‘हर अग्निपरीक्षा ने हमें मजबूत बनाया...', हिंडनबर्ग मामले में SEBI द्वारा क्लीन चिट मिलने के बाद बोले गौतम अडानी, कहा - हर संकट कुछ सिखा कर जाता है
हिंडनबर्ग मामले में SEBI द्वारा क्लीन चिट मिलने के बाद अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी ने पहली बार अपना संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने अपने कर्मचारियों को इस संकट के समय में मजबूती के साथ समूह के साथ खड़ा होने पर धन्यवाद कहा.
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देश के उद्योगपति गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आरोपों की जांच के बाद सेबी (SEBI) द्वारा मिली क्लीन चिट के बाद बड़ा बयान दिया है. गौतम ने इस पूरी घटना को अग्निपरीक्षा बताते हुए कहा कि इस संकट ने उन्हें और उनकी कंपनी को और भी अधिक मजबूती प्रदान की है. उनका कहना है कि संकट हमेशा कुछ सीखा के जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में अडानी समूह पर दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था, जिसके बाद समूह के शेयरों में गिरावट आई थी. इससे कई निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा था. ऐसे में अब क्लीन चिट मिलने के बाद उन्होंने अपने कर्मचारियों के नाम संदेश में इसे 'टारगेटेड हमला' बताया और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की भी सराहना की.
क्या है पूरा मामला?
बता दें 25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया था. इसमें दावा किया गया कि यह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 3 साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की संपत्ति एक अरब डॉलर से बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई.
'हर संकट कुछ सिखा कर जाता है'
गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आरोपों की जांच के बाद सेबी (SEBI) द्वारा मिली क्लीन चिट के बाद अपने बयान में कहा कि 'हर संकट कुछ सिखा कर जाता है. एक पहले पीढ़ी के उद्यमी के तौर पर मैं जानता हूं कि यह हमारी आखिरी अग्निपरीक्षा नहीं होगी, लेकिन जब हम इन इम्तहानों से गुजरते हैं, तो हमारी नींव और गहरी होती है. हमारी दृढ़ता पहले से कहीं अधिक मजबूत बन जाती है. वह चुनौतीपूर्ण दौर ही ऐसा समय होता है, जब असली ताकत और धैर्य सामने आता है. हमारे ग्रुप ने इस दौरान जिस तरह से संयम रखा और आरोपों का डटकर सामना किया, उसे वह आने वाले भविष्य की बड़ी तैयारी मानते हैं.'
'हमारा मकसद सिर्फ सुर्खियों में बने रहना नहीं '
गौतम अडानी ने आगे कहा कि 'उनका मकसद सिर्फ आज की सुर्खियों में बने रहना नहीं है, बल्कि कुछ ऐसा बनाना है, जो आने वाले वक्त में एक मिसाल बन जाए. हमें आज की वाहवाही के पीछे नहीं भागना चाहिए, बल्कि ऐसी चीजे बनानी चाहिए, जो वक्त की कसौटी पर खरी उतरें. सुर्खियां तो एक समय के बाद खत्म हो जाती हैं, लेकिन जो हम आज बना रहे हैं, वह आने वाले सालों में याद किया जाएगा.'
'भविष्य अपनी रफ्तार से आगे बढ़ता रहेगा'
उन्होंने भविष्य को लेकर कहा कि 'मेरा मानना है कि भविष्य तो अपनी रफ्तार से आगे बढ़ता रहेगा,चाहे कोई साथ चले या न चले. अब यह हमारे ऊपर है कि हम अपने सपनों के मुताबिक उस भविष्य को आकार दें या फिर हालात हमें जैसे चाहें वैसे ढाल दें.'
