी से एक साथ घूम सकेंगे.
कहां बनेगा नया ब्रिज?
LDA ने ब्रिज के लिए जगह तय कर ली है. यह ब्रिज ADCP ऑफिस के पास बनाया जाएगा. इसकी डिजाइन आकर्षक होगी और इसमें लोगों के बैठने की भी सुविधा रहेगी। ब्रिज पर खड़े होकर लोग गोमती नदी में चलते क्रूज का खूबसूरत नजारा देख सकेंगे. शाम होते ही लाइटिंग के साथ यह जगह सोशल मीडिया पर फोटो खिंचवाने वालों की नई पसंद बन जाएगी.
कब तक मिलेगा लखनऊ वालों को ये तोहफा?
एलडीए अधिकारियों के अनुसार, दो महीने में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और इसके तुरंत बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. अगर सब कुछ सही चलता रहा तो यह ब्रिज 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक बनकर तैयार हो सकता है. रिवरफ्रंट पर शाम की चाय, क्रूज का नजारा और खूबसूरत लाइटिंग सब एक ही जगह उपलब्ध होंगे.
रिवरफ्रंट की मौजूदा सुविधाएँ
गोमती रिवरफ्रंट में पहले से ही जॉगिंग ट्रैक, पैदल पथ, हरियाली, म्यूजिकल फाउंटेन, नौका विहार और ओपन-एयर एम्फीथिएटर जैसी सुविधाएँ मौजूद हैं. लोग सुबह-शाम यहां सैर करने आते हैं और बच्चे खेलने का आनंद लेते हैं. पास ही प्रसिद्ध चटोरी गली भी है जहाँ लोग स्ट्रीट फूड का मज़ा लेते हैं.
लेकिन कुछ समस्याएँ अब भी बरकरार
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युवाओं का कहना है कि रिवरफ्रंट की हालत पहले जितनी अच्छी नहीं रही. रात में जगह अंधेरी रहती है, सफाई कम होती है और कई जगहों पर गंदगी दिखती है. कई कुर्सियाँ टूटी हुई हैं और फाउंटेन भी लंबे समय से बंद पड़े हैं. लोग उम्मीद कर रहे हैं कि नए ब्रिज के साथ रिवरफ्रंट की पूरी व्यवस्था भी बेहतर की जाएगी.
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