'परमिशन लेकर की थी शादी', पाकिस्तानी महिला से निकाह करने वाले बर्खास्त CRPF जवान का बयान
वीजा परमिशन खत्म होने के बाद भी अपनी पत्नी को अवैध रूप से रखने के आरोप में बर्खास्त किए गए CRPF जवान का एक बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि "मैंने मुख्यालय से पाकिस्तानी महिला से निकाह करने को लेकर अनुमति मांगी थी और मुझे अधिकारियों द्वारा करीब 1 महीने बाद औपचारिक अनुमति मिल गई थी."
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भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के दौरान पाकिस्तानी महिला से बिना परमिशन लिए शादी करने के आरोप में बर्खास्त किए गए CRPF जवान ने बड़ा खुलासा किया है. उसने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों पर सफाई देते हुए कहा है कि मैने शादी से पहले मुख्यालय से परमिशन ली थी. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें मीडिया सूत्रों से अपनी बर्खास्तगी की जानकारी मिली है. मुझे एक पत्र भी मिला है.
#WATCH | J&K: Munir Ahmad, a resident of Jammu, who is married to a Pakistani national, Meenal Khan, was dismissed from CRPF
He says, " Our wedding happened on 24th May 2024 through video conference...she is my cousin...they stay in Pakistan. Before partition, both families… pic.twitter.com/s5sQow2Cmo
— ANI (@ANI) May 4, 2025
बर्खास्त CRPF जवान ने आरोपों से किया इंकार
बिना परमिशन पाकिस्तानी महिला से निकाह और वीजा परमिशन खत्म होने के बाद भी अपनी पत्नी को भारत में अवैध रूप से रखने के आरोप में बर्खास्त किए गए CRPF जवान का एक बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि "मैंने मुख्यालय से पाकिस्तानी महिला से निकाह करने को लेकर अनुमति मांगी थी और मुझे अधिकारियों द्वारा करीब 1 महीने बाद औपचारिक अनुमति मिल गई थी. जिसके बाद ही मैंने शादी करने का फैसला किया." बर्खास्त जवान ने यह भी कहा कि "मीनल खान से शादी को लेकर मैने CRPF को सबसे पहले 31 दिसंबर 2022 को सूचित किया था. मैंने कई आधिकारिक चैनलों के अलावा अपने माता-पिता सरपंच और जिला विकास हलफनामे को भी सूचित किया था. मैंने सभी आवश्यक दस्तावेज भी जमा किए थे और मुझे 30 अप्रैल 2024 को परमिशन मिल गई थी. इसके बाद मैने अगले महीने 24 अप्रैल को शादी की थी. लेकिन मुझे पत्र के माध्यम से मेरी बर्खास्तगी की सूचना मिली. यह पत्र मेरे और मेरे परिवार के लिए एक बहुत बड़ा झटका है."
#WATCH | J&K: Munir Ahmad, a resident of Jammu, who is married to a Pakistani national, Meenal Khan, was dismissed from CRPF
He says, " Our wedding happened on 24th May 2024 through video conference...she is my cousin...they stay in Pakistan. Before partition, both families… pic.twitter.com/s5sQow2Cmo
क्या है पूरा मामला?
भारतीय सेना के 41वीं बटालियन के CRPF जवान मुनीर अहमद अप्रैल 2017 में सेना में शामिल हुए थे. वह जम्मू के घरोटा इलाके के रहने वाले हैं. कई साल पहले ऑनलाइन चैट और कॉल के जरिए उनकी दोस्ती पाकिस्तान के सियालकोट की रहने वाली मीनल खान से हुई. काफी लंबे समय तक चली बातचीत और प्यार के बाद दोनों ने एक-दूसरे से शादी करने का फैसला किया. मुनीर और मीनल ने 24 मई 2024 को ऑनलाइन निकाह किया.CRPF अधिकारियों का क्या है आरोप?
भारतीय सेना में CRPF की 41वीं बटालियन के जवान मुनीर अहमद को बर्खास्त किए जाने पर CRPF के अधिकारियों का कहना है कि " मुनीर अहमद ने पाकिस्तानी महिला से शादी के बारे में किसी भी तरह की कोई सूचना नहीं दी थी. वीजा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी मुनीर की पत्नी मीनल अवैध तरीके से रह रही थीं. यह सेवा आचरण के नियमों का उल्लंघन है. इससे देश की सुरक्षा के लिए भी बड़ा जोखिम है."
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कैसे खुला पूरा मामला
बता दें कि बर्खास्त CRPF जवान मुनीर अहमद की पत्नी मीनल खान इसी साल अल्पकालिक वीजा के जरिए 28 फरवरी को वाघा-अटारी सीमा के रास्ते भारत में आई थीं.इस वीजा की अवधि 22 मार्च तक थी. लेकिन उसके बावजूद मीनल भारत में रह रही थी. यह मामला तब सामने आया. जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा को तुरंत रद्द करते हुए उन्हें अपने मुल्क वापस जाने को कहा. इसमें मीनल खान को भी नोटिस मिला. इसके बाद CRPF जवान ने अपनी पत्नी को पाकिस्तान न भेजने को लेकर जम्मू की भलवाल कोर्ट में अपील दायर की थी.
मुनीर अहमद ने मार्च में अपनी पत्नी के लिए दीर्घकालिक वीजा का आवेदन किया था. उसके बाद आवेदन से लेकर साक्षात्कार और सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी थी. लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद डिपोर्ट नहीं किया गया. मीडिया में यह खबर चलते ही CRPF ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मुनीर अहमद के ऊपर एक्शन लिया और उन्हें बर्खास्त कर दिया.
इस मामले पर मीनल ने भी दिया बयान
CRPF जवान की पत्नी मीनल खान को जब भारत सरकार द्वारा तय सीमा के आखिरी दिन 30 अप्रैल को डिपोर्ट के लिए ले जाया जा रहा था. उस वक्त मीनल का भी बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था कि "हम सभी आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं. लेकिन निर्दोष लोगों को सजा देना कहां का न्याय है. मैंने वीजा बढ़ाने के लिए आवेदन किया था. हमें बताया गया था कि मंजूरी मिल जाएगी. लेकिन समय लगेगा. कई बच्चों को मां-बाप से अलग किया जा रहा है. यह अमानवीय है." उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से गुजरात लगाई थी.
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