‘विश्व में सुख-शांति लाने के लिए जीता है भारत’, आजादी मना रहे देशवासियों को मोहन भागवत ने क्या कहा जानिए
Independence Day 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि भारतीयों को स्वतंत्रता को लेकर आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए. स्वतंत्रता को कायम रखने के लिए कड़ी मेहनत और त्याग करने की जरूरत है.
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79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभर में जश्न का माहौल है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने भी भुवनेश्वर में ध्वजारोहण किया और देशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं दीं. शुक्रवार को उत्कल बिपन्ना सहायता समिति में ध्वजारोहण के दौरान उन्होंने कहा, भारतीयों को स्वतंत्रता को लेकर आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए. स्वतंत्रता को कायम रखने के लिए कड़ी मेहनत और त्याग करने की जरूरत है.
कार्यक्रम में भागवत ने भाषण में कहा कि भारत एक विशिष्ट पूर्ण देश है. दुनिया में सुख-शांति लाने के लिए जीता है, दुनिया को धर्म को देने के लिए जीता है. इसलिए हमारे राष्ट्रीय ध्वज पर केंद्र में धर्म का ध्वज है. यह धर्म सबको साथ लेकर चलता है.
दुनिया को समाधान देना हमारा कर्तव्य: भागवत
भागवत ने कहा, हम स्वतंत्र इसलिए हुए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे देश में हर कोई सुखी, साहस, सुरक्षा, शांति और सम्मान प्राप्त कर सके. आज दुनिया लड़खड़ा रही है. 2000 वर्षों से अधिक समय से कई प्रयोगों के बावजूद, इसकी समस्याओं का समाधान अभी तक नहीं मिला है. यह हमारा कर्तव्य है कि हम दुनिया को समाधान प्रदान करें और धार्मिक सिद्धांतों पर आधारित हमारी दृष्टि के आधार पर खुशी और शांति से भरी एक नई दुनिया का निर्माण करें.'
उन्होंने कहा, हमारे पूर्वजों ने सर्वोच्च बलिदान देकर भारत को 1947 में स्वतंत्रता दिलाई. हमें भी इसे कायम रखने, देश को आत्मनिर्भर बनाने और विवादों में उलझी दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए ‘विश्व गुरु’ के रूप में उभरने के लिए उतनी ही मेहनत करनी होगी.
राजेश लोया ने संघ मुख्यालय में किया ध्वजारोहण
वहीं RSS नेता राजेश लोया ने शुक्रवार को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय तिरंगा फहराया. शहर के महाल क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम में RSS के कई कार्यकर्ता और प्रचारक भी मौजूद थे. कार्यक्रम में अपने संबोधन में लोया ने भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले लोगों के योगदान को याद किया.
उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की और कहा कि स्वतंत्रता के बाद जब भी किसी ने देश पर बुरी नजर डाली, उन्होंने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया.
लोया ने कहा कि दुनिया हैरान है कि भारत ने अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर दुश्मनों को हराया. उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हाल के वर्षों में हमारा स्वाभिमान जागृत हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘हम आत्मनिर्भर बन रहे हैं और अपने ‘स्व’ को जगा रहे हैं.’’
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