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देशवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी, भारतीय रेलवे ने 30 स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने का किया ऐलान, 1 जुलाई से होगी शुरुआत

रेलवे बोर्ड के मुताबिक, अगले 6 महीने के अंदर कुल 30 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को अलग-अलग रूट पर चलाने का प्लान तैयार किया गया है. इस कड़ी में देश को पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 1 जुलाई से किसी निर्धारित रूट पर चलनी शुरू हो जाएगी. पीएम मोदी बतौर मुख्य अतिथि हरी झंडी दिखा सकते हैं.

देश की सबसे उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेन वंदे भारत में आपकी यात्रा का अनुभव बदलने वाला है. इंडियन रेलवे ने देशवासियों को खास खुशखबरी दी है. बता दें कि अगले महीने से लेकर साल के अंत तक देश में कुल 30 स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने का ऐलान किया गया है. यह कई विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस और हाई स्पीड ट्रेन होगी. सरकार ने अपने प्लान के मुताबिक, चालू वित्तीय वर्ष में इसका लक्ष्य रखा है. इस श्रेणी की पहली ट्रेन 1 जुलाई से चलनी शुरू हो जाएगी. फिलहाल बोर्ड इसका किराया और रेल मार्ग तय करने में लगा हुआ है. अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन लखनऊ ने ट्रेन की तकनीक व स्पीड से जुड़ी सारी जांच पूरी कर ली है.

1 जुलाई को देश को मिल जाएगी पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 

रेलवे बोर्ड के मुताबिक, अगले 6 महीने के अंदर कुल 30 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को अलग-अलग रूट पर चलाने का प्लान तैयार किया गया है, इस कड़ी में देश को पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 1 जुलाई से किसी निर्धारित रूट पर चलनी शुरू हो जाएगी. पीएम मोदी बतौर मुख्य अतिथि हरी झंडी दिखा सकते हैं. वहीं भारत सरकार के उपक्रम भारत अर्थ एंड मूवर्स लिमिटेड बेंगलुरु में 10 स्लीपर वंदे भारत ट्रेन बनकर तैयार है. पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद बाकी अन्य को भी जल्द ही पटरी पर उतारा जाएगा. दूसरी तरफ इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में भी 8 से 10 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का निर्माण हो रहा है.

160 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी रफ्तार 

नई तकनीक और कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की स्पीड 160 किलोमीटर से 240 किलोमीटर प्रति घंटा की होगी. देश में अधिकतम स्पीड की ट्रेन शताब्दी, वंदे भारत चेयरकार की है, जो 130 किलोमीटर प्रति घंटा दौड़ती है. लेकिन वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को कम से कम 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलाने की योजना है. हालांकि, आगे भी इसकी स्पीड में बढ़ोतरी की जाएगी. इन ट्रेनों को मुंबई-दिल्ली और दिल्ली-हावड़ा रूट पर चलाने की तैयारी है. इन रेलमार्गों को किसी भी तरह की टक्कर से बचने के लिए टक्कररोधी कवच व स्पीड को बरकरार रखने के लिए सुरक्षा के कई उपाय किए जा रहे हैं. 

'सभी स्लीपर ट्रेनों को हाई स्पीड पर चलाया जाएगा'

भारत के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी अनौपचारिक रूप से बातचीत में बताया है कि 'भविष्य में विदेशी बुलेट ट्रेनों के बजाय वंदे भारत ट्रेनों को हाई स्पीड पर चलाया जाएगा. विश्व मानक के अनुसार 240 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार को हाई स्पीड माना गया है. हालांकि, इससे भी ज्यादा रफ्तार बढ़ाया जा सकता है. लेकिन ट्रेन के परिचालन का खर्च बढ़ जाएगा. वर्तमान में जापान और किसी यूरोपियन देश के साथ मिलकर बुलेट ट्रेन चलाने की कोई भी योजना नहीं है. 240 की रफ्तार से वंदे भारत को चलाने के लिए पृथक हाई स्पीड एलिवेटेड कॉरिडोर भी बनाए जाएंगे.'

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