'यह सिर्फ कानूनी ताकत नहीं हमारे मूल्यों की जीत है'
अडानी ने आगे कहा कि 'SEBI की क्लीन चिट सिर्फ कानूनी राहत नहीं है, बल्कि यह नैतिक जीत है. यह उनके समूह की पारदर्शिता, अंदर के मूल्य और लंबी सोच की जीत है. पिछले तीन सालों में जो चुनौतियां आईं, उन्होंने अडानी ग्रुप को खुद को समझने और सुधारने का मौका दिया. इस प्रक्रिया ने न सिर्फ ग्रुप को मजबूत बनाया, बल्कि इसे एक नई, साफ और स्पष्ट दिशा भी दी. हमारी आगे आने वाली चुनौतियां और भी बड़ी होंगी, लेकिन हमारी तैयारी पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है.'
'अडानी ग्रुप पहले से ज्यादा मजबूत और तैयार'
गौतम अडानी ने कहा कि 'हमारा आगे का रास्ता आसान नहीं होने वाला, लेकिन अब अडानी ग्रुप पहले से ज्यादा मजबूत और तैयार है. विकास के साथ हमेशा विरोध भी आता है और मुझे कोई शक नहीं कि भविष्य में और भी कठिन परीक्षाएं हमारी राह देख रही हैं, लेकिन जो जुनून आज हमारे अंदर जल रहा है, वही कल हमारी सबसे बड़ी ताकत बनेगा.'
गौतम अडानी का भावुक बयान
गौतम ने एक भावुक बयान में कहा कि 'जैसे अडानी ग्रुप हर मुश्किल समय से निखरकर बाहर निकला है, उसी तरह आगे भी यह नई ऊंचाइयों को छूएगा. यह कंपनी लगातार अग्निपरीक्षा दर अग्निपरीक्षा से गुजरती रही है.'
'एक एक टारगेटेड हमला था'
अडानी ने कहा कि 'यह हमला सिर्फ एक बाजार की घटना नहीं थी, बल्कि एक टारगेटेड हमला था, एक वैश्विक तमाशा था, जिसने हमारी प्रतिष्ठा, हमारे लचीलेपन और भारत के अपने उद्यमियों पर विश्वास की परीक्षा ली. हालांकि, हिंडनबर्ग रिसर्च पिछले साल रहस्यमय परिस्थितियों में बंद हो गया, फिर भी संदेह बना रहा.'
'आप लोग मेरे साथ डटे रहे'
अडानी ने अपने कर्मचारियों और निवेशकों को लेकर कहा कि 'आप, मेरे लोग, मेरे साथ डटे रहे. मैं उन चिंताओं को जानता हूं, जो आपके परिवारों ने महसूस की होंगी, उन शंकाओं को भी जो आपने कभी-कभी महसूस की होंगी और उसके बाद भी दिन-ब-दिन आप सामने आए. आपने मेरे विश्वासों के लिए संघर्ष किया.'
'हमारे बंदरगाहों का विस्तार हुआ'
उन्होंने कहा कि 'जब दुनिया हमारे बारे में बहस कर रही थी, तब हमारे बंदरगाहों का विस्तार हुआ, ट्रांसमिशन लाइनें और आगे बढ़ीं, बिजली संयंत्र मज़बूती से चलते रहे, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं दुनिया को हरा-भरा बनाती रहीं, हवाई अड्डे उन्नत हुए, सीमेंट भट्टियां जलती रहीं और लॉजिस्टिक टीमें बेहतरीन ढंग से काम करती रहीं. आपने साबित कर दिया कि दबाव में काम करना ही चरित्र की सबसे सच्ची परीक्षा है और अडानी का चरित्र अटूट है.'
'कर्मचारी इसे एक 'चिंगारी' के रूप में याद रखें'
गौतम अडानी ने कहा कि 'पिछले तीन साल की अवधि को कर्मचारी एक ऐसी 'चिंगारी' के रूप में याद रखें, जो बड़े अडानी समूह का निर्माण करे.' उन्होंने अपने संदेश के आखिर में कहा कि 'हमारी कहानी साहस, संकल्प और मातृभूमि भारत से किए गए वादे की गवाही बने. सत्यमेव जयते, जय हिंद.'
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