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‘सारे जहां से अच्छा दिखता है भारत…’ अंतरिक्ष से लौटे शुभांशु शुक्ला की बातें सुनकर गदगद हो जाएगा मन

अंतरिक्ष से लौटने के बाद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि यह केवल मेरा मिशन नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का मिशन था. अंतरिक्ष में अनुभव जमीन पर प्रशिक्षण से पूरी तरह अलग था. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से भारत को देखना एक अनमोल अनुभव था. हमारा देश आज भी सारे जहां से अच्छा दिखता है.

Shubhanshu Shukla

अंतरिक्ष से लौटने के बाद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपनी इस उपलब्धि को पूरे देश की उपलब्धि बताया. बुधवार को इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन के साथ संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि यह केवल मेरा मिशन नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का मिशन था. अंतरिक्ष में अनुभव जमीन पर प्रशिक्षण से पूरी तरह अलग था. यह एक अविश्वसनीय अनुभव था. बता दें कि शुभांशु शुल्का Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने हैं.

शुभांशु ने भारतीय सरकार, इसरो और शोधकर्ताओं का आभार जताया. इतना ही नहीं शुक्ला ने अपनी व्यापक प्रशिक्षण प्रक्रिया का जिक्र करते हुए बताया कि अंतरिक्ष में शुरुआती दिन चुनौती पूर्ण थे. वापस धरती पर गुरुत्वाकर्षण के साथ तालमेल बिठाना एक चुनौती थी. मैं लोगों के समर्थन के लिए आभारी हूं.

पीएम से मिल चुके हैं शुभांशु शुक्ला

शुक्ला ने नासा के सहयोग से Axiom-4 मिशन के तहत 15 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफलतापूर्वक अपना कार्य पूरा किया और रविवार दिल्ली लौटे. उनकी यह यात्रा भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई. बुधवार को उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट की, जहां रक्षा मंत्री ने उनकी उपलब्धि को सराहते हुए इसे भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमता का प्रतीक बताया. शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की.

भारत के लिए गर्व का पल- पीएम मोदी 

शुभांशु शुक्ला से मुलाकात के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी सराहना की और उनकी उपलब्धि को राष्ट्र के लिए गर्व का पल बताया था. उन्होंने कहा कि यह भारत के युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में प्रेरित करेगा. 

‘सारे जहां से अच्छा दिखता है भारत’

शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट थे. उन्होंने अपने अनुभव को दिल को छू लेने वाला बताया. उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष से भारत को देखना एक अनमोल अनुभव था. हमारा देश आज भी सारे जहां से अच्छा दिखता है.” उनकी यह भावना देशभक्ति और वैज्ञानिक उत्साह का अनूठा संगम दर्शाती है. 

इसरो के अध्यक्ष डॉ. नारायणन ने कहा कि शुक्ला की सफलता भारत के आत्मनिर्भर अंतरिक्ष कार्यक्रम और वैश्विक सहयोग की ताकत को रेखांकित करती है. यह मिशन भारत के लिए न केवल तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती साख का भी प्रतीक है.

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