Advertisement

'तुम्हें भी चैन से नहीं रहने देंगे', हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर हिंदू सगठनों की बांग्लादेश को तगड़ी चेतावनी

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले और अत्याचारों को लेकर भारत के लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारी कह रहे हैं कि या तो बांग्लादेश हिंसा रोके नहीं तो हम भी उनके अधिकारियों को चैन से रहने नहीं देंगे.

Author
27 Dec 2025
( Updated: 27 Dec 2025
11:46 AM )
'तुम्हें भी चैन से नहीं रहने देंगे', हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर हिंदू सगठनों की बांग्लादेश को तगड़ी चेतावनी
Protest Against Bangladesh in Siliguri (Screengrab)

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार और हाल के दिनों में दो हिन्दू युवकों की बर्बर हत्या पर भारत के लोग उठ खड़े हुए हैं. देश भर में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. इतना ही नहीं बांग्लादेश से सटे पश्चिम बंगाल में भी इसको लेकर जोरदाप विरोध किया जा रहा है. बीते दो दिनों में दो बड़े शहरों में इसको लेकर लोग भारी संख्या में सड़कों पर उतरे. एक ओर जहां सिलीगुड़ी में गुरुवार को बांगिया हिंदू महामंच ने तीखा विरोध-प्रदर्शन किया तो वहीं कोलकाता और असम के गुवाहाटी में बीते दिन हजारों की संख्या में लोगों ने मार्च किया और कट्टरपंथियों को चेतावनी दी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेशी अधिकारियों को भी चेतावनी दी और सरकार से इस मामले में दबाव बढ़ाने की अपील की.

'...तुम्हें भी चैन से काम नहीं करने देंगे'

इसी बीच सिलीगुड़ी में बांगिया हिंदू महामंच के अध्यक्ष बिक्रमादित्य मंडल ने अपने विरोध-प्रदर्शन के दौरान बड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जिस तरह हिंदुओं की लिंचिंग की जा रही है, उसको लेकर लोगों में गुस्सा है, उसी के खिलाफ हम लोग सड़कों पर उतरे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमने पहले ही वीजा कार्यालय बंद करवा दिया है, और अगर बांग्लादेश में हिंदू भाईयों-बहनों की रक्षा सुनिश्चित नहीं की गई, तो हम भी यहां (भारत में) बांग्लादेशी अधिकारियों को शांतिपूर्वक रहने नहीं देंगे. हालांकि उन्होंने ये कहा कि वो उन्हें प्रताड़ित तो नहीं करेंगे, लेकिन उन्हें चैन से काम भी नहीं करने देंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि वे अपने देश चले जाएं.

बांगिया हिंदू महामंच की बांग्लादेश को चेतावनी!

आपको बता दें कि बांगिया हिंदू महामंच सहित अन्य संगठन ये प्रदर्शन बीते दिनों बांग्लादेश के मायमनसिंह जिले में 18 दिसंबर को दलित हिंदू युवक दीपू चंद्र दास (27 वर्ष) की बर्बर तरीके से की गई हत्या और मॉब लिंचिंग को लेकर कर रहे हैं. हाल के दिनों में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़े हैं, खासकर पिछले एक साल में जब से कट्टरपंथियों के नेतृत्व वाली मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार आई है. ज्ञात हो कि दीपू की एक झूठी ईशनिंदा के आरोप में हत्या कर दी गई, जहां पहले उसे कट्टरपंथियों की भीड़ ने उन्हें पीटा, पेड़ से लटकाया और शरीर को आग लगा दी. इसके अलावा, हाल ही में एक अन्य हिंदू युवक अमृत मंडल की भी हत्या की खबरें सामने आ रही हैं.

भारत से लेकर नेपाल तक बांग्लादेश के खिलाफ उबाल

इन्हीं घटनाओं से उत्तेजित आम लोग और हिंदू संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल और असम में लगातार प्रदर्शन और मार्च हो रहे हैं. यहां तक कि पड़ोसी देस नेपाल में भी बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. खबर के मुताबिक कोलकाता में शुक्रवार को हजारों भगवा वस्त्र धारण किए हिंदू कार्यकर्ता बांग्लादेश डिप्टी हाई कमीशन का घेराव किया. भाजपा नेता एवं पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी कमीशन के परिसर में घुस गए और अधिकारियों से बात की. इस दौरान सुवेंदु और प्रदर्शनकारियों ने हिंदुओं पर अत्याचार रोकने की मांग की. वहीं असम के गुवाहाटी में भी बंगाली यूनाइटेड फोरम ने बांग्लादेश असिस्टेंट हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन किया.

इसी बीच सिलीगुड़ी होटल एसोसिएशन ने बांग्लादेशी नागरिकों को आवास उपलब्ध कराना बंद करने का निर्णय लिया है.

बांग्लादेश की हालत पर भारत की पैनी नजर!

वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसा पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश में स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर उसने बांग्लादेशी अधिकारियों के समक्ष अपनी गंभीर चिंताएं दर्ज कराई हैं.

रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि, “बांग्लादेश को लेकर हमारा रुख हमेशा स्पष्ट और सुसंगत रहा है. भारत बांग्लादेश के लोगों के साथ संबंधों को मजबूत करने के पक्ष में है. हम वहां शांति और स्थिरता के समर्थक हैं. चुनावों को लेकर भी हमारा दृष्टिकोण साफ है. हम शांतिपूर्ण माहौल में स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी और सहभागी चुनावों का समर्थन करते हैं.”

ढाका को भारत की वित्तीय सहायता से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में MEA ने कहा कि परिस्थितियां भले ही बदली हों, लेकिन भारत बांग्लादेश में शांति और स्थिरता के पक्ष में खड़ा है और वहां के लोगों के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना चाहता है.

बता दें कि यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बीते कुछ महीनों में बांग्लादेश में हिंसा की घटनाओं में तेज़ी से वृद्धि हुई है, जिसमें देशभर में हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं भी शामिल हैं.

दीपू दास की हत्या के मामले में क्या हुई कार्रवाई

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने दीपू चंद्र दास हत्याकांड में अब तक 10 लोगों की गिरफ्तारी की बात कही है, लेकिन भारत में प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सिर्फ गिरफ्तारियां काफी नहीं हैं. उनका मानना है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इससे कहीं ज्यादा सख्त और ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.

कट्टरपंथियों पर नहीं चल रहा यूनुस का बस

यह भी पढ़ें

स्वतंत्र रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूनुस सरकार के कार्यकाल के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा की 2,900 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, जो वहां की कानून-व्यवस्था और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
भारत के हर राज्य में होगी BJP की सरकार ! RSS : The King Maker ऐसे करता है काम | Rahul Kaushik
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें