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'PM मोदी और वेंस की बातचीत के दौरान मैं कमरे में मौजूद था...', एस जयशंकर ने ट्रंप पर साधा निशाना, कहा- झूठ फैलाना बंद करें

अमेरिका दौरे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम पर डोनाल्ड ट्रंप के दावों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की धमकियों का डटकर जवाब दिया और किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की. जयशंकर ने बताया कि 9 मई को पीएम मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस की बातचीत के दौरान वे खुद मौजूद थे, जिसमें पीएम ने स्पष्ट कहा कि भारत डरने वाला नहीं है.

02 Jul, 2025
( Updated: 03 Jul, 2025
11:06 AM )
'PM मोदी और वेंस की बातचीत के दौरान मैं कमरे में मौजूद था...', एस जयशंकर ने ट्रंप पर साधा निशाना, कहा- झूठ फैलाना बंद करें

अमेरिका दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान के बीच कथित युद्धविराम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान की धमकियों के आगे झुकने की बजाय स्पष्ट रूप से जवाब देने का फैसला किया था.

एस जयशंकर ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि 9 मई की रात जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था, तो वह भी उसी कमरे में मौजूद थे. उन्होंने कहा, "तब प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि भारत पाकिस्तान की धमकियों से डरने वाला नहीं है और भारत उचित जवाब देगा." विदेश मंत्री की यह टिप्पणी ट्रंप के उन बयानों के जवाब में आई है, जिनमें उन्होंने दावा किया था कि मई की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव को शांत करवाया था. ट्रंप ने यहां तक कहा था कि उन्होंने दोनों देशों को ट्रेड बंद करने की धमकी दी थी, जिसके बाद ही युद्धविराम संभव हो पाया. हालांकि भारत सरकार पहले भी इन दावों को कई बार खारिज कर चुकी है. विदेश मंत्रालय ने पहले भी स्पष्ट किया था कि भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं स्वीकार करता और अपनी विदेश नीति पर स्वतंत्र रूप से निर्णय लेता है. बता दें कि पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी कनाडा में आयोजित जी-7 समिट में शामिल होने गए थे, जहां से उन्होंने ट्रंप से फोन पर बात की थी. लेकिन भारत का यह रुख लगातार रहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक फैसलों में भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर और दृढ़ है.

युद्धविराम था पूरी तरह द्विपक्षीय: जयशंकर 
जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच जो युद्धविराम हुआ था, वह पूरी तरह से द्विपक्षीय था और इसमें किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं थी. अमेरिकी पत्रिका न्यूज़वीक को दिए एक इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा कि भारत अपने फैसले स्वतंत्र रूप से लेता है और पाकिस्तान के साथ हुए सीज़फायर में अमेरिका या किसी अन्य देश का कोई दखल नहीं था. इससे पहले, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी ट्रंप के दावों का खंडन करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप से हुई बातचीत में साफ तौर पर कहा था कि युद्धविराम भारत-पाकिस्तान के बीच आपसी समझ का नतीजा था और अमेरिका से ट्रेड या किसी और मसले पर कोई बातचीत नहीं हुई थी. जयशंकर ने यह भी बताया कि 9 मई की रात जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने प्रधानमंत्री मोदी से बात की थी, तब वह स्वयं भी उसी कमरे में मौजूद थे. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने तब दो टूक शब्दों में कहा कि भारत पाकिस्तान की धमकियों से डरने वाला नहीं है और हम जवाब देने को तैयार हैं." जानकारी देते चलें कि मई की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया था. इसी दौरान अमेरिका की ओर से दावा किया गया कि उपराष्ट्रपति वांस की प्रधानमंत्री मोदी से हुई बातचीत के बाद ही तनाव कम हुआ. यहां तक कि ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ' पर इसे अपनी कूटनीतिक सफलता बताते हुए युद्धविराम की घोषणा भी कर दी थी.

एस जयशंकर ने कई सवालों के दिए जवाब 
मंगलवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी पत्रिका 'न्यूज़वीक' को दिए एक इंटरव्यू में पहलगाम आतंकी हमले, 'ऑपरेशन सिंदूर' और भारत-पाकिस्तान सीज़फायर को लेकर खुलकर बात की. इंटरव्यू के दौरान उनसे अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक समझौते पर भी सवाल पूछे गए. इंटरव्यू के दौरान एक व्यक्ति ने जयशंकर से सवाल किया, "राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत के बाद भारत ने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान से जुड़े मामलों में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है. लेकिन ट्रंप ने कई बार कहा कि संघर्ष रोकने के लिए व्यापार को एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया. क्या इसका भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर कोई असर पड़ा है?" इस पर जयशंकर ने जवाब दिया, "मैं उस कमरे में मौजूद था जब 9 मई की रात अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की थी. उन्होंने कहा था कि अगर हमने कुछ शर्तें नहीं मानीं, तो पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर सकता है. लेकिन प्रधानमंत्री पर इसका कोई असर नहीं हुआ. इसके उलट, उन्होंने साफ संकेत दिया कि भारत पूरी ताकत से जवाब देगा." उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों पर राष्ट्रीय सहमति यह है कि वे द्विपक्षीय रूप से ही सुलझाए जाएंगे. जयशंकर ने बताया, "उसी रात पाकिस्तान ने हमला किया और हमने तुरंत जवाब दिया. अगली सुबह अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो ने मुझे कॉल कर बताया कि पाकिस्तान अब बातचीत के लिए तैयार है. मैं वही बता रहा हूं जो मैंने खुद देखा और अनुभव किया है, बाकी आप खुद समझ सकते हैं." इस बीच, अप्रैल 2025 में ट्रंप प्रशासन ने भारत पर टैरिफ में 90 दिन की छूट दी थी, जो 8 जुलाई को समाप्त हो रही है. इस संदर्भ में मंगलवार को डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया: "मुझे लगता है कि भारत के साथ हमारा एक व्यापार समझौता होने जा रहा है. यह थोड़ा अलग होगा, जिसमें हमें भारत में प्रतिस्पर्धा का अवसर मिलेगा. अभी भारत अपने बाजार में बाहरी कंपनियों को आसानी से नहीं आने देता, लेकिन अब वह बदलाव कर सकता है. अगर ऐसा हुआ, तो हमारे बीच कम टैरिफ वाला समझौता संभव है." वहीं, जयशंकर ने भी व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक संकेत देते हुए कहा, "हम एक जटिल व्यापार वार्ता के बीच हैं. उम्मीद है कि यह बातचीत जल्द पूरी होगी, और इसमें दोनों पक्ष सक्रिय रूप से शामिल हैं.

न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब बर्दाश्त नहीं करेगा भारत 
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के आतंकी रवैये और परमाणु धमकियों पर भारत की नीति को बेहद स्पष्ट शब्दों में सामने रखा. उन्होंने कहा कि भारत अब तथाकथित "न्यूक्लियर ब्लैकमेल" से डरने वाला नहीं है और अगर कोई भारत को चोट पहुँचाएगा, तो जवाब ज़रूर दिया जाएगा. जयशंकर ने कहा, "हम पिछले चार दशकों से आतंकवाद का सामना कर रहे हैं, चाहे वह संसद हमला हो, मुंबई हमला या हालिया पहलगाम हमला इन घटनाओं ने भारत की सहनशीलता की सीमा को पार कर दिया है." उन्होंने जोर देते हुए कहा, "भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे सीमा पार हों या खुलेआम अपने हेडक्वार्टर चला रहे हों. हमें पता है कि वे कहां हैं और हमने उन्हें जवाब भी दिया है." एस. जयशंकर के मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से ‘बड़े हमले’ की चेतावनी अमेरिका की ओर से दी गई थी, लेकिन भारत ने दबाव में आने के बजाय सख्त और सैन्य प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "हम अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल की बातों में नहीं आने वाले हैं.

पाकिस्तान से बातचीत की कोई संभावना खारिज नहीं
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत पाकिस्तान से तभी बात करेगा जब वह आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करेगा. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारत फिर से जवाबी कार्रवाई करेगा. जयशंकर ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आतंकवाद को प्रॉक्सी कहकर जिम्मेदारी से बचा नहीं जा सकता, क्योंकि पाकिस्तान सरकार खुद इसमें लिप्त है. पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की शांति वार्ता की पेशकश पर जयशंकर ने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद जारी रखेगा, तब तक किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत व्यावहारिक नहीं है.

वैश्विक तनावों पर भारत की स्पष्ट नीति
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि इजरायल-ईरान युद्ध और ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमलों ने भारत-पाकिस्तान तनाव जैसे मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पीछे धकेल दिया है. उन्होंने बताया कि भारत ने इजरायल और ईरान दोनों से गहरे संबंधों के चलते संकट सुलझाने की पेशकश की है, क्योंकि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जो दोनों पक्षों से ईमानदारी से बात कर सकते हैं. जयशंकर ने अमेरिका की विदेश नीति में आए बदलाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि दुनिया अब 'पोस्ट-अलायंस' युग में प्रवेश कर रही है, जहां देश अपने हितों को गठबंधनों के बजाय स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत, चीन और रूस जैसे देशों का उभार इसी बदलाव का संकेत है. अमेरिका-चीन तनाव पर पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत दोनों देशों के साथ अपने-अपने हितों के आधार पर संबंध बनाए रखता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत चीन के साथ स्थिरता चाहता है, लेकिन अमेरिका के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को भी और मजबूत कर रहा है.

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