यूपी में पहली बार एमआईसीई प्रोत्साहन योजना, एमएसएमई को वैश्विक मंच से जोड़ने की योगी सरकार की पहल
हाल ही में योगी सरकार द्वारा प्रख्यापित उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025–2030 में इस योजना को पहली बार शामिल किया गया है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के छोटे, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को देश-विदेश से जोड़ने के लिए पहली बार मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस और एक्जीबिशन्स (एमआईसीई) प्रोत्साहन योजना शुरू करने जा रही है. यह योजना उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025–2030 का हिस्सा है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर प्रदान करना, निर्यात को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना और ब्राण्ड यूपी को वैश्विक पहचान दिलाना है. इससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे.
हाल ही में योगी सरकार द्वारा प्रख्यापित उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025–2030 में इस योजना को पहली बार शामिल किया गया है. योजना के तहत एमआईसीई कार्यक्रमों के आयोजन पर प्रति विदेशी प्रतिभागी 7,000 रुपए या एक कार्यक्रम के लिए अधिकतम 6 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी. एक एमआईसीई ऑपरेटर एक वर्ष में अधिकतम दो कार्यक्रमों के लिए ही इस योजना का लाभ ले सकेगा.
एमआईसीई आयोजनों पर मिलेगी वित्तीय सहायता
इस योजना का लाभ वही एमआईसीई इवेंट ले सकेंगे जो पर्यटन मंत्रालय द्वारा मान्य हों. उत्तर प्रदेश में पंजीकृत एमएसएमई श्रेणी के एमआईसीई ऑपरेटर या इवेंट मैनेजमेंट इकाइयां, जो संबंधित विभागों और परिषदों में पंजीकृत हैं, योजना के लिए पात्र होंगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल से उत्तर प्रदेश को एक बड़े एमआईसीई हब के रूप में पहचान मिलेगी, जिससे निवेश बढ़ेगा, निर्यात को मजबूती मिलेगी, और प्रदेश के युवाओं को नए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
केवल मान्यता प्राप्त आयोजनों को मिलेगा लाभ
कार्यक्रम शुरू होने से कम से कम 60 दिन पहले निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश के पोर्टल पर आवेदन करना होगा. कार्यक्रम समाप्त होने के 60 दिनों के भीतर उसकी विस्तृत रिपोर्ट आवश्यक दस्तावेजों के साथ कार्यालय में जमा करनी होगी. सभी आवेदनों की जांच के लिए निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो के अंतर्गत एक स्क्रीनिंग समिति गठित की गई है, जिसमें निर्यात, पर्यटन और सेवा क्षेत्र से जुड़े विभागों के अधिकारी शामिल होंगे.
पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मंजूरी
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योजना के तहत दावों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मंजूरी दी जाएगी. स्वीकृत राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी, जो उपलब्ध बजट के अनुसार होगी. यदि किसी इकाई द्वारा गलत जानकारी दी जाती है या योजना का दुरुपयोग किया जाता है, तो पूरी राशि की वसूली की जाएगी और संबंधित इकाई को भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
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