भारतीय मूल के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई का निधन, 84 वर्ष में ली अंतिम सांस, पीएम मोदी सहित कई नेताओं ने जताया दुख
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मेघनाथ देसाई का 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. उनके निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है. अपने जीवनकाल में उन्होंने 200 से ज्यादा किताबें लिखीं.
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दुनिया के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री भारतीय मूल के ब्रिटेन नागरिक मेघनाद देसाई का 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. मूल रूप से गुजरात के रहने वाले देसाई ने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से मास्टर्स की डिग्री लेने के बाद लंदन के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की. उन्होंने इसी स्कूल में साल 1965 से 2003 तक अर्थशास्त्र के एमेरिटस प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाया. उनके निधन पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया है. इसके अलावा देश के कई अन्य नामी शख्सियतों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.
कौन थे मेघनाद देसाई?
ब्रिटेन के प्रतिष्ठित हाउस आफ लॉर्ड्स के सदस्य रहे मेघनाद देसाई का जन्म मूल रूप से गुजरात में हुआ था. उन्होंने शुरुआती पढ़ाई गुजरात और उसके बाद बॉम्बे विश्वविद्यालय से अपनी मास्टर्स की डिग्री पूरी की. उसके बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन का काम किया. उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में करीब 200 से ज्यादा किताबें लिखी.
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में 38 सालों तक पढ़ाया
मेघनाद देसाई ने करीब 38 वर्षों तक अर्थशास्त्र के बतौर एमेरिटस प्रोफेसर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाया. साल 1960 में यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया में भी उन्हें पढ़ने का मौका मिला. वहां पर उन्होंने 3 साल बाद पीएचडी पूरी की. देसाई को 30 अप्रैल 1991 को लॉर्ड देसाई ऑफ सेंट क्लेमेंट डेन्स बनाया गया था. इसके अलावा उन्होंने लेबर राजनेता, नेशनल सेक्युलर सोसाइटी के मानद सहयोगी के रूप में भी ब्रिटेन के शैक्षणिक और राजनीतिक क्षेत्रों में बड़ी भूमिका निभाई.
पीएम मोदी ने जताया दुख
पीएम मोदी ने मेघनाद देसाई के निधन पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा है कि "प्रतिष्ठित विचारक, लेखक और अर्थशास्त्री श्री मेघनाद देसाई जी के निधन से व्यथित हूं। वह सदैव भारत और भारतीय संस्कृति से जुड़े रहे। उन्होंने भारत-ब्रिटेन संबंधों को मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारी उन चर्चाओं को याद करूंगा, जहां उन्होंने अपने बहुमूल्य विचार साझा किए थे।"
Anguished by the passing away of Shri Meghnad Desai Ji, a distinguished thinker, writer and economist. He always remained connected to India and Indian culture. He also played a role in deepening India-UK ties. Will fondly recall our discussions, where he shared his valuable… pic.twitter.com/q1cv3DAXaw
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2025
कई प्रसिद्ध किताबें लिखीं
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अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई ने अपने पूरे करियर में अर्थशास्त्र, इतिहास और संस्कृति पर कई प्रभावशाली किताबें लिखीं. इनमें कई किताबों से उन्होंने छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रेरित किया. उनकी पहली किताब साल 1970 के दशक में शुरू हुई. उस दौरान उन्होंने मार्क्सवादी आर्थिक सिद्धांत के बारे में लिखना शुरू किया था. उसके बाद इकॉनोमेट्रिक्स, मुद्रावाद, आर्थिक विकास में भी दिलचस्पी दिखाई. उनकी कुछ फेमस किताबों में से 'मार्क्सियन इकोनॉमिक थ्योरी', 'मार्क्स रिवेंज: द रिसर्जेंस ऑफ कैपिटलिज्म एंड द डेथ ऑफ स्टेटिस्ट सोशलिज्म, द रीडिस्कवरी ऑफ इंडिया, हू रोट द भगवदगीता और नेहरूज हीरो दिलीप कुमार सुर्खियों में रहीं.
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