अयोध्या में फिर से रचा जाएगा इतिहास, राम मंदिर परिसर में विराजेंगे भगवान भोलेनाथ-हनुमान, जानिए किन-किन देवी-देवताओं की मूर्ति होगी स्थापित?
प्रभु श्रीराम की नगरी में करीब डेढ़ साल बाद एक और इतिहास लिखने की तैयारी है. जहां 5 जून को 101 आचार्यों द्वारा 14 मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान होगा. यह कार्यक्रम 3 दिनों तक चलेगा. परकोटे के 6 मंदिरों में भगवान शिव, गणपति, हनुमान, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्तियां स्थापित होंगी. सभी देवी-देवताओं की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अलावा सप्त मंडप में 7 ऋषियों की भी प्रतिष्ठा की जाएगी.
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प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या एक बार फिर से इतिहास रचने को तैयार है. साढ़े पांच सौ वर्षों के लंबे इंतजार के बाद 22 जनवरी 2024 को रामलला अपने मंदिर में विराजमान हुए थे. इस खास मौके पर देशवासियों ने दिवाली मनाई थी. हर साल प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन को काफी खास बनाया जाता है. प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान इस बात का भी ऐलान हुआ था कि मंदिर में कई और देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित की जाएगी. ऐसे में करीब डेढ़ साल बाद यह ऐतिहासिक मौका आ गया है. जहां गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर राम जन्मभूमि परिसर में 101 आचार्यों के वैदिक मंत्रों से भगवान भोले के अलावा कई अन्य देवी-देवताओं सहित सप्त ऋषिओं की भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यकम होगा. 5 जून का दिन न केवल पंचांग के पर्व के रूप में दर्ज होगा, बल्कि भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिक चेतना के रूप में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.
अयोध्या में फिर से लिखा जाएगा इतिहास
बता दें कि प्रभु श्रीराम की नगरी में करीब डेढ़ साल बाद एक और इतिहास लिखने की तैयारी है. जहां 5 जून को 101 आचार्यों द्वारा 14 मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान होगा. यह कार्यक्रम 3 दिनों तक चलेगा. इसमें वैदिक मंत्रों का गायन, रामायण पाठ और कई अन्य तरह के अनुष्ठान होंगे. इस दौरान अन्य देवताओं और वैदिक शिलाओं की प्रतिष्ठा की जाएगी. गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर यह कार्यकम 3 से 5 जून तक चलेगा. पूजा अनुष्ठान की शुरुआत 30 मई एकादशी वाले दिन से होगी. दरअसल, यह दिन इसलिए चुना गया है क्योंकि इसी दिन शिलाओं की विशेष प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. जो शिववास और एकादशी का विशेष योग होने के कारण शुभ मानी जाती है.
राम मंदिर में इन देवी-देवताओं की मूर्ति होगी स्थापित
बता दें कि डेढ़ साल बाद एक बार फिर से प्रभु श्रीराम मंदिर के 14 देवालयों में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा. इसमें सुमेरु के शिल्पियों द्वारा तैयार 3 फीट ऊंचे सिंहासन पर देव विग्रहों की प्रतिष्ठा होगी. इसके अलावा परकोटे के 6 मंदिरों में भगवान शिव, गणपति, हनुमान, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा की मूर्तियां स्थापित होंगी. वहीं शेषावतार मंदिर में भगवान लक्ष्मण की प्रतिष्ठा अयोध्या में स्थापित शिला से की जाएगी. इस मंदिर में जो शिवलिंग प्रतिष्ठित किया जाएगा. वह 48 इंच ऊंचा, 15 इंच चौड़ा और 68 इंच व्यास काले ग्रेनाइट से बना हुआ है. इसे 22 अगस्त 2024 को अयोध्या लाया गया था.
सप्त मंडप में स्थापित होंगी सात ऋषियों की मूर्ति
परकोटे में सभी देवी-देवताओं की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अलावा सप्त मंडप में 7 ऋषियों की भी प्रतिष्ठा की जाएगी. इनमें वशिष्ठ, वाल्मीकि, अत्रि, वामदेव, विश्वामित्र, अगस्त्य, शरभंग और निषादराज की मूर्ति स्थापित की जाएगी. राम मंदिर गूंजते वेद मंत्रों, रामायण पाठ, स्तोत्रों की ऊर्जा ध्वनि से भर उठेगा. इसके अलावा वाल्मीकि रामायण, चारों वेदों का पाठ, राम रक्षा स्तोत्र, समसत्व स्तोत्र और रामायण मंत्रों के जप से वातावरण ओतप्रोत रहेगा.